विपक्ष ने गैर भाजपा शासित राज्यों के साथ रेल परियोजनाओं को लेकर सौतेला बर्ताव करने का आरोप लगाया
माधव मनीषा
- 12 Mar 2025, 03:27 PM
- Updated: 03:27 PM
नयी दिल्ली, 12 मार्च (भाषा) राज्यसभा में बुधवार को तृणमूल कांग्रेस सहित विपक्षी दलों के सदस्यों ने केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार पर रेल परियोजनाओं को लेकर गैर भाजपा शासित राज्यों के साथ सौतेला व्यवहार करने और उन्हें दिये जाने वाले कोष में कमी करने का आरोप लगाया।
उच्च सदन में रेल मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा में भाग लेते हुए तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन ने कहा कि देश के 140 करोड़ लोगों के लिए भारतीय रेलवे एक जीवनरेखा है। उन्होंने अपनी बात बांग्ला में रखी।
उन्होंने कहा कि रेलवे के निजीकरण के प्रयासों के कारण आज रेलवे को यह दिन देखना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि आम बजट में रेल शब्द केवल तीन बार सुनने को मिला और उसमें भी रेलवे सुरक्षा के बारे में एक भी शब्द नहीं कहा गया।
उन्होंने कहा कि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यह कहकर सदन को गुमराह किया है कि गैर भाजपा शासित राज्यों को रेल परियोजनाओं के लिए करोड़ों रूपये दिये गये।
तृणमूल सदस्य ने कहा कि संप्रग सरकार के शासनकाल में कुल रेल बजट का 1.43 प्रतिशत केरल को दिया गया जो राजग सरकार के शासनकाल में घटकर 1.17 प्रतिशत रह गया। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल को दिये जाने वाले कोष में भी कमी आयी है।
उन्होंने दावा किया कि रेलवे आंतरिक राजस्व भी अर्जित करने में नाकाम रहा है। उन्होंने कहा कि रेलवे की निबल आय भी मामूली रही है। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में रेलवे बजटीय अनुमान को घटाया गया है।
सेन ने रेल मंत्री वैष्णव को सुझाव दिया कि पूर्व रेल मंत्री ममता बनर्जी ने रेलवे के सुधार के लिए जो उपाय किए थे, उनको फिर से अपनाया जाना चाहिए जिससे रेलवे की आय बढ़ेगी। उन्होंने रेल मंत्री वैष्णव से अहंकार छोड़ने को कहा।
चर्चा में भाग लेते हुए द्रमुक के एन आर इलांगो ने तमिलनाडु में चल रही विभिन्न रेल परियोजनाओं के क्रियान्वयन की धीमी गति पर चिंता जतायी। उन्होंने कहा कि चाहे आम बजट हो, रेलवे बजट हो या भाषा का मुद्दा हो, केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार तमिलनाडु के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है।
उन्होंने कहा कि चूंकि तमिलनाडु के लोगों ने भाजपा के पक्ष में मतदान नहीं किया, इसका यह मतलब नहीं है कि उनके साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार हो। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के लोगों की देशभक्ति किसी से भी कम नहीं है।
इलांगो ने कहा कि मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से रेलवे का विभिन्न तरीके से निजीकरण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लोगों की संविदा पर भर्ती हो रही है या कामों को आउट सोर्स किया जा रहा है।
चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस के अनिल कुमार यादव मंदादी ने कहा कि 1950 के दशक में देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने रेलवे का राष्ट्रीयकरण किया था जिसका मकसद देश के लोगों को वहनीय मूल्य पर यात्रा की सुविधा प्रदान करना था।
उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री रहने के दौरान देश में पहली राजधानी ट्रेन और देश की पहली मेट्रो ट्रेन कोलकाता में चली थी। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी के प्रधानमंत्री रहने के दौरान रेलवे टिकटों का कंप्यूटरीकरण किया गया था। उन्होंने कहा कि पीवी नरसिंह राव के प्रधानमंत्री रहने के दौरान रेलवे पटरी वहां बिछायी गयी, जहां यह सुविधा पहले नहीं थी।
यादव ने कहा कि मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री रहने के दौरान ट्रेनों में बायो टायलेट सहित विभिन्न सुविधाओं की शुरुआत की गयी।
उन्होंने कहा कि उनका राज्य तेलंगाना देश का सबसे युवा प्रदेश है। उन्होंने कहा कि इस राज्य को आज केंद्र की मदद की सबसे अधिक जरूरत है किंतु केंद्र ने मदद के तमाम वादे करने के बावजूद आज तक उन्हें पूरा नहीं किया।
कांग्रेस सदस्य ने कहा कि पिछले छह माह के दौरान देश में जितनी ट्रेन दुर्घटनाएं हुई हैं, उसे देखते हुए आज आदमी ट्रेनों में यात्रा करने से घबरा रहा है। उन्होंने कुंभ के दौरान नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ में 18 लोगों की मौत का उल्लेख करते हुए कहा कि इन लोगों की मौत की जिम्मेदारी कौन लेगा?
उन्होंने कहा कि कुंभ के दौरान जितने लोगों की मौत हुई, उनके बारे में सरकार अलग अलग संख्या क्यों बता रही है?
भाषा
माधव