मणिपुर बजट को माकपा ने ‘अपर्याप्त’ करार दिया, जद (यू) ने कहा बजट पूरी तरह संतोषजनक नहीं है
यासिर देवेंद्र
- 12 Mar 2025, 03:27 PM
- Updated: 03:27 PM
इम्फाल, 12 मार्च (भाषा) मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने मणिपुर के बजट को जातीय हिंसा, बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी के कारण लोगों की समस्याओं को दूर करने के लिए ‘अपर्याप्त’ बताया।
वहीं जनता दल (यूनाइटेड) ने दावा किया कि मणिपुर के लिए वार्षिक वित्तीय आवंटन ‘पूरी तरह से संतोषजनक नहीं’ है।
लोकसभा ने मंगलवार को वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए मणिपुर बजट और अनुदानों की अनुपूरक मांगों को पारित कर दिया, जिसमें मौजूदा वित्त वर्ष में 51,463 करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्यय शामिल है।
माकपा की राज्य इकाई के सचिव क्षेत्रीमयुम शांता ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘पिछले वित्त वर्ष की तुलना में आवंटन में वृद्धि हुई है। हालांकि हिंसा, बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों से जूझ रहे लोगों के लिए यह बजट अपर्याप्त है।’’
उन्होंने यह भी दावा किया कि बिना उचित चर्चा और राज्य की जमीनी हकीकत का अध्ययन किए बगैर बजट पेश किया गया।
माकपा नेता ने कहा, ‘‘यह बजट 60 हजार से अधिक बेघर लोगों की आवश्यकताओं को कैसे पूरा करेगा? बजट उन्हें चुराचांदपुर, मोरेह और इंफाल के कुछ हिस्सों में ध्वस्त हो चुके घरों के पुनर्निर्माण के लिए कैसे मुआवजा देगा।’’
शांता ने दावा किया कि राज्य ने दशकों में सबसे विनाशकारी बाढ़ देखी है, लेकिन इस प्रलय का कोई जिक्र नहीं किया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘हम जानना चाहते हैं कि बढ़ती महंगाई पर अंकुश लगाने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है।’’
उन्होंने कहा कि बजट तैयार करने से पहले जिला स्तर के नौकरशाहों को लोगों तक पहुंचना चाहिए और उनकी आवश्यकताओं को समझना चाहिए।
इस बीच जद(यू) की मणिपुर इकाई के सचिव मैसनाम डोरेंड्रो ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘बजट पूरी तरह संतोषजनक नहीं है। हालांकि कई वर्गों की ओर से आलोचना की गई है कि बजट में आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों को शामिल नहीं किया गया है, लेकिन उनके लिए पहले भी सहायता और धन आवंटित किया गया है।’’
संसद के निचले सदन ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 1,291 करोड़ रुपये की अतिरिक्त अनुदान मांगों और 2024-25 में मणिपुर के लिए 1,861 करोड़ रुपये की अनुपूरक अनुदान मांगों को ध्वनिमत से पारित किया।
मणिपुर बजट के संबंध में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कुल प्राप्तियां 35,368 करोड़ रुपये हैं, जबकि कुल अनुमानित व्यय 35,104 करोड़ रुपये है।
भाषा यासिर