प्रधानमंत्री को जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने का अपना वादा पूरा करना चाहिए: करात
आशीष माधव
- 17 Feb 2025, 06:44 PM
- Updated: 06:44 PM
जम्मू, 17 फरवरी (भाषा) मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के पोलित ब्यूरो समन्वयक प्रकाश करात ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने के अपने वादे को पूरा करने का सोमवार को आग्रह किया।
उन्होंने देश के लोकतांत्रिक और संघीय ढांचे पर कथित हमलों के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर निशाना भी साधा।
करात ने पार्टी की जम्मू-कश्मीर इकाई के 13वें दो दिवसीय राज्य सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘राज्य का दर्जा बहाल करने की आपकी लड़ाई सिर्फ आपकी लड़ाई नहीं है, बल्कि पूरे देश की लड़ाई है। यह लोकतंत्र, संविधान, संघीय ढांचे की रक्षा करने और मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों का मुकाबला करने की लड़ाई भी है।’’
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ बड़ा अन्याय हुआ जब पूर्ववर्ती राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया और पांच अगस्त, 2019 को इसका विशेष दर्जा समाप्त कर दिया गया।
माकपा नेता ने कहा, ‘‘मुख्य मुद्दा यह है कि जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा कब बहाल किया जाता है। प्रधानमंत्री द्वारा किया गया वादा तुरंत पूरा किया जाना चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर में 2019 की घटना देश के संविधान, लोकतंत्र और संघीय ढांचे पर सबसे बड़ा हमला है।’’
करात ने कहा, ‘‘पिछले 10 वर्षों में, हम धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र पर लगातार हमले और काले कानूनों के कार्यान्वयन, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत लोगों को हिरासत में लेने, विपक्षी नेताओं की गिरफ्तारी देख रहे हैं। पहली बार दिल्ली और झारखंड के मुख्यमंत्रियों को लोकसभा चुनाव से ठीक पहले जेल में डाल दिया गया।’’
माकपा नेता ने आरोप लगाया कि अधिकतर मीडिया भी भाजपा के नियंत्रण में है और जो तटस्थ रहने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें दबाया जा रहा है और जेल में डाला जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश में बेरोजगारी बढ़ रही है, किसान सबसे खराब स्थिति का सामना कर रहे हैं और मजदूर भी परेशान हैं।
करात ने यह भी कहा कि देश अपनी लोकतांत्रिक व्यवस्था में विदेशी धनराशि नहीं चाहता और ‘‘इस पर तत्काल प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।’’
उन्होंने अमेरिका से भेजे गए भारतीय नागरिकों के साथ किए गए व्यवहार पर कड़ा रुख अपनाने में विफल रहने के लिए भी केंद्र सरकार की आलोचना की।
करात ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम नहीं चाहते कि विदेशी संगठन हमारे देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था में इस तरह का हस्तक्षेप करें। इस पर तत्काल प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।’’
करात अरबपति एलन मस्क के नेतृत्व वाले अमेरिकी सरकारी दक्षता विभाग (डीओजीई) द्वारा व्यय में कटौती की घोषणा पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे, जिसमें ‘‘भारत में मतदान’’ बढ़ाने के लिए 2.1 करोड़ डॉलर का आवंटन भी शामिल था।
अमेरिका से निकाले जाने के दौरान भारतीयों को हथकड़ी लगाए जाने और अपमानित किए जाने की तस्वीरों पर करात ने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे नागरिकों के साथ ऐसा व्यवहार किया जा रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ उनकी हालिया यात्रा के दौरान इस मुद्दे को उठाना चाहिए था। मोदी की यात्रा के बाद अमेरिका से दो और विमान आए, लेकिन भेजे गए लोगों को इसी स्थिति का सामना करना पड़ा। वे हमारे देश के नागरिक हैं और वे अपराधी नहीं हैं जो इस तरह के व्यवहार के लायक हों।’’
भाषा आशीष