अनुच्छेद 370 अब ‘इतिहास’ बन चुका है, जम्मू-कश्मीर में इसकी कभी वापसी नहीं होगी: अमित शाह
देवेंद्र पवनेश
- 06 Sep 2024, 09:03 PM
- Updated: 09:03 PM
(तस्वीरों के साथ)
जम्मू, छह सितंबर (भाषा) जम्मू-कश्मीर में पिछले 10 वर्ष में आतंकवाद संबंधी और पथराव की घटनाओं में उल्लेखनीय कमी आने को रेखांकित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि अनुच्छेद 370 अब ‘‘इतिहास’’ बन गया है और केंद्र शासित प्रदेश में इसकी कभी वापसी नहीं होगी।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा का घोषणा-पत्र (संकल्प पत्र) जारी करते हुए शाह ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस नेता राहुल गांधी से उनकी पार्टी के नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के साथ गठबंधन पर भी सवाल किया और लोगों से सुशासन जारी रखने के लिए भाजपा को वोट देने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल की अवधि देश और जम्मू-कश्मीर के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखी जाएगी।
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के लिए तीन चरणों 18 और 25 सितंबर तथा एक अक्टूबर को मतदान होगा।
इससे पहले शाह चुनाव के लिए भाजपा के अभियान की शुरुआत करने के लिए दो दिवसीय दौरे पर यहां पहुंचे।
केंद्रीय गृह मंत्री ने भाजपा का घोषणा-पत्र जारी करने से पहले अपने संबोधन में कहा, ‘‘मैं नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के एजेंडे को जानता हूं। मैं पूरे देश को यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि अनुच्छेद 370 अब इतिहास बन चुका है और इसकी कभी वापसी नहीं होगी।’’
उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 अब संविधान का हिस्सा नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘इस अनुच्छेद ने युवाओं के हाथों में सिर्फ हथियार और पत्थर दिए हैं और उन्हें आतंकवाद की ओर धकेला है।’’
भाजपा नेता ने पूर्ववर्ती सरकारों पर अलगाववाद के आगे नतमस्तक होने का आरोप लगाया और कहा कि अनुच्छेद 370 के हटने के बाद जमीनी स्तर पर शांति, विकास और सामाजिक न्याय बहाल हुआ।
उन्होंने कहा, ‘‘एक समय था जब अलगाववादी मांगें रखते थे। सरकारें हुर्रियत कॉन्फ्रेंस जैसे समूहों के सामने झुक रही थीं... आतंकवाद और अलगाववाद से जुड़े विभिन्न लोगों ने जम्मू-कश्मीर को अस्थिर कर दिया था क्योंकि सभी सरकारें तुष्टिकरण में लगी हुई थीं। लेकिन 2014 के बाद, जब भी भारत और जम्मू-कश्मीर का इतिहास लिखा जाएगा, मुझे विश्वास है कि इन 10 वर्षों के बारे में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा।’’
शाह ने कहा कि पिछले 10 वर्ष में शांति, समृद्धि और विकास हुआ है।
उन्होंने कहा, ‘‘कश्मीर में बहुत लंबे समय से बंदूकों और बम धमाकों की आवाजें सुनाई देती थीं लेकिन पिछले 10 वर्ष में सब कुछ बदल गया। वर्ष 2004 से 2014 के बीच (आतंकवाद से संबंधित) कुल 7,217 घटनाएं हुईं, लेकिन 2014 से 2024 के बीच यह संख्या घटकर 2,272 रह गई, जो 70 प्रतिशत की कमी को दर्शाता है। हत्या की कुल घटनाओं में भी 76 प्रतिशत की कमी आई है और नागरिकों की हत्या की घटनाओं में 80 प्रतिशत की कमी आई है, जबकि सुरक्षा बलों के हताहत होने की संख्या में भारी कमी आई है।’’
उन्होंने कहा कि पथराव की घटनाएं 2010 में 2,654 थीं जो अगस्त 2019 के बाद शून्य हो गईं, जबकि पाकिस्तान प्रायोजित हमले भी पहले के 132 से घटकर शून्य हो गए।
उन्होंने कहा, ‘‘30 वर्षों के बाद कश्मीर में पर्यटन को बड़ा बढ़ावा मिला है। रात्रिकालीन शो नई वास्तविकता बन गए हैं। अमरनाथ यात्रा और वैष्णो देवी तीर्थयात्रा के लिए भी रिकॉर्ड तोड़ संख्या में लोग आये हैं।’’
नेकां के घोषणापत्र का जिक्र करते हुए शाह ने कहा, ‘‘कोई पार्टी ऐसा घोषणा-पत्र कैसे जारी कर सकती है और कांग्रेस उसका समर्थन करती है? मैं राहुल गांधी से पूछना चाहता हूं कि वह पार्टी की स्थिति देश के सामने स्पष्ट करें। क्या वह नेकां के एजेंडे से सहमत है या नहीं? हमें हां या नहीं में जवाब दें।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आपकी चुप्पी से कोई मदद नहीं मिलेगी। लोग जानते हैं कि नेकां के एजेंडे में क्या है, जिसमें पत्थरबाजों की रिहाई, आतंकी संबंधों के लिए गिरफ्तार लोगों के मामलों की समीक्षा, आतंकवादियों के रिश्तेदारों के खिलाफ की गई सख्त कार्रवाई की समीक्षा और अनुच्छेद 370 को बहाल करके दो झंडे की बहाली की बात की गई है।’’
शाह ने कहा कि नेकां के घोषणा-पत्र में आरक्षण नीति की समीक्षा की बात भी कही गई है और कहा, ‘‘मैं उमर अब्दुल्ला (नेकां नेता) से कहना चाहता हूं कि नतीजे चाहे जो भी हों, हम आपको गुज्जरों, बकरवालों और पहाड़ी लोगों को दिए गए आरक्षण को छूने नहीं देंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद विभिन्न समुदायों के लिए आरक्षण दिया और सामाजिक न्याय सुनिश्चित किया।’’ उन्होंने समुदायों के लिए आरक्षण बरकरार रखने का संकल्प लिया।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर हमेशा उनकी पार्टी के लिए महत्वपूर्ण रहा है और आजादी के बाद से यह सुनिश्चित करने के लिए निरंतर प्रयास किए गए कि यह देश का हिस्सा बना रहे।
उन्होंने कहा, ‘‘पंडित प्रेम नाथ डोगरा से लेकर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की शहादत तक, भारतीय जनसंघ द्वारा शुरू किए गए संघर्ष को भाजपा ने तार्किक परिणति तक पहुंचाया है, क्योंकि हमारा मानना है कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और रहेगा तथा इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए।’’
इससे पहले, शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र तीन परिवारों तक सीमित हुआ करता था और पंचायतों सहित स्थानीय निकायों के लिए कोई चुनाव नहीं होता था।
उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा ने पंचायतों और नगर पालिकाओं के चुनाव कराकर जमीनी स्तर पर लोकतंत्र बहाल किया। इससे पहले जब कश्मीर में 10 प्रतिशत मतदान होता था, तो राष्ट्रीय समाचार पत्र इसे सुर्खियां बनाते थे... पंचायतों में 98.3 प्रतिशत मतदान हुआ और हाल में (लोकसभा) चुनाव में रिकॉर्ड तोड़ 58.46 प्रतिशत मतदान हुआ, जिससे पता चलता है कि दोनों संभागों के लोग लोकतंत्र के साथ हैं।’’
भाषा
देवेंद्र