बांग्लादेश से भारत में घुसपैठ रोके बीजीबी: सीमा सुरक्षा बल
प्रशांत दिलीप
- 06 Sep 2024, 10:13 PM
- Updated: 10:13 PM
नयी दिल्ली, छह सितंबर (भाषा) सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने अपने बांग्लादेशी समकक्ष बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) से कहा है कि वह अगस्त में शेख हसीना सरकार के पतन के मद्देनजर देश के (बांग्लादेश के) नागरिकों को अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने से “रोके”। बीएसएफ ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
बीएसएफ ने यह भी कहा कि वह 4,096 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा की शुचिता बनाए रखने के साथ-साथ सीमा पर रहने वाले लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
गृह मंत्रालय द्वारा नियुक्त विशेष समिति की बृहस्पतिवार को कोलकाता में हुई बैठक के बाद बल ने बताया कि 12 अगस्त से अब तक दोनों सीमा सुरक्षा बलों - बीएसएफ और बीजीबी - के बीच विभिन्न स्तरों पर 722 बैठकें हो चुकी हैं।
बीएसएफ ने एक बयान में कहा कि दोनों सीमा सुरक्षा बलों ने संवेदनशील सीमावर्ती क्षेत्रों में 1,367 बार एक साथ समन्वित गश्त (एससीपी) की।
इसमें कहा गया, “इन सीमा बैठकों के दौरान, बीजीबी अधिकारियों को बांग्लादेशी नागरिकों को भारतीय क्षेत्र में अवैध रूप से घुसपैठ करने से रोकने के लिए अवगत कराया गया है। बीजीबी ने बांग्लादेश में भारतीय नागरिकों और अल्पसंख्यक समुदायों से जुड़े लोगों की सुरक्षा के लिए सभी कदम उठाने का आश्वासन दिया है।”
बयान में कहा गया है कि दोनों अर्द्धसैनिक बलों के अधिकारी लगातार संपर्क में हैं और वास्तविक समय के आधार पर विभिन्न अभियानगत मामलों पर जानकारी साझा कर रहे हैं।
इसमें कहा गया है कि बीएसएफ ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर रहने वाले भारतीय ग्रामीणों के साथ ग्राम समन्वय बैठकें भी कीं, ताकि उन्हें बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति से अवगत कराया जा सके और सीमा प्रबंधन में उनका सहयोग मांगा जा सके।
बीएसएफ ने बताया कि सीमा सुरक्षा को मजबूत करने के लिए सहयोगी एजेंसियों के साथ कई दौर के विचार-विमर्श के अलावा पिछले 15 दिनों में कुल 614 ऐसी बैठकें आयोजित की गई हैं।
गृह मंत्रालय ने बांग्लादेश में रहने वाले “भारतीय नागरिकों, हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा” सुनिश्चित करने के लिए बीएसएफ की कोलकाता स्थित पूर्वी कमान के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) की अध्यक्षता में वरिष्ठ अधिकारियों की एक समिति गठित की है।
भारत-बांग्लादेश सीमा पांच राज्यों - पश्चिम बंगाल (2,217 किमी), त्रिपुरा (856 किमी), मेघालय (443 किमी), असम (262 किमी) और मिजोरम (318 किमी) तक फैली हुई है।
भाषा प्रशांत