रेवेनशॉ विश्वविद्यालय नाम विवाद: ओडिशा विधानसभा में हंगामा, सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित
वैभव पवनेश
- 06 Sep 2024, 06:17 PM
- Updated: 06:17 PM
भुवनेश्वर, छह सितंबर (भाषा) रेवेनशॉ विश्वविद्यालय के कथित नाम परिवर्तन के मुद्दे पर ओडिशा विधानसभा में शुक्रवार को विपक्षी बीजू जनता दल (बीजद) तथा कांग्रेस के सदस्यों ने नारेबाजी की और हंगामे के कारण सदन की बैठक दो बार स्थगित करनी पड़ी।
शून्यकाल में यह मुद्दा उठा और विपक्षी सदस्यों ने एक वर्तमान विधायक के खिलाफ पुलिस में दर्ज मामले को वापस लेने की मांग की।
पुलिस ने एक छात्र की शिकायत पर मालगोदाम थाने में बृहस्पतिवार को बीजद के विधायक ब्योमकेश रॉय समेत तीन पार्टी नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
छात्र का आरोप है कि रेवनेशॉ विश्वविद्यालय का नाम बदलने के प्रस्ताव के खिलाफ मशाल रैली के दौरान रॉय और अन्य ने उसे हथियार दिखाकर धमकाया।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री और भाजपा नेता धर्मेंद्र प्रधान ने 31 अगस्त को कटक यात्रा के दौरान संस्थान का नाम बदलने का सुझाव दिया था।
विधानसभा में दोनों विपक्षी दलों के सदस्य आसन के समीप आकर भाजपा सरकार के खिलाफ नारे लगाने लगे। उन्होंने रॉय के खिलाफ पुलिस मामले को राजनीति से प्रेरित करार दिया और बदले की राजनीति करने का आरोप लगाया।
रॉय ने अपने बचाव में कहा है कि वह कुछ छात्रों के निमंत्रण पर रेवेनशॉ विश्वविद्यालय गए थे और मशाल रैली में शामिल हुए थे, लेकिन उन्होंने संस्थान के परिसर में प्रवेश नहीं किया।
रैली क्लॉक चौक से कॉलेज स्क्वायर तक निकाली गई और रॉय ने दावा किया कि वह विश्वविद्यालय के गेट के बाहर रहे।
उन्होंने कहा, ‘‘जिस तरह भाजपा अपने राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ अक्सर सीबीआई और ईडी का इस्तेमाल करती है, यहां भी राज्य सरकार ने राजनीतिक बदला लेने के लिए मेरे खिलाफ आरोप गढ़े हैं।’’
बीजद के वरिष्ठ सदस्य गणेश्वर बेहेरा ने रॉय का समर्थन करते हुए पुलिस कार्रवाई की कड़ी निंदा की और कहा कि यह ओडिशा में भाजपा की प्रतिशोध की राजनीति की शुरुआत है।
उन्होंने कहा कि ओडिशा के जानेमाने लेखक और समाज सुधारक फकीर मोहन सेनापति ने अपने लेखों में थॉमस एडवर्ड रेवेनशॉ की प्रशंसा की है जो 1865 में अंग्रेजों के शासनकाल में ओडिशा के प्रभारी आयुक्त थे।
हालांकि भाजपा विधायक इराशीष आचार्य ने प्रधान के नाम बदलने के सुझाव का समर्थन किया, लेकिन आरोप लगाया कि 1866 में ओडिशा में पड़े भीषण अकाल के दौरान लाखों लोगों की मौत के लिए रेवेनशॉ जिम्मेदार थे।
सदन की कार्यवाही सुचारू तरीके से नहीं चला पाने पर अध्यक्ष सुरामा पाधि ने पहले बैठक 12.30 बजे तक स्थगित की। कार्यवाही पुन: शुरू हुई तो बीजद सदस्यों के साथ कांग्रेस सदस्य भी भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे और हंगामा थमता नहीं देखकर पाधि ने कार्यवाही अपराह्न चार बजे तक स्थगित कर दी।
भाषा वैभव