केरल में कांग्रेस ने मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग को लेकर सचिवालय तक विरोध मार्च निकाला
खारी नरेश
- 06 Sep 2024, 04:47 PM
- Updated: 04:47 PM
तिरुवनंतपुरम, छह सितंबर (भाषा) केरल में विपक्षी कांग्रेस ने शुक्रवार को यहां सचिवालय तक विरोध मार्च निकाला और वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) के विधायक पी वी अनवर द्वारा भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के कुछ शीर्ष अधिकारियों पर लगाए आरोपों को लेकर मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के इस्तीफे की मांग की।
केरल प्रदेश कांग्रेस समिति प्रमुख के सुधाकरन, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष वी डी सतीशन और अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के महासचिव एवं केरल प्रभारी दीपा दासमुंशी के नेतृत्व में कांग्रेस के सैकड़ों सदस्य, कार्यकर्ता और समर्थकों ने पार्टी के झंडे हाथ में लेकर सचिवालय तक मार्च निकाला।
सचिवालय पहुंचने पर प्रदर्शनकारियों ने सत्तारूढ़ वामपंथी सरकार तथा मुख्यमंत्री के खिलाफ नारेबाजी की और विजयन के इस्तीफे की मांग की।
सुधाकरन ने आरोप लगाया कि पिछले आठ वर्षों से पिनराई विजयन के नेतृत्व वाली सरकार में राज्य में हालात बिगड़ गए हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले आठ वर्षों में राज्य में महिलाओं के खिलाफ यौन हमलों की 1.3 लाख प्राथमिकी दर्ज की गई हैं जो दिखाता है कि राज्य में कानून-व्यवस्था बेहद खराब है।
उन्होंने सचिवालय के पास एक दिन पहले पुलिस द्वारा युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर किए गए लाठीचार्ज का भी उल्लेख किया और कहा कि कार्यकर्ताओं को बेवजह बेरहमी से पीटा गया।
टीवी चैनलों पर बृहस्पतिवार को दिखाए गए फुटेज के अनुसार, युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अबिन वर्के को पुलिसकर्मियों ने घेर लिया और बेरहमी से पीटा, जिससे उनके सिर पर गंभीर चोटें आईं।
सुधारकरन ने यह भी कहा कि राज्य में कोई विकास या कल्याणकारी गतिविधियां नहीं हो रही हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘क्या ऐसी सरकार को सत्ता में रहने देना चाहिए? अगर मुख्यमंत्री पुलिस पर भी लगाम नहीं लगा सकते, तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।’’
नीलांबुर विधायक अनवर ने रविवार को विजयन के राजनीतिक सचिव पी शशि और एडीजीपी (कानून और व्यवस्था) अजीत कुमार पर विश्वासघात और अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से निर्वहन करने में विफल रहने का आरोप लगाया था जिसके बाद माकपा नीत सरकार के लिए भी मुश्किल खड़ी हो गई।
उन्होंने आरोप लगाया था कि कुमार मंत्रियों की फोन पर हुई बातचीत को टैप करते थे, सोने की तस्करी करने वाले गिरोह से उनका संबंध है और वह गंभीर अपराधों में संलिप्त हैं।
सतीशन ने कहा कि वाम मोर्चा सरकार के खिलाफ हर दिन सामने आ रहे आरोपों से सवाल उठता है कि ‘‘यह सरकार है या माफिया’’?
उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) माफिया नेताओं का अड्डा बन गया है।
सतीशन ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा द्वारा विजयन को बचाया जा रहा है।
नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री में एडीजीपी अजीत कुमार और शशि को हटाने की हिम्मत नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘लोग यह सब देख रहे हैं। सरकार के खिलाफ लोगों में रोष बढ़ रहा है।’’
सतीशन ने युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज की घटना का भी जिक्र किया और कहा कि पुलिस को प्रदर्शनकारियों पर इस तरह के हिंसक बल का इस्तेमाल करने का कोई अधिकार नहीं है।
उन्होंने कहा कि अगर मुख्यमंत्री और सरकार अपेक्षित कार्रवाई नहीं करती है तो और भी बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन होंगे।
इस बीच, दासमुंशी ने एडीजीपी एम आर अजीत कुमार की तुलना बॉलीवुड अभिनेता अजीत द्वारा निभाई गई खलनायक भूमिकाओं से की और कहा कि मुख्यमंत्री आईपीएस अधिकारी को बचा रहे हैं।
उन्होंने भी मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की।
भाषा खारी