बिना टिकट यात्रियों के झूठे आरोपों से निपटने के लिए टीटीई ने की 'बॉडीकैम' की मांग
प्रीति अविनाश
- 04 Sep 2024, 08:23 PM
- Updated: 08:23 PM
नयी दिल्ली, चार सितंबर (भाषा) भारतीय रेलवे टिकट चेकिंग स्टाफ संगठन (आईआरटीसीएसओ) ने बिना टिकट सफर करने वाले यात्रियों द्वारा लगाए गए 'छेड़छाड़ के झूठे आरोपों और जान से मारने की धमकियों' से निपटने के लिए रेलवे बोर्ड से 'बॉडी कैमरे' की मांग की है।
संगठन ने अपनी इन मांगों को रखते हुए हाल के कुछ मामलों का जिक्र किया, जिनमें बिना टिकट सफर करने वाले यात्रियों ने टिकट मांगने पर गालियां दीं, छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई और जब ट्रेन टिकट निरीक्षकों (टीटीई) ने उनसे जुर्माना भरने के लिए कहा तो उन्हें जान से मारने की धमकी दी।
आईआरटीसीएसओ के अध्यक्ष संजय सिंह ने कहा, ''बॉडी कैमरा से हमें छेड़छाड़ के झूठे आरोपों से बचाने के लिए साक्ष्य जुटाने और बिना टिकट यात्रियों द्वारा दुर्व्यवहार या जान से मारने की धमकी दिए जाने की स्थिति में कार्रवाई करने में मदद मिलेगी।''
टीटीई संगठन ने कहा कि रेलवे ने टिकट जांच करने वाले कुछ कर्मचारियों को पिछले साल प्रायोगिक तौर पर 'बॉडी कैमरे' उपलब्ध कराए थे, लेकिन इसे औपचारिक रूप से शुरू नहीं किया गया है।
यूनियन ने कहा कि यात्रियों द्वारा कथित दुर्व्यवहार के लगातार मामलों को देखते हुए इसमें तेजी लाने की जरूरत है।
सिंह ने हाल की एक घटना पर गंभीर चिंता जाहिर की। इस घटना में पश्चिम बंगाल के नवग्राम के एक विधायक अनुचित टिकट के साथ यात्रा कर रहे थे और जब उन्हें जुर्माना भरने के लिए कहा गया तो उन्होंने टीटीई को जान से मारने की कथित तौर पर धमकी दी।
सिंह ने एक अन्य मामले का भी जिक्र किया, जिसमें बिना टिकट सफर कर रही महिला को जुर्माना देने के लिए कहा गया तो उसने टीटीई के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
आईआरटीसीएसओ के पदाधिकारियों के अनुसार, प्राथमिकी दर्ज होने के 30 मिनट के भीतर टीटीई को गिरफ्तार कर लिया गया और कई घंटे हिरासत में बिताने के बाद उसे तब रिहा किया गया था जब महिला ने एक समझौता पत्र सौंपा था, जिसमें उसने यह शर्त रखी थी कि टीटीई उसके खिलाफ कोई मानहानि का मामला दर्ज नहीं कराएगा।
आईआरटीसीएसओ के पदाधिकारियों के अनुसार, महिला का पुलिस विभाग में अच्छा संपर्क था और उसने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) में टीटीई के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करा दी थी। उन्होंने बताया कि ट्रेन के गया स्टेशन पर पहुंचने पर टीटीई को गिरफ्तार कर लिया गया।
आईआरटीसीओ के एनसीआर क्षेत्र के जोनल सचिव संतोष कुमार ने कहा, "जीआरपी को कम से कम सह-यात्रियों से सच्चाई जानने के लिए पूछताछ करनी चाहिए थी। जब यात्रियों ने टीटीई को बचाने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया तब महिला समझौता करने के लिए राजी हुई।''
संजय सिंह ने कहा कि हाल ही में उन्हें ऐसी कई शिकायतें मिली हैं, जिनमें बिना टिकट यात्रा कर रही महिलाओं ने इसी तरह के आरोप लगाए हैं।
उन्होंने कहा, "ऐसे झूठे आरोपों से मानसिक प्रताड़ना के साथ-साथ मानहानि भी होती है, जबकि कई मामलों में टिकट चेकिंग स्टाफ की कोई गलती नहीं होती।"
सिंह ने मांग की कि रेलवे बोर्ड को सभी टीटीई को बॉडी कैमरे उपलब्ध कराने चाहिए ताकि वे झूठे मामलों में फंसने के डर के बिना अपना कर्तव्य निभा सकें।
सिंह ने यह भी मांग की, ''बोर्ड को स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच शुरू करनी चाहिए, जिसमें दोनों पक्षों को अपनी शिकायतें रखने का समान अवसर दिया जाना चाहिए। जांच पूरी होने तक किसी भी टीटीई के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए।''
भाषा प्रीति