आर्यन गाड़ी में अकेला नहीं था, तो कोई और घायल क्यों नहीं हुआ: मृतक के पिता
सं. नोमान
- 04 Sep 2024, 04:21 PM
- Updated: 04:21 PM
फरीदाबाद (हरियाणा), चार सितंबर (भाषा) गौरक्षकों द्वारा कथित रूप से चलाई गई गोली से मारे गए युवक के पिता ने इस पूरे मामले पर संदेह जताते हुए सवाल उठाया है कि जब गाड़ी में उनका बेटा अकेला नहीं था तो (गौरक्षकों द्वारा किए गए) हमले में उस वाहन में सवार कोई अन्य युवक जख्मी क्यों नहीं हुआ।
उन्नीस वर्षीय आर्यन मिश्रा की 23 अगस्त की रात को राजमार्ग पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कथित तौर पर उसका पीछा करने और गोलीबारी करने वाले पांच लोगों - सौरभ, अनिल कौशिक, वरुण, कृष्णा और आदेश को 28 अगस्त को गिरफ्तार कर लिया गया था।
हालांकि आर्यन के पिता सियानंद मिश्रा ने सीधा आरोप तो नहीं लगाया लेकिन कहा कि उनके मकान मालिक का परिवार इस मामले पर कुछ और कह सकता है, क्योंकि वे उस रात उनके बेटे के साथ कार में थे।
उन्होंने पत्रकारों से कहा, “ मैं पांचों लोगों की गिरफ्तारी से संतुष्ट हूं लेकिन फरीदाबाद में मेरे लिए अब कुछ नहीं बचा है। मैं अपने पैतृक घर लौटना चाहता हूं। मेरे कई सवाल हैं जिनका जवाब मेरे मकान मालिक का परिवार ही दे सकता है। मेरे बेटे को सुजाता गुलाटी और उसके बेटे हर्षित और शैंकी गुलाटी कार में बिठाकर पलवल ले गए।”
मिश्रा ने कहा, “शैंकी हत्या के प्रयास के एक मामले में शामिल था और उसका किसी से कोई विवाद हो सकता है।”
पीड़ित के पिता ने यह भी पूछा कि क्या उनके बेटे को वास्तव में गौरक्षकों ने गोली मारी है, उन्हें ऐसा करने का अधिकार किसने दिया।
उन्होंने कहा, “अनिल कौशिक ने पुलिस को बताया कि मेरे बेटे को इसलिए मारा गया, क्योंकि उन्होंने उसे गौ तस्कर समझ लिया था, और अगर वह सही हैं, तो गौरक्षकों को किसी को भी गोली मारने का अधिकार किसने दिया? मेरा बेटा वापस नहीं आएगा, लेकिन इस मामले की गंभीरता से जांच होनी चाहिए।”
इस बीच, आर्यन के भाई ने मामले में इंसाफ के लिए एक व्हाट्सऐप ग्रुप ‘न्याय’ शुरू किया है। मंगलवार रात बनाए गए इस ग्रुप में 1,000 से अधिक लोग जुड़ चुके हैं।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, पूछताछ के दौरान आरोपियों ने दावा किया कि 23 अगस्त की रात को उन्हें सूचना मिली थी कि दो एसयूवी कार में सवार कुछ संदिग्ध पशु तस्कर शहर में रेकी कर रहे हैं।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि उन्होंने आर्यन और उसके दोस्तों शैंकी और हर्षित को पशु तस्कर समझ लिया और दिल्ली-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग पर गदपुरी टोल के पास करीब 30 किलोमीटर तक उनकी कार का पीछा किया।
सूत्रों ने बताया कि जब उन्होंने लड़के और उसके दोस्तों से अपनी कार रोकने को कहा, तो चालक ने तेज गति से गाड़ी चलाना शुरू कर दिया, जिसके बाद उन्होंने गोलीबारी कर दी और गोली लगने से आर्यन मिश्रा की मौके पर ही मौत हो गई।
सहायक पुलिस आयुक्त (अपराध) अमन यादव ने बताया कि पुलिस ने 28 अगस्त को पांच लोगों को गिरफ्तार किया और उन्हें दो दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया।
पुलिस उपायुक्त (अपराध) हेमेंद्र कुमार मीना ने मंगलवार को एक बयान कहा, “इस मामले के कई पहलू अब भी अनसुलझे हैं। आरोपियों से पूछताछ के दौरान जो तथ्य सामने आए हैं, उनकी पुष्टि की जा रही है। मामले की गहनता से जांच की जा रही है और अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।”
भाषा सं.