हिमाचल विधानसभा में गतिरोध समाप्त, सुक्खू ने कहा: सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार
शुभम पवनेश
- 03 Sep 2024, 10:23 PM
- Updated: 10:23 PM
शिमला, तीन सितंबर (भाषा) हिमाचल प्रदेश विधानसभा में सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच गतिरोध मंगलवार को तब समाप्त हो गया जब मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सदन को आश्वासन दिया कि उनकी सरकार नियम 67 (स्थगन प्रस्ताव) के तहत वित्तीय स्थिति सहित भाजपा द्वारा उठाए गए सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है।
विपक्ष से कार्यवाही के सुचारू संचालन में सहयोग करने का आग्रह करते हुए उन्होंने कहा कि सदन नियमों के तहत चलता है और अध्यक्ष ने इसके लिए पर्याप्त समय दिया है। उन्होंने कहा कि यदि विपक्ष ने सही तरीके से अपने मुद्दे उठाए होते तो गतिरोध से बचा जा सकता था।
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने व्यवस्था के प्रश्न के माध्यम से गतिरोध का मुद्दा उठाया और कहा कि स्थिति गंभीर होती जा रही है तथा सोमवार को वित्तीय स्थिति पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव को अनुमति नहीं दी गई तथा विपक्ष कर्मचारियों को वेतन और पेंशन का भुगतान न होने का मुद्दा भी उठाना चाहता था।
उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ कोई व्यक्तिगत नाराजगी नहीं थी, लेकिन विपक्षी सदस्य उपचुनावों के दौरान उनके द्वारा इस्तेमाल किए गए कुछ शब्दों से आहत थे और स्पष्टीकरण चाहते थे तथा इसी पृष्ठभूमि में उन्होंने अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दिया।
संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने भी कहा कि वह चाहते हैं कि सदन सुचारू रूप से चले। साथ ही उन्होंने ठाकुर के इस आरोप कि विधानसभा अध्यक्ष विपक्ष के एजेंडे को प्राथमिकता नहीं दे रहे , को भी खारिज कर दिया।
भाजपा के रणधीर शर्मा ने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री सदन को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। साथ ही कहा कि उन्होंने नियम 67 के तहत सोमवार को तीन बार मुद्दा उठाने का प्रयास किया, लेकिन इजाजत नहीं दी गई।
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि विपक्ष नियम 67 के तहत मुद्दे उठाने को लेकर गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा कि कभी-कभी सदस्य शब्दों पर संयम नहीं रख पाते लेकिन विपक्ष को परेशान नहीं होना चाहिए।
उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि सभी विधानसभा अध्यक्ष के व्यवहार से परिचित हैं और भाजपा इस बात को लेकर स्पष्ट नहीं है कि उसकी लड़ाई अध्यक्ष के खिलाफ है या सरकार के।
सतपाल सिंह सत्ती (भाजपा) ने कहा कि सत्तापक्ष के कुछ सदस्य हैं जो नहीं चाहते कि सदन सुचारु रूप से चले।
विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि पिछले छह सत्र से उनका रुख पूरी तरह से निष्पक्ष रहा है और उन्होंने विपक्ष को पर्याप्त समय दिया है, विशेषकर नेता प्रतिपक्ष को, क्योंकि लोकतंत्र में विपक्ष की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है।
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