प्रधानमंत्री मोदी का मणिपुर दौरा नहीं करना राज्य की पीड़ा के प्रति उनकी उदासीनता : कांग्रेस सांसद
सुभाष माधव
- 03 Sep 2024, 08:52 PM
- Updated: 08:52 PM
नयी दिल्ली, तीन सितंबर (भाषा) कांग्रेस सांसद ए. बिमोल अकोइजम ने मणिपुर में जो कुछ हुआ उसकी पूरी जिम्मेदारी लेने की केंद्र से मांग करते हुए, सरकार पर संकट में ‘‘सहभागी’’ होने का मंगलवार को आरोप लगाया और इसकी प्रतिक्रिया की तुलना ‘महाभारत’ में द्रौपदी के चीरहरण पर लोगों की हंसी से की।
आंतरिक मणिपुर के सांसद ने कहा कि संकट के बावजूद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लगता है कि उन्हें वहां जाने की जरूरत नहीं है, जो राज्य की पीड़ा के प्रति उनकी ‘‘उदासीनता’’ को दर्शाता है।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के एसोसिएट प्रोफेसर अकोइजम ने कहा, ‘‘यह अपमानजनक है... यह द्रौपदी के वस्त्रहरण जैसा है, जब वह रो रही थी तो लोग हंस रहे थे। अब, मणिपुर अपमान के कारण रो रहा है और वहां का दौरा नहीं करना उस हंसी के समान है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह अपमान के समान है और फिर आप हमसे देश के प्रति वफादारी साबित करने के लिए कहते रहते हैं। पीड़ित लोग भारतीय नागरिक हैं, ये विदेशी नहीं हैं। उन्हें (प्रधानमंत्री को) दौरा क्यों नहीं करना चाहिए?’’
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की इस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कि राज्य में लोकसभा की दोनों सीट पर भाजपा की हार ‘‘मेरी अलोकप्रियता की सूचक थी न कि यह पार्टी की लोकप्रियता में कमी की परिचायक थी’’, कांग्रेस सांसद ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘वह (बीरेन सिंह) अपने आकाओं को बचाने की कोशिश कर रहे हैं, और कुछ नहीं। वह (नरेन्द्र) मोदी जी और अमित शाह जी को बचा रहे हैं, इस तथ्य के बावजूद कि यह भारत सरकार है जो कानून व्यवस्था बनाए रखने में नाकाम रही है।’’
अकोइजम ने कहा, ‘‘वह (बीरेन सिंह) प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह का बचाव कर रहे हैं। उनका दावा है कि उन्होंने जो कुछ भी किया है, वह प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह जी की सलाह और सहमति से किया है। अगर सब कुछ उनकी सहमति से किया गया है, तो क्या इसका मतलब यह है कि नागरिकों पर गोलीबारी और बमबारी भारत सरकार की सहमति से की गई है? वह एक क्षत्रप का एक उत्कृष्ट उदाहरण हैं।’’
उन्होंने कहा कि पूरे देश को यह मांग करनी चाहिए कि मोदी मणिपुर का दौरा करें।
उन्होंने कहा, ‘‘मणिपुर भारत का हिस्सा है;यदि यह भारत का हिस्सा नहीं है तो मैं यह बात नहीं कहूंगा।’’
कांग्रेस सांसद ने कहा कि वहां केंद्र सरकार के अधीन 60,000 सैनिक हैं लेकिन इसके बावजूद पिछले 15 महीनों से हिंसा हो रही है और देश को मांग करनी चाहिए कि प्रधानमंत्री हस्तक्षेप करें और इस संकट का समाधान करें।
बीरेन सिंह के इस बयान पर कि वह इस्तीफा नहीं देंगे, उनपर निशाना साधते हुए अकोइजम ने कहा कि चाहे उन्हें यह पसंद हो या नहीं, वह (बीरेन) और मोदी ‘‘मणिपुर नामक त्रासदी’’ का नेतृत्व कर रहे हैं।
कांग्रेस सांसद ने कहा, ‘‘एक मुख्यमंत्री है, जिनके शासन में लोगों ने अपनी जान गंवाई और अपना घर-बार खो दिया। अराजकता पैदा की गई, उनके कैबिनेट मंत्री अलग प्रशासन की मांग कर रहे हैं... वह कहते हैं कि कोई अलग प्रशासन नहीं, लेकिन उनके कैबिनेट सहयोगी अलग प्रशासन की बात कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी को समाधान करना चाहिए। मैं इसे मोदी के राजधर्म पर छोड़ रहा हूं, बशर्ते कि उनके पास यह हो।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्य भूमिका भारत सरकार निभा रही है और मुख्यमंत्री वहां केवल ‘‘रबर स्टाम्प’’ हैं।
उन्होंने कहा कि अब वहां फिर से हिंसा भड़क गई है, जो दर्शाता है कि वहां ऐसे लोग हैं जो शांति प्रक्रिया नहीं चाहते हैं।
मणिपुर से सांसद ने कहा, ‘‘मैंने सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह से बात की और पूछा कि आपको किस पर संदेह है। उन्होंने मुझे बताया कि उनके पास सबूत नहीं हैं, लेकिन संकेत कुकी समूहों की ओर इशारा करते हैं जिन्होंने मेरे निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले इन इलाकों में बमबारी की है।’’
उन्होंने कहा कि वह (मोदी) ओडिशा में हुई रेल दुर्घटना के बाद पीड़ितों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने गए। गुजरात में पुल गिर गया, वह हर जगह गए। वह यूक्रेन गए और वहां शांति की आवश्यकता जताई। जबकि उनके अपने देश में, उनके एक राज्य में अभूतपूर्व संकट जारी है और वह वहां नहीं गए।
उन्होंने कहा कि यह देश के इतिहास में दर्ज हो जाएगा।
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