अदालत ने स्वाति मालीवाल से मारपीट मामले में बिभव कुमार की रिहाई का आदेश जारी किया
आशीष माधव
- 03 Sep 2024, 08:25 PM
- Updated: 08:25 PM
नयी दिल्ली, तीन सितंबर (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार को एक-एक लाख रुपये के मुचलके और जमानत राशि पर रिहा करने का मंगलवार को आदेश जारी किया। एक दिन पहले ही उच्चतम न्यायालय ने स्वाति मालीवाल पर हमला मामले में उन्हें जमानत दी थी।
अदालत ने जमानत के लिए अन्य शर्तें भी लगाईं, जिसमें यह भी शामिल है कि कुमार गवाहों को नहीं धमकाएंगे और सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करेंगे। उन्हें नियमित रूप से अदालती कार्यवाही में भी शामिल होना होगा।
उच्चतम न्यायालय ने बिभव कुमार को आम आदमी पार्टी (आप) की राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल पर हमला मामले में सोमवार को जमानत देते हुए कहा कि वह सौ दिन से अधिक समय से हिरासत में हैं।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने इस तथ्य का भी संज्ञान लिया कि अभियोजन पक्ष 51 से अधिक गवाहों से पूछताछ करने वाला है और मुकदमे की सुनवाई पूरी होने में समय लगेगा।
उच्चतम न्यायालय के आदेश को ध्यान में रखते हुए न्यायिक मजिस्ट्रेट गौरव गोयल ने कुमार को एक-एक लाख रुपये के निजी मुचलके और जमानती बांड जमा करने पर जमानत दे दी। मजिस्ट्रेट ने कहा, ‘‘मुचलका और जमानती बांड जमा और स्वीकार किए गए।’’
अदालत ने कहा कि कुमार अपना मोबाइल फोन बंद नहीं करेंगे और आवश्यकता पड़ने पर जांच में शामिल होंगे। अदालत ने कहा, ‘‘आरोपी व्यक्ति प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से गवाहों या मामले से जुड़े व्यक्तियों को धमकी नहीं देगा या किसी भी तरह से हतोत्साहित नहीं करेगा।’’
कुमार के खिलाफ दिल्ली पुलिस की 500 पन्नों की अंतिम रिपोर्ट भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत दाखिल की गई है, जिनमें धारा 201 (अपराध के साक्ष्य को मिटाना), 308 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास), 341 (गलत तरीके से रोकना) और 354 (महिला की गरिमा को भंग करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग) शामिल हैं।
अन्य धाराओं में 354 बी (महिला को निर्वस्त्र करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग), 506 (आपराधिक धमकी) और 509 (किसी शब्द, हाव-भाव के जरिये महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाना) शामिल हैं।
भाषा आशीष