केरल: एडीजीपी के खिलाफ आरोपों से त्रिशूर पूरम विवाद फिर सुर्खियों में
खारी नरेश
- 03 Sep 2024, 02:56 PM
- Updated: 02:56 PM
तिरुवनंतपुरम, तीन सितंबर (भाषा) केरल में वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) विधायक पी.वी. अनवर द्वारा भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के वरिष्ठ अधिकारी एमआर अजित कुमार पर हाल ही में लगाए गए आरोपों ने त्रिशूर पूरम को फिर से सुर्खियों में ला दिया है। सत्तारूढ़ गठबंधन सहयोगी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने सरकार से इस साल उत्सव के दौरान पुलिस की कथित ज्यादतियों और शोभायात्रा में कथित हस्तक्षेप को लेकर जांच रिपोर्ट जारी करने की अपील की है।
अनवर ने हाल ही में एक फेसबुक पोस्ट में इशारा किया कि पूरम अनुष्ठानों में पुलिस के हस्तक्षेप और उसके बाद हुए विवादों के पीछे अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून और व्यवस्था) अजित कुमार ही थे। इस विवाद ने इस साल अप्रैल में आयोजित वार्षिक उत्सव की चमक को फीका कर दिया था।
अनवर द्वारा शीर्ष अधिकारी के खिलाफ लगाए गए अन्य चौंकाने वाले आरोपों ने केरल में राजनीतिक तूफान ला दिया है, जिसके बाद राज्य सरकार ने आरोपों की जांच की घोषणा की है। अनवर ने आरोप लगाया है कि कुमार सोने की तस्करी के गिरोह से लेकर अवैध रूप से धन जुटाने तक के अपराध में सलिंप्त हैं।
इस साल की शुरुआत में लोकसभा चुनावों के दौरान त्रिशूर में वामपंथी उम्मीदवार रहे भाकपा नेता एवं पूर्व मंत्री वी एस सुनील कुमार और कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने वाले पूर्व सांसद के मुरलीधरन ने मंगलवार को दोहराया कि पूरम उत्सव की रात पुलिस के हस्तक्षेप और उसके बाद हुए विवादों ने निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के सुरेश गोपी की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
सुनील कुमार ने कहा कि पूरम की रात हुई घटनाओं में एडीजीपी की कथित भूमिका को लेकर अनवर द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों के अलावा उनके पास कोई जानकारी नहीं है।
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमारे पास अनवर द्वारा कही गई बातों के अलावा कोई सबूत नहीं है। लेकिन, मौजूदा विवादों के मद्देनजर, मैं चाहता हूं कि सरकार जल्द से जल्द पूरम के दौरान हुई विवादास्पद घटनाओं की जांच रिपोर्ट जारी करे।’’
उन्होंने कहा कि सच्चाई को जानने के लिए रिपोर्ट जारी करना महत्वपूर्ण है और त्रिशूर के लोग इसके बारे में जानना चाहते हैं।
इसके अलावा, उन्होंने मांग की कि त्रिशूर पूरम में हस्तक्षेप करने के प्रयासों के पीछे के मुख्य साजिशकर्ता को बेनकाब किया जाना चाहिए और जवाबदेही तय की जानी चाहिए।
भाकपा नेता ने दावा किया कि यह सच है कि वार्षिक उत्सव को बाधित करने के लिए राजनीतिक उद्देश्यों से साजिश रची गई थी।
उन्होंने सवाल किया कि पूरम की रात को हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं के बीच भाजपा के तत्कालीन उम्मीदवार एवं वर्तमान केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी राष्ट्रीय स्वयं सेवक (आरएसएस) के अन्य नेताओं के साथ नाटकीय ढंग से वहां कैसे पहुंच गए थे?
सुनील कुमार ने कहा, ‘‘मैं आज ही मुख्यमंत्री पिनराई विजयन को पत्र लिखकर रिपोर्ट जारी करने का अनुरोध करूंगा।’’
इस बीच, मुरलीधरन ने आरोप लगाया कि पूरम की रस्मों को जानबूझकर बाधित किया गया।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरा अब भी यही मानना है कि इसमें मुख्यमंत्री की भूमिका थी। यह भाजपा उम्मीदवार सुरेश गोपी की जीत सुनिश्चित करने के लिए एक नाटक था। मैं मामले की न्यायिक जांच की मांग करता हूं और इस संबंध में मुख्यमंत्री को पत्र दूंगा।’’
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने एडीजीपी अजित कुमार को पूरम उत्सव के दौरान व्यवधान पैदा करने का काम सौंपा था और इसके चलते ही भाजपा उम्मीदवार की जीत हुई।
उन्होंने यह भी आरोप दोहराया कि त्रिशूर में भाजपा और माकपा तथा मुख्यमंत्री विजयन के बीच समझौता हुआ था।
पुलिस द्वारा 16 अप्रैल की रात कथित तौर पर लगाए गए प्रतिबंधों और अनुष्ठानों में उसके कथित हस्तक्षेप के कारण पैदा हुए विवादों ने उत्सव की चमक को फीका कर दिया था।
उत्सव के इतिहास में पहली बार कार्यक्रम के प्रमुख आकर्षणों में से एक आतिशबाजी का प्रदर्शन दिन में हुआ। शनिवार को दिन के उजाले में आतिशबाजी की वजह से इसको लेकर लोगों में कोई उत्साह नहीं दिखा।
केरल सरकार ने 21 अप्रैल को राज्य के पुलिस प्रमुख को त्रिशूर पूरम के संबंध में विवादों की जांच करने और एक सप्ताह के भीतर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था।
भाषा खारी