केंद्र ने कृषि, संबद्ध क्षेत्रों के लिए 14,000 करोड़ रुपये के सात कार्यक्रमों को मंजूरी दी
राजेश राजेश अजय
- 02 Sep 2024, 06:10 PM
- Updated: 06:10 PM
नयी दिल्ली, दो सितंबर (भाषा) केंद्र सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने के मकसद से सोमवार को कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के समग्र विकास के लिए लगभग 14,000 करोड़ रुपये के परिव्यय वाले सात बड़े कार्यक्रमों की घोषणा की।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कृषि क्षेत्र से संबंधित सात बड़े कार्यक्रमों को मंजूरी दी, जिनमें 2,817 करोड़ रुपये का डिजिटल कृषि मिशन और फसल विज्ञान के लिए 3,979 करोड़ रुपये की योजना शामिल है।
एक सरकारी बयान में कहा गया है, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने किसानों के जीवनस्तर को बेहतर बनाने तथा उनकी आय बढ़ाने के लिए 13,966 करोड़ रुपये की कुल लागत वाली सात योजनाओं को मंजूरी दी।’’
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंत्रिमंडल में लिए गए इस निर्णय की संवाददाताओं को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इन व्यापक कृषि कार्यक्रमों का उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना है।
इन कार्यक्रमों का ध्यान मुख्य रूप से कृषि क्षेत्र में अनुसंधान और शिक्षा, जलवायु बदलाव से तालमेल बैठाने, प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन और डिजिटलीकरण के साथ बागवानी और पशुधन क्षेत्रों के विकास पर होगा।
मंत्रिमंडल ने खाद्य एवं पोषण सुरक्षा कार्यक्रमों के लिए फसल विज्ञान को मंजूरी दी है और इसके लिए कुल 3,979 करोड़ रुपये का परिव्यय तय किया गया है। इस कार्यक्रम में छह बिंदुओं पर बल दिया गया है, जिनका उद्देश्य वर्ष 2047 तक जलवायु अनुकूल फसल विज्ञान और खाद्य सुरक्षा के लिए किसानों को तैयार करना है।
ये छह बिंदु अनुसंधान और शिक्षा, पादप आनुवंशिक संसाधन प्रबंधन, खाद्य और चारा फसल के लिए आनुवंशिक सुधार, दलहन एवं तिलहन फसल सुधार, वाणिज्यिक फसलों में सुधार और कीटों, सूक्ष्म जीवों एवं परागण तत्वों से जुड़े शोध से संबंधित हैं।
वैष्णव ने कहा कि मंत्रिमंडल ने कृषि शिक्षा, प्रबंधन और सामाजिक विज्ञान को मजबूत करने के लिए 2,291 करोड़ रुपये के परिव्यय को मंजूरी दी। यह कार्यक्रम भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के मातहत संचालित किया जाएगा।
इसका उद्देश्य नई शिक्षा नीति, 2020 के अनुरूप कृषि शोध एवं शिक्षा को आधुनिक बनाना है। डिजिटल बुनियादी अवसंरचना, एआई, बिग डेटा, रिमोट जैसी नवीनतम प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जाएगा और कार्यक्रम में प्राकृतिक खेती और जलवायु से संबंधित जुझारू क्षमता शामिल हैं।
मंत्रिमंडल ने 2,817 करोड़ रुपये के कुल निवेश के साथ डिजिटल कृषि मिशन को भी मंजूरी दी। इस परियोजना के आधार स्तंभ कृषि ढांचा और कृषि निर्णय सहायता प्रणाली हैं।
मंत्री ने कहा कि पशुधन के सतत स्वास्थ्य और उनके उत्पादन के लिए 1,702 करोड़ रुपये की योजना को भी मंजूरी दी गई है।
इस योजना के अंतर्गत पशु स्वास्थ्य प्रबंधन एवं पशु चिकित्सा शिक्षा; डेयरी उत्पादन एवं प्रौद्योगिकी विकास; पशु आनुवंशिक संसाधन प्रबंधन, उत्पादन एवं सुधार तथा पशु पोषण एवं छोटे मवेशियों के विकास पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
कैबिनेट द्वारा स्वीकृत एक अन्य प्रमुख योजना- बागवानी के लिए सतत विकास से संबंधित है। ‘‘कुल 860 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ इस उपाय का उद्देश्य बागवानी पौधों से किसानों की आय बढ़ाना है।’’
इस कार्यक्रम में उष्णकटिबंधीय, उपोष्णकटिबंधीय और समशीतोष्ण बागवानी फसलें; जड़, कंद और शुष्क फसलें; सब्जी, फूलों की खेती और मशरूम की फसलें; और वृक्षारोपण, मसाले, औषधीय और सुगंधित पौधे शामिल हैं।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) को मजबूत करने के लिए 1,202 करोड़ रुपये की योजना और प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन के लिए 1,115 करोड़ रुपये की योजना को भी मंजूरी दी।
देश भर में 700 से अधिक केवीके हैं।
भाषा राजेश राजेश