सुभद्रा योजना को लेकर ओडिशा विधानसभा में हंगामा, सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित
रंजन रंजन संतोष
- 02 Sep 2024, 04:43 PM
- Updated: 04:43 PM
भुवनेश्वर, दो सितंबर (भाषा) ओडिशा विधानसभा में सोमवार को विपक्षी बीजू जनताा दल और कांग्रेस सदस्यों द्वारा ‘सुभद्रा योजना’ को लेकर व्यवधान पैदा किये जाने के कारण सदन की कार्यवाही दोपहर के भोजन से पहले कई बार स्थगित की गई।
सदस्यों ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार ने इस योजना के संबंध में अपने वादों को पूरा नहीं किया।
मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने विधानसभा सत्र की शुरुआत दिवंगत अश्विनी गुरु को श्रद्धांजलि के प्रस्ताव के साथ की। गुरु संबलपुर के पूर्व विधायक और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता थे ।
हालांकि, जैसे ही सदन ने दिवंगत नेता के लिए मौन रखा, विपक्षी सदस्य सदन के बीचोंबीच आ गए और मांग की कि सभी महिलाओं को इस योजना (सुभद्रा योजा) में शामिल किया जाए।
उन्होंने भाजपा सरकार पर महिलाओं को योजना से बाहर रखने वाले प्रावधानों को लागू करके उनके साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया, विशेष रूप से 21 से 60 वर्ष की महिलाओं की पात्रता को सीमित करने वाले दिशानिर्देश की आलोचना की।
विपक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि राज्य की भाजपा सरकार ने बाद में महिलाओं को योजना से बाहर करने के लिए आर्थिक मानदंड जोड़े।
विधानसभा अध्यक्ष सुरमा पाढ़ी ने शांति और सहयोग के लिए अनुरोध किया, जिसमें कहा गया कि स्थगन प्रस्ताव स्वीकार कर लिया गया है और सुभद्रा योजना पर चर्चा होगी, लेकिन विपक्ष ने अपना विरोध जारी रखा।
शोरगुल के कारण पाढ़ी ने सदन को कई बार स्थगित किया - पहले 11.30 बजे तक, फिर 12.05 बजे तक और फिर 1.05 बजे तक। जब सदन फिर से शुरू हुआ, तब भी विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा, जिसके कारण अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही शाम चार बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
सदन के बाहर, विपक्ष की मुख्य सचेतक प्रमिला मलिक ने सरकार की आलोचना करते हुए दावा किया कि उसने ओडिशा की महिलाओं के साथ विश्वासघात किया है।
मलिक ने कहा, ‘‘भाजपा के चुनाव घोषणापत्र में सुभद्रा योजना के तहत सभी महिलाओं को लाभ देने का वादा किया गया था, जिसमें दो साल में 50,000 रुपये दिये जाने का वादा भी शामिल है। अब, सरकार विभिन्न आधारों पर अधिकतर महिलाओं को इन लाभों से वंचित कर रही है।’’
कांग्रेस विधायक सोफिया फिरदौस ने भी योजना के दिशा-निर्देशों का विरोध करते हुए तर्क दिया कि इसका लाभ सभी उम्र वर्ग की महिलाओं को मिलना चाहिए, न कि केवल 21 से 60 वर्ष की महिलाओं को।
इसके जवाब में भाजपा विधायक बाबू सिंह ने राज्य सरकार का बचाव करते हुए आरोप लगाया कि बीजद ने अपने 24 साल के शासन के दौरान महिलाओं का विकास किए बिना उन्हें राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल किया।
उन्होंने जोर देकर कहा कि भाजपा सरकार अब सुभद्रा योजना के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए काम कर रही है।
सुभद्रा योजना राज्य की प्रमुख योजना है जिसके तहत राज्य सरकार प्रत्येक लाभार्थी को पांच साल तक हर साल 10,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 17 सितंबर को राज्य के अपने दौरे के दौरान यहां इस कार्यक्रम का शुभारंभ करने वाले हैं।
भाषा रंजन रंजन