ठाकरे ने शिवाजी की प्रतिमा ढहने की घटना को अक्षम्य बताया, पवार ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाया
शोभना संतोष
- 01 Sep 2024, 05:47 PM
- Updated: 05:47 PM
(तस्वीरों सहित)
मुंबई, एक सितंबर (भाषा) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार (राकांपा-एसपी) प्रमुख शरद पवार और शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे (शिवसेना-यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने के विरोध में दक्षिण मुंबई स्थित हुतात्मा चौक से ‘गेटवे ऑफ इंडिया’ तक रविवार को ‘महा विकास आघाडी’ (एमवीए) के मार्च का नेतृत्व किया।
एमवीए नेताओं ने प्रतिमा ढहने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की आलोचना की।
गठबंधन की घटक शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि इस मामले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा मांगी गई माफी में ‘‘अहंकार की बू’’ है, जबकि राकांपा (शरदचंद्र पवार) के प्रमुख शरद पवार ने इस घटना को भ्रष्टाचार का उदाहरण बताया।
मुंबई से करीब 480 किलोमीटर दूर मालवण तहसील के राजकोट किले में 17वीं सदी के मराठा योद्धा की प्रतिमा 26 अगस्त को ढह गई थी। इसका अनावरण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चार दिसंबर 2023 को नौसेना दिवस के अवसर पर किया था।
ठाकरे ने ‘गेटवे ऑफ इंडिया’ पर एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘क्या आपने (प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की) माफी में अहंकार को देखा? इसमें अहंकार की बू आ रही थी। इस गलती (प्रतिमा ढहने की घटना) को माफ नहीं किया जा सकता। हम सभी यहां ‘भाजपा को भारत से बाहर करने’ की मांग को लेकर एकत्र हुए हैं।’’
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के लोग महान योद्धा के अपमान को कभी माफ नहीं करेंगे। ठाकरे ने मोदी की ‘‘गारंटी’’ का उपहास उड़ाने के लिए प्रतिमा के ढहने, राम मंदिर में और नए संसद भवन परिसर में रिसाव का हवाला दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री किस बात के लिए माफी मांग रहे थे? उस प्रतिमा के लिए जिसका उन्होंने आठ महीने पहले उद्घाटन किया था? उसमें शामिल भ्रष्टाचार के लिए? एमवीए काडरों को शिवाजी महाराज का अपमान करने वाली ताकतों को हराने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। प्रतिमा का गिरना महाराष्ट्र की आत्मा का अपमान है।’’
प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को पालघर में अपने संबोधन के दौरान कहा था कि छत्रपति शिवाजी महाराज सिर्फ एक नाम या राजा नहीं, बल्कि एक आराध्य देव हैं।
उन्होंने कहा था, ‘‘आज, मैं उनके चरणों में सिर झुकाता हूं और अपने आराध्य देव से माफी मांगता हूं।’’
पवार ने विरोध मार्च में कहा, ‘‘सिंधुदुर्ग में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का गिरना भ्रष्टाचार का एक उदाहरण है। यह सभी शिवाजी प्रेमियों का अपमान है।’’
कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख नाना पटोले ने कहा कि प्रधानमंत्री के माफी मांगने से बहुत पहले ही विपक्ष ने ऐसी ‘‘शिवाजी द्रोही’’ (छत्रपति शिवाजी के सिद्धांतों के साथ विश्वासघात करने वाली) सरकार को सत्ता में आने देने के लिए मराठा योद्धा से माफी मांगी थी।
आगामी विधानसभा चुनाव की पृष्ठभूमि में उन्होंने कहा, ‘‘हमने संकल्प लिया है कि ऐसा दोबारा नहीं होगा।’’
पटोले ने कहा कि प्रधानमंत्री ने राज्य में होने वाले चुनाव को ध्यान में रखते हुए माफी मांगी है।
‘जोड़े मारो आंदोलन’ (चप्पलों से मारो) नामक आंदोलन के दौरान ठाकरे ने शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस नेताओं के साथ मिलकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्रियों देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के पोस्टर पर चप्पल मारीं।
शिवाजी के वंशज एवं कोल्हापुर से कांग्रेस सांसद शाहू छत्रपति ने कहा कि मराठा योद्धा की गरिमा को हर कीमत पर बनाए रखा जाना चाहिए।
राकांपा (एसपी) प्रमुख पवार, शिवसेना (यूबीटी) नेता ठाकरे, कांग्रेस की राज्य इकाई के प्रमुख नाना पटोले और पार्टी की मुंबई प्रमुख वर्षा गायकवाड़ ने ‘संयुक्त महाराष्ट्र’ आंदोलन में शहीद हुए लोगों की याद में बने हुतात्मा चौक पर पुष्पांजलि अर्पित कर विरोध मार्च की शुरुआत की।
प्रदर्शन पूर्वाह्न करीब 11 बजे के बाद प्रारंभ हुआ और दोपहर में समाप्त हुआ जिसमें राकांपा (एसपी) नेता एवं बारामती की सांसद सुप्रिया सुले और विधायक अनिल देशमुख शामिल रहे।
हुतात्मा चौक पर शिवाजी की एक आवक्ष प्रतिमा स्थापित की गई। विरोध मार्च में शामिल लोगों ने प्रतिमा ढहने की घटना की निंदा करने वाली तख्तियां लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की सरकार के खिलाफ नारे लगाए।
शरद पवार ने विरोध मार्च के तहत कुछ दूरी तक पैदल यात्रा की फिर वह वाहन में सवार हो गए।
भाषा शोभना