बेअंत सिंह हत्याकांड: न्यायालय ने हवारा को पंजाब जेल स्थानांतरित करने की याचिका पर सुनवाई टाली
सुभाष पवनेश
- 14 Nov 2025, 07:44 PM
- Updated: 07:44 PM
नयी दिल्ली, 14 नवंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को बब्बर खालसा के आतंकवादी जगतार सिंह हवारा की याचिका पर सुनवाई दो सप्ताह के लिए टाल दी।
हवारा 1995 में पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। हवारा ने दिल्ली की तिहाड़ जेल से पंजाब की किसी जेल में स्थानांतरित करने का अनुरोध किया है।
प्रधान न्यायाधीश बी आर गवई और न्यायमूर्ति विजय बिश्नोई की पीठ ने सुनवाई स्थगित कर दी।
शीर्ष अदालत ने हवारा की याचिका पर पिछले साल 27 सितंबर को केंद्र, चंडीगढ़ प्रशासन और दिल्ली सरकार तथा पंजाब सरकार को नोटिस जारी किए थे।
हवारा 31 अगस्त 1995 को चंडीगढ़ स्थित सिविल सचिवालय के प्रवेश द्वार पर हुए विस्फोट में सिंह की हत्या से संबंधित मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। इस विस्फोट में 16 अन्य लोग भी मारे गए थे।
न्यायालय में दायर याचिका में कहा गया है कि 22 जनवरी 2004 को जेल से भागने की कथित घटना को छोड़कर, हवारा का जेल में आचरण साफ रहा है। उस घटना में वह भाग गया था लेकिन बाद में उसे गिरफ्तार कर लिया गया था।
हवारा की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कॉलिन गोंजाल्विस से पीठ ने पूछा, ‘‘आप (हवारा) सुरंग खोदने में कैसे सफल रहे?’’ गोंजाल्विस ने कहा, ‘‘मुख्य घटना से लगभग 30 साल और जेल ब्रेक की घटना से 20 साल बीत चुके हैं।’’
पीठ ने उसकी याचिका पर नोटिस जारी किया और इसे चार सप्ताह बाद सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया।
वकील सत्य मित्रा के माध्यम से दायर याचिका में हवारा को दिल्ली की तिहाड़ जेल से पंजाब की किसी अन्य जेल में स्थानांतरित करने का अनुरोध किया गया है और दलील दी गई कि उसके खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी में कोई मामला लंबित नहीं है।
याचिका में प्रतिवादियों को यह निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है कि वे हवारा के अब तक के कारावास के दौरान जेल में उसके आचरण से संबंधित संपूर्ण रिकॉर्ड अदालत के समक्ष प्रस्तुत करें।
इसमें कहा गया है कि याचिकाकर्ता (हवारा) वर्तमान में पंजाब राज्य में दर्ज एक मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है... वह पंजाब राज्य के फतेहगढ़ साहिब जिले का मूल निवासी है और उसे पंजाब की जेल में ही रखा जाना चाहिए।
याचिका में कहा गया है कि पंजाब की जेल में स्थानांतरण के अनुरोध का एक कारण यह है कि हवारा की बेटी पंजाब में है। याचिकाकर्ता की पत्नी की मृत्यु हो चुकी है, जबकि उसकी मां अमेरिका में ‘कोमा’ में है।
मार्च 2007 में, इस मामले में निचली अदालत ने हवारा को फांसी की सज़ा सुनाई थी।
पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने अक्टूबर 2010 में उसकी सज़ा को आजीवन कारावास में बदल दिया था और निर्देश दिया था कि उसे जीवन पर्यंत जेल से रिहा नहीं किया जाएगा।
हवारा की याचिका में कहा गया है कि उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ उसकी और अभियोजन पक्ष की अपीलें शीर्ष न्यायालय में लंबित हैं।
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