पीआईए में व्यवधान जारी, पाकिस्तानी एथलेटिक्स दल की उड़ान छह घंटे से अधिक विलंबित
तान्या नरेश
- 14 Nov 2025, 06:07 PM
- Updated: 06:07 PM
कराची, 14 नवंबर (भाषा) पाकिस्तान में विमान इंजीनियरों के साथ चल रहे विवाद के कारण आने-जाने वाली घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में भारी व्यवधान उत्पन्न हो गया है। इसके कारण देश की एथलेटिक्स टीम शुक्रवार को एक खेल आयोजन के लिए रियाद जाते समय छह घंटे से अधिक समय तक फंसी रही।
एथलेटिक्स दल में ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता अरशद नदीम, उनके कोच सलमान बट और अन्य एथलीट शामिल थे। उनको उस समय निराशा का सामना करना पड़ा जब वे इस वर्ष रियाद में आयोजित होने वाले इस्लामिक सॉलिडेरिटी गेम्स में भाग लेने के लिए सुबह लाहौर हवाई अड्डे पर पहुंचे।
बट ने स्थानीय समयानुसार दोपहर तीन बजे पीटीआई को बताया, "हमें पता चला कि रियाद जाने वाली हमारी पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (पीआईए) की उड़ान छह घंटे से ज्यादा देरी से चल रही है। उड़ान की घोषणा में कहा गया था कि तकनीकी खराबी के कारण देरी हुई है।"
उन्होंने कहा, "हम सुबह 9.25 बजे की उड़ान के लिए सुबह छह बजे हवाई अड्डे पर आए और तब से फंसे हुए हैं।"
पाकिस्तान की राष्ट्रीय विमानन कंपनी पीआईए और इंजीनियरों के प्रतिनिधि सोसाइटी ऑफ एयरक्राफ्ट इंजीनियर्स पाकिस्तान (एसएईपी) के बीच कई हफ्तों से तनातनी चल रही है।
संबंध तब बिगड़ गए जब इंजीनियरों ने उड़ान योग्यता प्रमाण पत्र जारी करना बंद कर दिया, जिसके कारण इस महीने के शुरू में कई घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर बड़े पैमाने पर विमानों को रद्द करना पड़ा।
पिछले सप्ताह पीआईए के बयान में दावा किया गया था कि जो भी उड़ानें रद्द/विलंब हो रही हैं, वे शेड्यूल में बदलाव, मौसम की स्थिति या अन्य परिचालन कारणों के कारण हैं, लेकिन अब यह स्पष्ट है कि एसएईपी के साथ टकराव ही पिछले महीने से बाधित अंतरराष्ट्रीय और घरेलू उड़ान परिचालन का मुख्य कारण है।
पाकिस्तान के प्रमुख हवाई अड्डों पर शुक्रवार सुबह भी कई एयरलाइनों को समस्याओं का सामना करना पड़ा, जहां व्यापक व्यवधान हुआ, कई उड़ानें रद्द हुईं और कुछ में देरी हुई, जिससे यात्री प्रभावित हुए।
पीआईए प्रबंधन और इंजीनियरों के बीच झगड़ा तीन महीने पहले शुरू हुआ था। दो इंजीनियरों (एसएईपी के पदाधिकारी) को पहले ही बर्खास्त कर दिया गया और इंजीनियरों द्वारा पीछे हटने से इनकार करने के कारण स्थिति और बिगड़ गई है।
पीआईए प्रबंधन का दावा है कि इंजीनियरों की कार्रवाई आवश्यक सेवा अधिनियम का उल्लंघन है, जिसके तहत हड़ताल करना या काम छोड़ना कानूनी अपराध है।
बेहतर वेतन पैकेज और पारिश्रमिक की मांग को लेकर आंदोलनरत इंजीनियरों का तर्क है कि "वे काम पर हैं" और बात सिर्फ इतनी है कि वे बिना पेशेवर निरीक्षण के प्रबंधन को विमान के लिए मंजूरी प्रमाण पत्र देने में असमर्थ हैं।
प्रबंधन इसे तकनीकी कर्मचारियों की ओर से देरी की रणनीति के रूप में देखता है, जो दैनिक आधार पर उड़ानों को बाधित कर रहे हैं।
पीआईए इंजीनियरों ने आरोप लगाया कि 10 अक्टूबर को विमान रखरखाव में गंभीर खामियों और प्रबंधन द्वारा लिए गए कई गैर-तकनीकी फैसलों ने पीआईए बेड़े को कबाड़खाने में बदल दिया है, जिससे परिचालन विमानों की संख्या 34 से घटकर केवल 17 रह गई है।
इस बीच, पीआईए एयर लीग और पीआईए सीनियर स्टाफ ऑफिसर्स एसोसिएशन (एसएएसए) ने पीआईए प्रबंधन के साथ विवाद के बीच एसईएपी को अपना समर्थन देने की घोषणा की है।
एसएईपी की मांगों में वेतन में वृद्धि शामिल है, जो पिछले आठ वर्षों से स्थिर बनी हुई है, साथ ही विमान के कलपुर्जों का समय पर प्रावधान और बेहतर कार्य वातावरण भी शामिल है।
देनदारियों और दीर्घकालिक वित्तीय बोझ से दबी पीआईए ने इस महीने की शुरुआत में 20 साल में पहली बार मुनाफा दर्ज किया। सरकार ने कहा है कि वह बहुमत हिस्सेदारी के जरिए निजीकरण की अपनी पहली प्रक्रिया को आगे बढ़ा रही है।
पीआईए ने 5 नवंबर को एसएईपी पर सुरक्षा चिंताओं के बहाने विमानों की मंजूरी रोककर एयरलाइन की चल रही निजीकरण प्रक्रिया को विफल करने का आरोप लगाया।
भाषा तान्या