तमिलनाडु : बच्चों में ‘टाइप 1’ मधुमेह का सभी सरकारी अस्पतालों में इलाज होगा
तान्या अविनाश
- 14 Nov 2025, 05:16 PM
- Updated: 05:16 PM
चेन्नई, 14 नवंबर (भाषा) तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री एमए सुब्रमण्यन ने शुक्रवार को कहा कि धीरे-धीरे प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में ‘टाइप 1’ मधुमेह से पीड़ित बच्चों के इलाज की सुविधा मुहैया करायी जाएगी।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में यह सुविधा सात जिला सरकारी अस्पतालों में है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने कहा, "तमिलनाडु में ‘टाइप 1’ मधुमेह से प्रभावित बच्चों को उपचार प्रदान करने के लिए एक योजना 2008 में तत्कालीन मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि द्वारा शुरू की गई थी। अभी, इस योजना के तहत ‘टाइप 1’ मधुमेह से पीड़ित 5,064 बच्चों का इलाज किया जा रहा है।"
सुब्रमण्यन 14 नवंबर को विश्व मधुमेह दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेने के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे।
उन्होंने कहा, "भारत में 14 नवंबर को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है, जबकि वैश्विक स्तर पर इसे विश्व मधुमेह दिवस के रूप में मनाया जाता है।"
उन्होंने कहा, "मई 2021 में द्रमुक के सत्ता संभालने के तुरंत बाद, मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने घोषणा की कि ‘टाइप 1’ मधुमेह से पीड़ित बच्चों के इलाज का विस्तार तीन और शहरों में किया जाएगा। वर्तमान में, यह सात सरकारी अस्पतालों - चेन्नई, तंजावुर, सलेम, कोयंबटूर, तिरुनेलवेली, धर्मपुरी और तिरुचिरापल्ली में उपलब्ध है।"
उन्होंने कहा, "इस योजना का विस्तार तिरुवरुर, नमक्कल और चिदंबरम तक करने का निर्णय लिया गया है, जहां ‘टाइप 1’ मधुमेह से पीड़ित बच्चों को इन जिलों के सरकारी अस्पतालों में उपचार मिलेगा।"
एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि स्वयंसेवी संगठनों के सहयोग से इस योजना का पूरे तमिलनाडु में विस्तार किया जाएगा।
सुब्रमण्यन ने कहा, "इस योजना को धीरे-धीरे राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में लागू किया जाएगा।’’
सरकार की 'मक्कलाई थेडी मारुथुवम' योजना के तहत मरीजों के घर पर चिकित्सा सेवाएं प्रदान की जाती है। इसका उल्लेख करते हुए मंत्री ने कहा कि तमिलनाडु में 58.53 लाख लोग मधुमेह से पीड़ित हैं, जबकि 54.75 लाख लोग मधुमेह और उच्च रक्तचाप दोनों से पीड़ित हैं।
उन्होंने कहा, "तमिलनाडु में इस योजना के तहत कुल 1.13 करोड़ मधुमेह रोगियों का इलाज किया जा रहा है।"
सुब्रमण्यन ने कहा कि जुलाई 2024 में शुरू की गई 'पादम पादुकापोम' (पैर बचाओ) योजना का उद्देश्य रोग और मधुमेह की स्थिति में पैर की जटिलताओं का शीघ्र पता लगाकर उपचार प्रदान करना है।
‘टाइप 1’ डायबिटीज एक स्व-प्रतिरक्षी रोग है जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली अग्न्याशय की इंसुलिन उत्पादक बीटा कोशिकाओं को नष्ट कर देती है।
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में, सुब्रमण्यन ने बताया कि तमिलनाडु में गैर-संचारी रोगों से होने वाली मौतें सालाना 16,000 से 17,000 के बीच थीं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों के कारण यह संख्या काफी कम हो गई है।
भाषा तान्या