पुणे भूमि सौदे में 42 करोड़ रुपये के स्टाम्प शुल्क का नोटिस कानून के अनुसार : बावनकुले
देवेंद्र प्रशांत
- 13 Nov 2025, 07:55 PM
- Updated: 07:55 PM
मुंबई, 13 नवंबर (भाषा) महाराष्ट्र के मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने बृहस्पतिवार को कहा कि उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बेटे पार्थ से जुड़ी एक फर्म को जारी किया गया 42 करोड़ रुपये के दोगुने स्टाम्प शुल्क के भुगतान की मांग वाला नोटिस कानून के अनुसार था और इसे उचित कार्रवाई बताया।
संयुक्त महानिरीक्षक पंजीकरण ने शुक्रवार को अमाडिया एंटरप्राइजेज एलएलपी को पुणे के मुंधवा क्षेत्र स्थित सरकारी भूमि के निरस्तीकरण विलेख पर आगे बढ़ने से पहले दोगुने स्टाम्प शुल्क का भुगतान करने के लिए नोटिस जारी किया।
राजनीतिक विवाद के बीच, जिसमें विपक्ष ने कंपनी पर 1,800 करोड़ रुपये की बहुमूल्य भूमि को 300 करोड़ रुपये में खरीदने का प्रयास करने का आरोप लगाया था, अजित पवार ने घोषणा की थी कि सौदा रद्द कर दिया गया है।
बावनकुले ने बुधवार को कहा था कि वह दोगुने स्टाम्प शुल्क के भुगतान की मांग वाले नोटिस पर स्पष्टीकरण मांगेंगे।
राजस्व मंत्री ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा, ‘‘मैंने कल कहा था कि मैं मामले की जांच करूंगा। जांच के बाद पाया गया कि पंजीकरण और स्टाम्प विभाग ने उचित कार्रवाई की है। लेनदेन का मूल मूल्य 300 करोड़ रुपये दिखाया गया था, जिस पर 21 करोड़ रुपये का स्टाम्प शुल्क लगाया गया था।’’
बावनकुले ने कहा, ‘‘अब, लेन-देन रद्द करते समय, पुनः हस्तांतरण के लिए 21 करोड़ रुपये अतिरिक्त देने होंगे, जिससे कुल स्टाम्प शुल्क 42 करोड़ रुपये हो जाएगा।’’
उन्होंने कहा कि यह लेनदेन तकनीकी रूप से गलत है, क्योंकि इसमें सरकारी जमीन को निजी तौर पर बेचा जा रहा था, जिससे यह सौदा अवैध हो गया।
उन्होंने महानिरीक्षक पंजीयन एवं स्टाम्प द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण का हवाला देते हुए कहा, ‘‘सरकार को जमीन वापस लेनी होगी। हालांकि, स्टाम्प अधिनियम के अनुसार, लेन-देन में घोषित मूल्य पर शुल्क लगाया जाना चाहिए। केंद्रीय स्टाम्प कानून के तहत, शुल्क लेन-देन के मूल्य के आधार पर लिया जाता है, न कि स्वामित्व के आधार पर। महत्वपूर्ण बात यह है कि स्टाम्प अधिकारी के समक्ष कितनी राशि दिखाई जाती है।’’
बावनकुले ने कहा कि विभाग द्वारा जारी नोटिस पूरी तरह कानूनी प्रावधानों के अनुरूप है और उन्होंने कहा कि एक समिति पूरे सौदे पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर रही है तथा रिपोर्ट मिलने के बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
विपक्ष ने आरोप लगाया है कि जमीन का बाजार मूल्य 1,800 करोड़ रुपये था।
अमाडिया एंटरप्राइजेज से जुड़े जमीन सौदे के संबंध में हस्ताक्षरकर्ताओं और विक्रेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। हालांकि, पार्थ पवार का नाम पुलिस मामले में शामिल नहीं किया गया है, लेकिन उनके रिश्तेदार के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, जो कंपनी में साझेदार हैं।
महानिरीक्षक रजिस्ट्रार कार्यालय द्वारा दर्ज करायी गई प्राथमिकी में दिग्विजय पाटिल, शीतल तेजवानी (जिन्होंने पावर ऑफ अटॉर्नी के माध्यम से जमीन के 272 'मालिकों' का प्रतिनिधित्व किया था) और उप-पंजीयक आर.बी. तारू के खिलाफ कथित गबन और धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है।
अजित पवार ने दावा किया था कि पार्थ को इस बात की जानकारी नहीं थी कि कंपनी द्वारा खरीदी गई जमीन सरकारी है।
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