शिवकुमार ने मेकेदातु परियोजना पर उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत किया
देवेंद्र संतोष
- 13 Nov 2025, 04:02 PM
- Updated: 04:02 PM
बेंगलुरु, 13 नवंबर (भाषा) उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार ने कर्नाटक में कावेरी नदी पर प्रस्तावित मेकेदातु जलाशय के निर्माण के खिलाफ पड़ोसी राज्य तमिलनाडु की याचिका को उच्चतम न्यायालय द्वारा खारिज किए जाने का स्वागत किया।
शिवकुमार के पास जल संसाधन विभाग भी है। उन्होंने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि मामले में न्याय हुआ है।
उन्होंने कहा कि कर्नाटक ने केवल कावेरी जल में अपना उचित हिस्सा मांगा था।
उच्चतम न्यायालय ने कर्नाटक द्वारा कावेरी नदी पर मेकेदातु जलाशय परियोजना के निर्माण के खिलाफ तमिलनाडु सरकार की याचिका को खारिज कर दिया और इसे ‘‘समय से पूर्व दायर की गई अर्जी’’ बताया।
भारत के प्रधान न्यायाधीश बी.आर. गवई, न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति एन.वी. अंजारिया की पीठ ने कहा कि राज्य की आपत्तियों के साथ-साथ विशेषज्ञ निकायों, कावेरी जल विनियमन समिति (सीडब्ल्यूआरसी) और कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण (सीडब्ल्यूएमए) की राय पर विचार करने के बाद ही योजना को मंजूरी दी जायेगी।
शिवकुमार ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘हम यही मांग कर रहे थे - हमारा अधिकार और हमारा पानी। हम किसी को परेशान नहीं कर रहे हैं। तमिलनाडु को भी लाभ होगा और उसे पर्याप्त पानी मिलेगा।’’
उन्होंने कहा कि राज्य इस परियोजना पर आगे बढ़ेगा और अपने खर्च से कर्नाटक में जलाशय का निर्माण करेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘हम इसे अपने क्षेत्र में और अपनी धनराशि से बनाएंगे। हम कम बारिश के दौरान तमिलनाडु की भी मदद करेंगे। यह एक संतुलित जलाशय है।’’
फैसले को ‘‘बेंगलुरुवासियों की जीत’’ बताते हुए उन्होंने कहा कि इससे न केवल कर्नाटक की राजधानी के निवासियों और यहां आने वाले पर्यटकों को फायदा होगा, बल्कि तमिलनाडु को भी पर्याप्त मात्रा में पानी मिलेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं तमिलनाडु से अनुरोध करता हूं कि वे इसे विनम्रता से स्वीकार करें। आइए हम मिलकर काम करें। उनके पास कोई और विकल्प नहीं है। उन्हें हमें न्याय देना होगा।’’
कर्नाटक सरकार द्वारा प्रस्तावित मेकेदातु जलाशय परियोजना में कावेरी नदी पर एक बांध का निर्माण शामिल है, जिसका उद्देश्य मुख्य रूप से बेंगलुरु महानगर क्षेत्र को पेयजल की आपूर्ति करना तथा पनबिजली उत्पन्न करना है।
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