भूमि सौदा मामला: दानवे ने फडणवीस पर पार्थ पवार को बचाने का आरोप लगाया
सुभाष वैभव
- 13 Nov 2025, 03:22 PM
- Updated: 03:22 PM
छत्रपति संभाजी नगर (महाराष्ट्र), 13 नवंबर (भाषा) शिवसेना (उबाठा) नेता अंबादास दानवे ने बृहस्पतिवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बेटे पार्थ को 300 करोड़ रुपये के विवादास्पद पुणे भूमि सौदा मामले में बचाने का आरोप लगाया।
दानवे ने दावा किया कि सरकार इस मामले में पवार पिता-पुत्र को बचाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। उन्होंने मांग की कि पार्थ के प्रति किसी भी तरह की नरमी नहीं बरती जाए और उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जाए।
शिवसेना (उबाठा) नेता ने यह भी दावा किया कि उनकी जानकारी के अनुसार, भूमि सौदे के मामले में विवाद बढ़ने के बाद, सत्तारूढ़ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख अजित पवार ने ताव में आकर सरकार से बाहर निकलने तक की बात कह दी थी।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने सुना है कि 'वर्षा' (मुंबई में मुख्यमंत्री का आधिकारिक आवास) में हुई एक बैठक में अजित पवार ने गुस्से में आकर सरकार से बाहर निकलने और बाहर से समर्थन देने की बात कही है।’’
पुणे के पॉश मुंधवा इलाके में 40 एकड़ सरकारी जमीन की 300 करोड़ रुपये में अमाडिया एंटरप्राइजेज एलएलपी को कथित रूप से आवश्यक मंज़ूरियों के बिना बिक्री कर दी गई थी जो जांच के दायरे में है। एलएलपी में पार्थ पवार बड़े साझेदार हैं। विपक्ष का दावा है कि जमीन का बाज़ार मूल्य 1,800 करोड़ रुपये है।
आलोचनाओं का सामना कर रहे अजित पवार ने पिछले हफ़्ते घोषणा की कि पार्थ की कंपनी द्वारा किया गया बैनामा रद्द कर दिया गया है। उन्होंने यह भी दावा किया कि पार्थ को इस बात की जानकारी नहीं थी कि कंपनी द्वारा खरीदी गई जमीन सरकारी है।
छत्रपति संभाजीनगर में पत्रकारों से बात करते हुए, दानवे ने भाजपा पर जमीन सौदे के मामले की जानकारी होने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि भाजपा इसका बाद में सहयोगी राकांपा के खिलाफ इस्तेमाल करने की योजना बना रही थी।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार इस मामले में अजित पवार और पार्थ को बचाने की कोशिश कर रही है।
राज्य विधान परिषद में विपक्ष के पूर्व नेता ने कहा, ‘‘लेकिन पार्थ पवार के साथ नरमी नहीं बरती जानी चाहिए। उनके साथ छोटे बच्चे जैसा व्यवहार नहीं किया जा सकता। वह लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं। उनके साथ अपराधी जैसा व्यवहार किया जाना चाहिए। उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जाना चाहिए।’’
शिवसेना (उबाठा) नेता ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री फडणवीस, पार्थ को बचाने के लिए इस मामले में हस्तक्षेप कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इस मामले में मुख्यमंत्री के सीधे हस्तक्षेप के बिना पार्थ पवार को बचाया नहीं जा सकता।’’
पूर्व विधान परिषद सदस्य ने यह भी कहा कि भूमि सौदे में स्टाम्प शुल्क के भुगतान के संबंध में राज्य के राजस्व विभाग और राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले के रुख में विरोधाभास है।
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