दिल्ली विस्फोट : कानपुर के हृदय रोग डाक्टर छात्र को एटीएस ने हिरासत में लिया
सं जफर मनीषा
- 13 Nov 2025, 01:19 PM
- Updated: 01:19 PM
कानपुर (उप्र), 13 नवंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने हाल ही में दिल्ली में हुए विस्फोट की जाँच के सिलसिले में कानपुर के हृदय रोग की शिक्षा प्राप्त कर रहे डाक्टर को हिरासत में लिया है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि डॉक्टर की पहचान 32 वर्षीय डॉ. मोहम्मद आरिफ के रूप में हुई है, जो राजकीय गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल (जीएसवीएम) मेडिकल कॉलेज में डीएम (कार्डियोलॉजी) प्रथम वर्ष के छात्र हैं। उन्हें एक अज्ञात स्थान से हिरासत में लिया गया।
बाद में, एटीएस की एक टीम ने नजीराबाद के अशोक नगर स्थित उनके किराए के आवास की तलाशी ली और फोरेंसिक जाँच के लिए उनका मोबाइल फोन और लैपटॉप जब्त कर लिया। इसके बाद उन्हें पूछताछ के लिए दिल्ली ले जाया गया।
अधिकारी ने आगे कहा, "उनका दिल्ली विस्फोट मामले में पहले से गिरफ्तार लोगों से आमना-सामना कराया जा सकता है।"
जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग का रहने वाला आरिफ, जीएसवीएम की पूर्व प्रोफेसर डॉ. शाहीन सईद, जिन्हें इसी मामले में पहले गिरफ्तार किया गया था, से पूछताछ के दौरान हुए खुलासों के बाद एटीएस की रडार पर आया।
जाँचकर्ताओं को संदेह है कि आरिफ, डॉ. शाहीन और उनके भाई डॉ. परवेज़ के साथ नियमित संपर्क में था। दोनों से गहन पूछताछ की गई है।
सूत्रों ने बताया कि दिल्ली में लाल किले के पास हुए विस्फोट के दिन, आरिफ, डॉ. शाहीन के नेटवर्क से कथित तौर पर जुड़े लोगों के साथ टेलीफोन पर संपर्क में था। उसने हाल ही में जम्मू-कश्मीर का भी दौरा किया था, जिससे संदेह और बढ़ गया। जब एटीएस के जवान उसके घर पहुँचे, तो उसने कथित तौर पर अपने फ़ोन से डेटा डिलीट करने की कोशिश की, लेकिन अधिकारियों ने समय रहते डिवाइस को जब्त कर लिया।
उसके कॉल रिकॉर्ड और चैट के प्रारंभिक विश्लेषण से कथित मास्टरमाइंड और अन्य संदिग्धों के साथ उसके संपर्क का संकेत मिला है।
जाँचकर्ताओं का मानना है कि समूह ने ड्राफ्ट संदेशों का आदान-प्रदान करने के लिए एक साझा ईमेल आईडी का इस्तेमाल किया, जो अक्सर आतंकवादी संगठन इलेक्ट्रॉनिक निगरानी से बचने के लिए अपनाते हैं।
इस घटना से जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों और छात्रों में, खासकर हृदय रोग कार्डियोलॉजी विभाग में, बेचैनी फैल गई है, जहाँ आरिफ ने तीन महीने पहले ऑल इंडिया काउंसलिंग के ज़रिए प्रवेश लिया था ।
इस घटना की पुष्टि करते हुए, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (कार्डियोलॉजी) डॉ. ज्ञानेंद्र ने कहा, "डॉ. आरिफ ने तीन महीने पहले ऑल इंडिया काउंसलिंग के ज़रिए यहाँ प्रवेश लिया था । वह कल दोपहर ड्यूटी पर थे और बाद में कैंपस के बाहर अपने आवास पर चले गए। शाम लगभग 7 बजे हमें बताया गया कि एक टीम उन्हें पूछताछ के लिए ले गई है। वह कश्मीर से थे और कैंपस के बाहर रहते थे। वह आते, चुपचाप काम करते और चले जाते थे।"
डॉ. ज्ञानेंद्र ने कहा कि एहतियात के तौर पर पहले, दूसरे और तीसरे वर्ष के सभी कार्डियोलॉजी छात्रों की स्क्रीनिंग शुरू कर दी गई है।
आरिफ के मकान मालिक कन्हैया लाल ने बताया कि डॉक्टर लगभग एक महीने से उनके घर की दूसरी मंजिल पर एक अन्य डॉक्टर अभिषेक के साथ किराए पर रह रहे थे।
कन्हैया लाल ने संवाददाताओं को बताया, "शाम करीब साढ़े सात बजे, चार सदस्यों की एक टीम सीधे उसके कमरे में आई। उनके पास पहले से ही चाबियाँ थीं, उन्होंने पूरे कमरे की तलाशी ली, उसे फिर से बंद कर दिया और चुपचाप चले गए।"
उन्होंने आगे बताया कि आरिफ ने कमरा किराए पर लेने से पहले अपना पहचान पत्र जमा कर दिया था और उन्होंने कभी कोई संदिग्ध गतिविधि या असामान्य आगंतुक नहीं देखे।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर पुष्टि की कि आरिफ को कानपुर में हिरासत में लिया गया था और बाद में आगे की पूछताछ के लिए केंद्रीय जाँच एजेंसियों को सौंप दिया गया।
कानपुर के पुलिस आयुक्त रघुबीर लाल ने पीटीआई-भाषा को बताया कि उन्हें हिरासत की सूचना मिली थी और उन्होंने रिपोर्टों की पुष्टि के लिए एक टीम भेजी थी।
उन्होंने कहा, "हम तथ्यों की जाँच कर रहे हैं। मैं पुष्टि के बाद ही कोई टिप्पणी करूँगा।"
हालाँकि उन्होंने हिरासत की न तो पुष्टि की और न ही खंडन किया।
इस बीच, एटीएस और राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (एनआईए) की टीमें डॉ. शाहीन के नेटवर्क से जुड़े किसी भी अतिरिक्त लिंक का पता लगाने के लिए कानपुर में अभियान जारी रखे हुए हैं।
अधिकारियों ने संकेत दिया कि जाँच आगे बढ़ने पर और नाम सामने आ सकते हैं।
भाषा सं जफर