मुंब्रा ट्रेन हादसा: रेलवे के दो इंजीनियरों की अग्रिम जमानत पर फैसला बृहस्पतिवार को आने की संभावना
जितेंद्र रंजन
- 13 Nov 2025, 09:54 AM
- Updated: 09:54 AM
ठाणे, 13 नवंबर (भाषा) महाराष्ट्र के ठाणे की एक अदालत जून में हुई मुंब्रा ट्रेन दुर्घटना के मामले में गैर इरादतन हत्या के आरोप में गिरफ्तार दो रेलवे इंजीनियरों की अग्रिम ज़मानत याचिका पर बृहस्पतिवार को फैसला सुना सकती है।
इस दुर्घटना में पांच लोगों की मौत हो गई थी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जीटी पवार के समक्ष बुधवार को बचाव पक्ष के वकील बलदेव राजपूत ने अभियोजन पक्ष की इस दलील को ‘पूरी तरह से निराधार और भ्रामक’ करार दिया कि दुर्घटना के लिए दोनों को दोषी ठहराया गया है।
इससे पहले, अभियोजन पक्ष ने इस बात पर जोर दिया था कि रेलवे की एक रिपोर्ट में एक यात्री के बैग को दुर्घटना का कारण बताया गया था लेकिन ‘पंचनामा’ के दौरान कोई बैग बरामद नहीं हुआ था।
राजपूत ने पंचनामा पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह घटना के दो दिन बाद किया गया, जिससे यह असंभव है कि सबूत सुरक्षित बचे रहें।
उन्होंने दलील दी कि बचाव पक्ष द्वारा प्रस्तुत वीडियो में घटनास्थल पर बैग साफ दिखाई दे रहा है।
राजपूत ने घटना वाले दिन उसी स्थान से गुजरने वाली 28 ट्रेनों के रिकॉर्ड और आस-पास के स्टेशनों के सीसीटीवी फुटेज भी पेश किए।
राजपूत ने अभियोजन पक्ष के इस दावे को खारिज कर दिया कि कसारा लोकल ट्रेन की बोगी संख्या-तीन में भीड़ नहीं थी।
उन्होंने दिवा स्टेशन के वीडियो फुटेज पेश किए, जिसमें कोच में अत्यधिक भीड़ दिखाई दे रही थी।
इस बीच, अभियोजन पक्ष ने कहा कि इंजीनियरों की लापरवाही के कारण दुर्घटना हुई।
अदालत बृहस्पतिवार को जमानत याचिकाओं पर फैसला सुना सकती है।
ठाणे जिले के दिवा और मुंब्रा स्टेशनों के बीच यह दुर्घटना नौ जून को उस समय हुई, जब दो लोकल ट्रेनें एक तीव्र मोड़ पर (मुंब्रा स्टेशन के पास) एक-दूसरे को पार कर रही थीं।
एक ट्रेन कसारा और दूसरी ट्रेन मुंबई में छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनल (सीएसएमटी) की ओर जा रही थी।
पुलिस ने बताया कि डिब्बों के फुटबोर्ड पर खड़े कुछ यात्रियों के बैग आपस में टकराये जिस वजह से कुछ लोग पटरियों पर गिर गए।
इस दुर्घटना में पांच यात्रियों की मौत हो गई थी।
राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) ने एक नवंबर को सहायक मंडल अभियंता डोलास, वरिष्ठ अनुभाग अभियंता यादव और पटरियों के रखरखाव के लिए जिम्मेदार अन्य रेलवे अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ दुर्घटना के संबंध में मामला दर्ज किया।
दोनों इंजीनियरों ने पहले अदालत को बताया था कि दुर्घटना उनकी ओर से किसी चूक के कारण नहीं बल्कि ट्रेनों में अत्यधिक भीड़ के कारण हुई थी।
भाषा जितेंद्र