राष्ट्रीय सुरक्षा में सेंध लगाने वालों उसकी कीमत चुकानी पड़ेगी: योगी
तान्या खारी
- 12 Nov 2025, 10:23 PM
- Updated: 10:23 PM
एकता नगर (गुजरात), 12 नवंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि भारत की सुरक्षा में सेंध लगाने वालों को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। उन्होंने स्वतंत्रता के बाद तत्कालीन रियासतों को भारत में विलय करने में सरदार वल्लभभाई पटेल के योगदान को याद किया।
आदित्यनाथ ने ‘भारत पर्व’ के तहत पटेल की 150वीं जयंती समारोह के अवसर पर ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के निकट एकता नगर में एकसभा को संबोधित किया।
उन्होंने कहा, ‘‘आजादी के बाद, जूनागढ़ के नवाब और हैदराबाद के निजाम समेत कुछ रियासतों के प्रमुख भारत गणराज्य में शामिल होने के लिए आनाकानी की थी। लेकिन सरदार साहब ने कहा कि प्यार से मानोगे तो ठीक है बहुत से भी तरीके हैं मनाने के।’’
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने पटेल और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच समानताएं बताते हुए कहा कि नया भारत देश की सुरक्षा, संप्रभुता और अखंडता से समझौता नहीं करता है।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत की सुरक्षा में सेंध लगाएगा, उसकी कीमत चुकाएगा।’’
योगी ने कहा, ‘‘सरदार वल्लभभाई पटेल ने तत्कालीन 563 रियासतों का विलय कर 'एक भारत' का निर्माण किया। इसी तरह, प्रधानमंत्री मोदी पिछले 11 वर्षों से उस एक भारत को श्रेष्ठ भारत में बदलने के लिए काम कर रहे हैं।’’
आदित्यनाथ ने कहा कि सरदार पटेल को समर्पित 182 मीटर ऊंची ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ प्रधानमंत्री मोदी के दृष्टिकोण का परिणाम है और भारत की एकता का प्रतीक है।
आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत अपनी विरासत को संजो रहा है। उन्होंने न केवल गरीबों के कल्याण और सांस्कृतिक विकास के नए रीतियों के माध्यम से भारत की वर्तमान पीढ़ी को प्रेरित किया है, बल्कि भारत को एक विकसित देश बनाने का दृष्टिकोण भी प्रस्तुत किया है।’’
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी में पुनर्विकसित काशी विश्वनाथ मंदिर अब हर साल 11 से 12 करोड़ श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘इसी तरह भगवान राम का भव्य मंदिर बनने के बाद हर साल छह से आठ करोड़ श्रद्धालु और पर्यटक अयोध्या धाम आते हैं। 11 साल पहले किसी को विश्वास नहीं होता था कि अयोध्या में भव्य मंदिर बनेगा।"
उन्होंने कहा, ‘‘भक्त विरोध-प्रदर्शन करते थे और 500 वर्षों तक विभिन्न अभियान चलते रहे। धीरे-धीरे उम्मीदें धूमिल होती गईं। हालांकि, जो दूसरों के लिए असंभव लगता था, उसे मोदी जी ने संभव बना दिया।"
भाषा तान्या