पंजाब और हरियाणा में 15 सितंबर से 10 नवंबर तक पराली जलाने की 4300 घटनाएं
धीरज नेत्रपाल
- 12 Nov 2025, 09:39 PM
- Updated: 09:39 PM
(तस्वीरों के साथ)
नयी दिल्ली, 12 नवंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय को सूचित किया गया है कि 15 सितंबर से 10 नवंबर के बीच पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की क्रमश: 4,000 और 360 से अधिक घटनाएं सामने आईं तथा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में गंभीर वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में 1,500 से अधिक औद्योगिक इकाइयों को बंद किया गया है।
दिल्ली-एनसीआर के लिए गठित वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने न्यायालय के निर्देशों के अनुसार दो अलग-अलग हलफनामों में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी है।
प्रधान न्यायाधीश बी आर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने तीन नवंबर को सीएक्यूएम को हलफनामे के जरिये दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण को और अधिक बिगड़ने से रोकने के लिए अब तक उठाए गए कदमों का विवरण देने का निर्देश दिया था।
इससे पहले, दिवाली के दौरान दिल्ली-एनसीआर में हरित पटाखों की अनुमति देते हुए, पीठ ने सीपीसीबी को एसपीसीबी के साथ बैठक करने और 14 अक्टूबर से 25 अक्टूबर तक वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) की निगरानी करने तथा अदालत के समक्ष एक रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था।
सीएक्यूएम ने 46 पृष्ठ के हलफनामे में कहा कि पराली जलाने की घटनाएं ‘गंभीर चिंता’ का विषय बनी हुई हैं, जिससे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु प्रदूषण की स्थिति बिगड़ रही है। इसने कहा कि यह ‘मौसमी घटना’ प्रदूषण में अहम योगदान दे रही है।
इसमें कहा गया, ‘‘आयोग उपग्रह निगरानी के माध्यम से पता लगाई गई पराली जलाने की घटनाओं की संख्या पर कड़ी नजर रख रहा है और तत्काल उपचारात्मक और निवारक कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए दैनिक आधार पर राज्य सरकारों के साथ संपर्क में है।’’
आयोग ने पंजाब और हरियाणा की सरकारों द्वारा की गई निगरानी और प्रवर्तन कार्रवाइयों पर रिपोर्ट में कहा है कि पंजाब में 15 सितंबर से 10 नवंबर तक पराली जलाने की 4,195 घटनाएं दर्ज की गईं और इसने क्षेत्र में वायु गुणवत्ता को खराब करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
इसमें यह भी कहा गया है कि इसी अवधि के दौरान हरियाणा में पराली जलाने की 363 घटनाएं दर्ज की गईं।
आयोग ने बताया कि प्रदूषण फैलाने वाली कुल 1,556 औद्योगिक इकाइयों को बंद किया गया है जिनमें से क्रमश: 264, 234, 637, 121 इकाइयां दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में हैं।
शीर्ष अदालत द्वारा 17 नवंबर को याचिका पर सुनवाई करने और मामले में आगे के निर्देश पारित किए जाने की उम्मीद है।
भाषा धीरज