दिल्ली विस्फोट साबित करता है कि शिक्षित लोग भी चरमपंथी हो सकते हैं : हिमंत विश्व शर्मा
धीरज प्रशांत
- 12 Nov 2025, 08:46 PM
- Updated: 08:46 PM
गुवाहाटी, 12 नवंबर (भाषा) असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने बुधवार को कहा कि दिल्ली में लाल किले के नजदीक हुए विस्फोट से यह साबित हो गया है कि शिक्षित लोग भी चरमपंथी हो सकते हैं।
राष्ट्रीय राजधानी में लाल किला के नजदीक सोमवार शाम को धीमी गति से चलती कार में हुए विस्फोट में कई चिकित्सकों के संलिप्त होने का संदेह है। इस विस्फोट में 12 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए।
मुख्यमंत्री ने यहां एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा, ‘‘अब इसमें सच्चाई नहीं है कि शिक्षित लोग चरमपंथी नहीं हो सकते। बल्कि वे अगर ऐसी गतिविधियों में शामिल होते हैं, तो और भी खतरनाक हो सकते हैं। अगर वे चिकित्सक बन जाते हैं, तो और भी खतरनाक हो सकते हैं।’’
शर्मा ने मुसलमानों का स्पष्ट रूप से उल्लेख करते हुए कहा कि विधानसभा में अक्सर यह चर्चा होती थी कि कुछ समुदायों के लोगों को शिक्षा प्राप्त नहीं है, और इसलिए उन्हें इस तरह की विध्वंसक गतिविधियों में संलिप्त कर लिया जाता है या उनका इस्तेमाल किया जाता है।
उन्होंने कहा कि लेकिन अब यह बात गलत साबित हो गई है कि शिक्षा ऐसी गतिविधियों के खिलाफ गारंटी हो सकती है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘दिल्ली में हुए विस्फोट ने साबित कर दिया है कि जिहाद अनपढ़ों ने नहीं, बल्कि शिक्षितों ने किया है और असम में एक वर्ग ने घटना की निंदा करने के बजाय, राज्य में स्थिति को बदतर बनाने के लिए घटना का स्वागत करते हुए इमोजी या पोस्ट साझा किए हैं।’’
उन्होंने दावा किया कि इससे पता चलता है कि लोग शिक्षा से नहीं बदलते और ‘‘जो लोग वंदे मातरम नहीं गाते वे कभी भारतीय नहीं हो सकते और राष्ट्र को अपनी मां नहीं मान सकते।’’
मुसलमान ‘वंदे मातरम’ गाने से परहेज करते हैं क्योंकि यह मातृभूमि को हिंदू देवी के रूप में दर्शाता है, जिसे एकेश्वरवाद के इस्लामी सिद्धांत का उल्लंघन माना जाता है।
शर्मा ने कहा, ‘‘अगर उनकी मंशा खराब है तो वे शिक्षित होने के बावजूद बेहतर बम बनाएंगे और देश को बांटने की कोशिश करेंगे।’’
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि असम में स्थिति बहुत विकट है क्योंकि इन समुदायों के लोगों का प्रतिशत बहुत अधिक है और वे विध्वंसकारी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए राज्य में प्रवेश करते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘असम को हमेशा सतर्क रहना होगा और यदि यहां विस्फोट हुआ तो यह बड़ा होगा।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने पुलिस को निर्देश जारी किए हैं कि वे उन लोगों को गिरफ्तार करें जिन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में विस्फोट का स्वागत किया है। उन्होंने बताया कि इस सिलसिले में राज्य के विभिन्न जिलों से 35 लोगों की पहचान की गई है।
शर्मा ने कहा, ‘‘हम उनके संबंधों की जांच करेंगे और यदि हमें जानकारी मिली कि किसी का बांग्लादेश या देश के बाहर किसी ऐसे व्यक्ति से संबंध है जो ऐसी गतिविधियों में संलिप्त है तो हम उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे।’’
उन्होंने कहा कि यदि कोई नाबालिग है या जो इस बात से अनजान है कि उसके अकाउंट का उपयोग ऐसी पोस्ट करने के लिए किया गया है तो उसे गिरफ्तार नहीं किया जाएगा, लेकिन जो लोग ऐसी गतिविधियों के लिए जिम्मेदार हैं उन्हें दंडित किया जाएगा और उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।
शर्मा ने कहा कि कई लोग अब अपने पोस्ट हटा रहे हैं लेकिन ‘‘हमने स्क्रीनशॉट ले लिए हैं और इस संबंध में सख्त कदम उठाएंगे।’’
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि जिन लोगों ने ‘जुबिन क्षेत्र’ में सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था, वही लोग अब दिल्ली विस्फोट का स्वागत करते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट डाल रहे हैं। ‘जुबिन क्षेत्र’ वह स्थान है जहां पर लोकप्रिय गायक जुबिन गर्ग का अंतिम संस्कार किया गया था।
उन्होंने कहा, ‘‘लाल किले के पास हुए विस्फोट, पहलगाम में हुई हत्याओं और जुबिन क्षेत्र में उपद्रव मचाने वालों में यही लोग शामिल थे। वे बम, बंदूक, जमीन या विरोध प्रदर्शनों के जरिए देश को बांटना चाहते हैं।’’
शर्मा ने दावा किया कि जुबिन की मृत्यु के बाद मनाए गए दुर्गा पूजा, लक्ष्मी पूजा, रास महोत्सव और अन्य उत्सवों के दौरान सभी हिंदुओं ने उन्हें श्रद्धांजलि स्वरूप उनकी तस्वीरें समारोह स्थलों पर लगाईं। लेकिन अब, जब कई इस्लामी धार्मिक सभाएं हो रही हैं, तो गर्ग की कहीं कोई तस्वीर नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘असमिया लोगों को यह समझने की जरूरत है कि संदिग्ध लोग जुबिन गर्ग की विरासत को जीवित नहीं रखेंगे, बल्कि उन्हें (असमिया लोगों को) यह काम करना होगा।’’
भाषा धीरज