कश्मीर बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष की संपत्ति यूएपीए मामले में कुर्क
धीरज अविनाश
- 12 Nov 2025, 10:30 PM
- Updated: 10:30 PM
श्रीनगर, 12 नवंबर (भाषा) कश्मीर बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष मियां अब्दुल कयूम की एक आवासीय संपत्ति गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत दर्ज एक मामले में बुधवार को कुर्क कर ली गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि वकील बाबर कादरी की हत्या के आरोप में जेल में बंद कयूम के बुलबुल बाग बरजुल्ला स्थित आवास को पुलिस ने यूएपीए की धारा 38 और 39 के तहत कुर्क किया।
अधिकारियों के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) नलिन प्रभात ने कुर्की आदेश जारी किया।
आदेश में कहा गया है, ‘‘यूएपीए की धारा 25 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, श्रीनगर के बुलबुल बाग बरजुल्ला में स्थित दो कनाल, एक मरला और 90 वर्ग फुट भूमि सहित दो मंजिला आवासीय भवन की कुर्की के लिए पूर्व अनुमोदन प्रदान किया जाता है।’’
आदेश में कहा गया कि यह कार्रवाई शहीद गंज पुलिस थाना में रणबीर दंड संहिता (जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद-370 के दौरान प्रभावी) की धारा 120, 120-बी, 121 और 153-ए और यूएपीए की धारा 13, 38 और 39 के तहत दर्ज प्राथमिकी संख्या 157/2009 के संबंध में की गई है।
आदेश में प्रभात ने कहा कि जांच अधिकारी द्वारा एकत्र किए गए साक्ष्यों से प्रथम दृष्टया यह स्थापित हो गया है कि आरोपी मियां अब्दुल कयूम ने अपने आवासीय परिसर का उपयोग ‘‘आपराधिक सामग्री छिपाने और आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने’’ के लिए किया है।
आदेश के अनुसार, कयूम ने 2009 में पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना के जन्म दिन पर एक स्थानीय होटल में अलगाववादियों द्वारा आयोजित सेमिनार में भारत विरोधी भाषण देते हुए राष्ट्र विरोधी नारे लगाए।
इसमें कहा गया है, ‘‘अलगाववादियों ने इस बात पर जोर दिया कि कश्मीर का भविष्य पाकिस्तान पर निर्भर करता है और जम्मू-कश्मीर में इस्लामी कानून होना चाहिए।’’
आदेश में कहा गया है कि जांच के दौरान अदालत से तलाशी वारंट प्राप्त करने के बाद कयूम के घर की तलाशी ली गई।
इसमें कहा गया कि तलाशी के दौरान आपत्तिजनक सामग्री और हिज्बुल मुजाहिद्दीन का एक खाली लेटरहेड बरामद किया गया, जिस पर मुहर लगी थी।
आदेश में कहा गया, ‘‘इसके अलावा, स्वतंत्र गवाहों और कार्यकारी मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में मियां अब्दुल कयूम के आवासीय परिसर से हिज्बुल मुजाहिदीन का एक प्रेस नोट जैसा दस्तावेज (अंग्रेजी भाषा में), सैयद सलाहुद्दीन का तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति विलियम जेफरसन क्लिंटन को संबोधित एक पत्र और प्रतिबंधित हिज्बुल मुजाहिदीन की उर्दू में मुहर बरामद की गई। तदनुसार, इस मामले में यूएपीए की धारा 38 और 39 लागू की गईं।’’
भाषा धीरज