बिहार में महिलाओं ने सुशासन के लिए राजग के पक्ष में ‘निर्णायक’ मतदान किया : भाजपा
यासिर सुभाष
- 12 Nov 2025, 06:48 PM
- Updated: 06:48 PM
नयी दिल्ली, 12 नवंबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बुधवार को कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव में महिलाओं का भारी संख्या में मतदान करना एक ‘‘ऐतिहासिक परिवर्तन’’ है तथा दावा किया कि उन्होंने विकास और सुशासन के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के पक्ष में ‘‘निर्णायक’’ वोट दिया।
भाजपा ने कहा, ‘‘2014 से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सुशासन के लिए सत्ता-समर्थक रुझान भारतीय लोकतंत्र में एक नया आयाम बन गया है, एक ऐसा चलन जो पहले कभी नहीं देखा गया।’’
निर्वाचन आयोग द्वारा मंगलवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, बिहार में कुल 66.91 प्रतिशत मतदान हुआ, जो 1951 में हुए पहले राज्य चुनावों के बाद से सबसे अधिक है।
राज्य के इतिहास में इस बार सबसे ज्यादा महिला मतदाताओं ने मतदान किया। निर्वाचन आयोग के अनुसार, छह नवंबर को हुए पहले चरण के मतदान में महिलाओं का मतदान प्रतिशत 69.04 रहा, जबकि पुरुषों का मतदान प्रतिशत 61.56 रहा।
वहीं, मंगलवार को हुए दूसरे और अंतिम चरण के मतदान में महिलाओं ने फिर से बड़ी संख्या में मतदान किया, जो 74.03 प्रतिशत रहा जबकि पुरुषों का मतदान प्रतिशत 64.1 रहा।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि महिला मतदाताओं का ‘‘अभूतपूर्व’’ मतदान इस बात का संकेत है कि उन्होंने राजग के पक्ष में मतदान किया।
उन्होंने कहा कि बिहार चुनाव प्रधानमंत्री मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी में से एक को चुनने के लिए है। उन्होंने यह भी कहा कि यह चुनाव राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद तथा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार में से एक को चुनने का भी है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता ने ‘पीटीआई वीडियो’ से कहा, ‘‘अगले 48 घंटे में नतीजे आ जाएंगे... राजग की ओर सकारात्मक रुख है।’’
बिहार में मतगणना 14 नवंबर को होनी है।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने अनंतिम मतदाता आंकड़ों पर टिप्पणी करते हुए ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘कुल पुरुष-महिला अनुपात में महिलाओं का प्रतिशत 71.6, जबकि पुरुषों का प्रतिशत 62.8 रहा। महिलाओं का मतदान प्रतिशत पुरुषों के मतदान प्रतिशत से 7.48 प्रतिशत अधिक रहा। दूसरे चरण में, महिलाओं का मतदान प्रतिशत पुरुषों के मतदान प्रतिशत से 9.93 प्रतिशत अधिक रहा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसकी तुलना बिहार के पहले विधानसभा चुनाव (1952) से कीजिए, जब महिलाओं का मतदान प्रतिशत पुरुषों के मुकाबले छह प्रतिशत कम था। यह बदलाव ऐतिहासिक है।’’
भंडारी ने कहा कि 2025 का बिहार विधानसभा चुनाव आजादी के बाद से ‘‘सबसे ज़्यादा लैंगिक-समावेशी’’ चुनाव रहा है।
भाषा यासिर