प. बंगाल: स्कूल भर्ती घोटाले में गिरफ्तार पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी तीन साल बाद जमानत पर रिहा
संतोष दिलीप
- 11 Nov 2025, 06:33 PM
- Updated: 06:33 PM
कोलकाता, 11 नवंबर (भाषा) पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) भर्ती घोटाले के प्रमुख आरोपियों में से एक, राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को मंगलवार को जमानत पर रिहा कर दिया गया। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उन्हें 23 जुलाई, 2022 को गिरफ्तार किया था।
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता को बाद में राज्य स्कूल सेवा आयोग द्वारा स्कूलों में कक्षा 9-10, 11-12 के शिक्षकों और वर्ष 2016 के लिए आयोग के पैनल से ग्रुप सी और डी के गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती में अनियमितताओं से संबंधित कई मामलों में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा गिरफ्तार किया गया था।
चटर्जी, जो कथित तौर पर गुर्दे और हृदय संबंधी कई बीमारियों के कारण पिछले 203 दिनों से दक्षिण-पूर्व कोलकाता के मुकुंदपुर इलाके के एक निजी अस्पताल में भर्ती थे, को जमानत बांड भरने के बाद न्यायिक हिरासत से रिहा कर दिया गया।
ग्रुप सी कर्मचारियों की भर्ती में कथित भ्रष्टाचार से संबंधित एक मामले में सोमवार को एक विशेष सीबीआई अदालत के समक्ष गवाहों की पूछताछ पूरी होने के बाद उनकी रिहाई हुई।
अंतिम (आठवें) गवाह की गवाही दर्ज करने के बाद सीबीआई अदालत ने जमानत याचिका स्वीकार कर ली और अलीपुर अदालत के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को आदेश भेज दिया, जिसने रिहाई आदेश को प्रेसीडेंसी जेल के अधिकारियों को अग्रेषित कर दिया।
जेल अधिकारियों द्वारा अस्पताल को रिहाई के आदेश जारी करने के बाद, चटर्जी को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई, जहां वे इस साल 22 अप्रैल से भर्ती थे।
उन्हें पहले ईडी मामलों में जमानत मिल चुकी थी, जबकि उच्चतम न्यायालय ने 18 अगस्त को आदेश दिया था कि ग्रुप सी भर्ती मामले में चटर्जी को ‘सुनवाई कर रही अदालत द्वारा महत्वपूर्ण गवाहों के बयान दर्ज करने के बाद’ जमानत दी जा सकती है।
कलकत्ता उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने भी 26 सितंबर को उन्हें कई शर्तों पर जमानत दी थी, जिनमें से एक यह थी कि ‘जांच और मुकदमा लंबित रहने तक उन्हें किसी भी सार्वजनिक पद पर नियुक्त नहीं किया जाएगा (सिवाय इसके कि वे पश्चिम बंगाल विधानसभा के सदस्य बने रहें)।
जब तृणमूल कांग्रेस के पूर्व महासचिव दोपहर लगभग दो बजे अपनी कार में सवार होकर दक्षिण कोलकाता स्थित अपने नकटला आवास के लिए रवाना हुए, तो भावुक माहौल के बीच चटर्जी के अनुयायी बड़ी संख्या में अस्पताल के सामने एकत्र हो गए और ‘पार्थ दा जिंदाबाद’ के नारे लगाने लगे।
हालांकि, अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद नेता ने कोई सार्वजनिक बयान देने से परहेज किया, लेकिन प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पूर्व मंत्री चालक के बगल वाली सीट पर हाथ जोड़े और नम आंखों के साथ बैठे रहे।
पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष समिक भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘जमानत पर रिहाई का मतलब यह नहीं है कि चटर्जी अपने अपराधों से बरी हो गए हैं। कानून अपना काम करेगा।’’
घोटाले से जुड़े छापों के दौरान चटर्जी की करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के स्वामित्व वाले दो घरों से 50 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी और 4.5 करोड़ रुपये के सोने के आभूषण बरामद होने के बाद ईडी ने चटर्जी को गिरफ्तार किया था।
पश्चिम बंगाल के सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक पदों पर ‘बाहरी लाभ के बदले’ अयोग्य उम्मीदवारों की हजारों अवैध नियुक्तियों से कथित भ्रष्टाचार उजागर हुआ था।
इस साल अप्रैल में, उच्चतम न्यायालय ने 2016 में डब्ल्यूबीएसएससी द्वारा चयनित लगभग 26,000 शिक्षकों और गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों की नियुक्ति को रद्द कर दिया और उस ‘दूषित और दागी’ भर्ती प्रक्रिया का हवाला दिया, जिसका संबंध नकद लेकर नौकरी देने के व्यापक घोटाले से है। उच्चतम न्यायालय ने एक नई चयन प्रक्रिया का आदेश दिया था।
भाषा संतोष