केरल: सबरीमला सोना मामले में टीडीबी के पूर्व अध्यक्ष एन वासु गिरफ्तार
आशीष पवनेश
- 11 Nov 2025, 10:32 PM
- Updated: 10:32 PM
तिरुवनंतपुरम, 11 नवंबर (भाषा) सबरीमला मंदिर से सोना गायब होने के मामले की छानबीन कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने मंगलवार को त्रावणकोर देवस्वओम बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष एन वासु को गिरफ्तार कर लिया। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि वासु को पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। वासु नवंबर 2019 में टीडीबी के अध्यक्ष नियुक्त होने से पहले दो बार इसके आयुक्त भी रह चुके थे।
राज्य सरकार के शीर्ष नेतृत्व के कथित करीबी वासु की गिरफ्तारी इस मामले की सबसे चर्चित गिरफ्तारियों में से एक है।
केरल उच्च न्यायालय एसआईटी जांच की निगरानी कर रहा है। सूत्रों ने बताया कि वासु मंदिर के श्रीकोविल (गर्भगृह) के दरवाजों से सोना गायब होने से संबंधित मामले में आरोपी हैं।
बाद में वासु को पतनमथिट्टा की एक अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। सुनवाई के बाद वासु को कोट्टाराक्कारा उप जेल ले जाया गया।
एसआईटी ने इस मामले में मुख्य आरोपी उन्नीकृष्णन पोट्टी के साथ-साथ दो वरिष्ठ अधिकारियों और एक सेवानिवृत्त अधिकारी को पूर्व में गिरफ्तार किया था।
पोट्टी द्वारपालक (संरक्षक देवता) की मूर्तियों की सोने से मढ़ी परत और मंदिर के श्रीकोविल के दरवाजों से सोना गायब होने से संबंधित दो मामलों में आरोपी हैं।
इस बीच, विपक्षी दल कांग्रेस ने आरोप लगाया कि वासु की गिरफ्तारी से यह स्पष्ट हो गया है कि सबरीमला सोना चोरी मामले में सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) का नेतृत्व भी शामिल था।
केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता वी.डी. सतीशन ने एक बयान में कहा कि न केवल वासु बल्कि पूर्व और वर्तमान देवस्वओम मंत्रियों को भी मामले में आरोपी बनाया जाना चाहिए।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि वासु की गिरफ्तारी "सरकार की अपनी साख बचाने की कोशिश का एक हिस्सा मात्र है।"
उन्होंने प्रेस को बताया कि इस गिरफ्तारी का उद्देश्य व्यवस्था के पीछे छिपे कई उच्च पदस्थ लोगों को बचाना है।
सत्तारूढ़ माकपा ने कहा कि उसने सबरीमला सोना चोरी मामले पर पहले दिन से ही अपना रुख स्पष्ट कर दिया था और वह चाहती थी कि अपराध में शामिल सभी लोगों को कानून के सामने लाया जाए।
माकपा के प्रदेश सचिव एम वी गोविंदन ने आरोप लगाया कि भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों के नेताओं के इस मामले के आरोपियों के साथ घनिष्ठ संबंध हैं और दावा किया कि भाजपा की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच की मांग घटना से जुड़े अपने लोगों को बचाने का एक प्रयास है।
भाषा आशीष