कश्मीर: नगरोटा उपचुनाव के लिए मतदान जारी, अपराह्न तीन बजे तक 65 फीसदी से ज्यादा मतदान
जितेंद्र मनीषा
- 11 Nov 2025, 05:22 PM
- Updated: 05:22 PM
जम्मू, 11 नवंबर (भाषा) जम्मू-कश्मीर की नगरोटा विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए मंगलवार को अपराह्न तीन बजे तक 65 प्रतिशत से ज्यादा मतदान हुआ। निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आंकड़ों में यह जानकारी सामने आयी।
अधिकारियों ने बताया कि जम्मू जिले के निर्वाचन क्षेत्र में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच 154 मतदान केंद्रों पर सुबह सात बजे मतदान शुरू हुआ और अब तक किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।
मतदान शाम छह बजे समाप्त होगा।
निर्वाचन क्षेत्र के मतदान केंद्रों पर लंबी कतारें देखी गईं।
पूर्व विधायक देवेंद्र सिंह राणा की बेटी व भाजपा उम्मीदवार देवयानी राणा ने विभिन्न मतदान केंद्रों का दौरा किया और मजबूत जनादेश मिलने का विश्वास जताया।
देवेंद्र सिंह राणा के निधन के कारण यह उपचुनाव हो रहा है।
देवयानी ने कटल बटल मतदान केंद्र पर पत्रकारों से बातचीत में कहा, “मुझे अपनी जीत की पूरी उम्मीद है। इस क्षेत्र के लोग मुझे भी भारी मतों से आशीर्वाद देंगे, जैसे उन्होंने मेरे पिता और पूर्व विधायक देवेंद्र सिंह राणा को दिया था।”
उन्होंने मतदाताओं से बड़ी संख्या में मतदान करने का आग्रह किया।
पूर्व नायब सरपंच गिरधारी लाल ने कहा, “मतदाताओं में उत्साह है और मतदान शांतिपूर्ण ढंग से हो रहा है।”
उन्होंने कहा, “सभी तैयारियां पूरी हैं और लोग अच्छी संख्या में मतदान करने आ रहे हैं।”
नगरोटा विधानसभा सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय है, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) और जम्मू-कश्मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी (जेकेएनपीपी) शामिल हैं।
भाजपा ने पूर्व विधायक देवेंद्र सिंह राणा की बेटी देवयानी राणा को मैदान में उतारा है।
देवेंद्र सिंह राणा के निधन के कारण यह उपचुनाव हो रहा है। देवयानी, जनता की सहानुभूति और अपने पिता की साख के बलबूते उपचुनाव में जीत हासिल करने की कोशिश में जुटी हैं।
राणा का मुकाबला नेशनल कॉन्फ्रेंस की उम्मीदवार और जिला विकास परिषद (डीडीसी) की मौजूदा सदस्य शमीम बेगम और जेकेएनपीपी के अध्यक्ष हर्ष देव सिंह से है।
हर्ष देव सिंह राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री और रामनगर से तीन बार विधायक रह चुके हैं।
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातक और वर्तमान में अपने परिवार का व्यवसाय संभाल रही राणा ने ‘पेशेवर और समावेशी विकास’ के मुद्दे पर प्रचार किया।
बेगम ने स्थानीय शासन में निरंतरता बनाए रखने के लिए जमीनी स्तर पर लोगों तक पहुंच और नेशनल कॉन्फ्रेंस के संगठनात्मक समर्थन का सहारा लिया।
नगरोटा से पहली बार चुनाव लड़ रहे सिंह ने अपना विधायी अनुभव दिखाया और खुद को दोनों प्रमुख दलों के विकल्प के रूप में पेश किया।
पिछले साल 31 अक्टूबर को भाजपा विधायक देवेंद्र सिंह राणा के निधन के कारण हो रहे उपचुनाव में कुल 97,893 मतदाता 10 उम्मीदवारों की किस्मत तय करेंगे।
कोल कंडोली मतदान केंद्र पर मतदाता अपनी बारी का इंतजार करते हुए कतारों में खड़े हैं।
मतदान करने के बाद मतदाता सुनीता देवी ने कहा कि उनका वोट नगरोटा क्षेत्र के विकास को जारी रखने के लिए है।
वर्ष 1996 से लेकर अब तक हुए पांच विधानसभा चुनावों में नगरोटा सीट भाजपा और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने बारी-बारी से जीती है।
कांग्रेस ने अपना कोई उम्मीदवार नहीं उतारा और राज्य स्तर पर गठबंधन का हिस्सा होने के बावजूद पार्टी ने औपचारिक रूप से नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रचार अभियान में शामिल होने से किनारा कर लिया।
भाषा जितेंद्र