दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर के बीच हवा को साफ करने वाले पौधों की मांग में इज़ाफा
जोहेब अविनाश
- 10 Nov 2025, 08:40 PM
- Updated: 08:40 PM
(वर्षा सागी)
नयी दिल्ली, 10 नवंबर (भाषा) दिल्ली में वायु गुणवत्ता के खतरनाक स्तर तक पहुंचने के बाद ऐसे पौधों की मांग में तेजी आई है जिन्हें हवा को साफ करने के लिए बंद जगहों पर रखा जाता है।
शहर में नर्सरी मालिकों का कहना है कि लोग अपने घरों के अंदर की वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए इन पौधों को खरीद रहे हैं।
सैनी प्लांट होम, कनॉट प्लेस के अशोक कुमार ने बताया कि हाल के दिनों में इन पौधों की मांग में काफी वृद्धि हुई है।
उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “पहले हम हर दिन ऐसे 50-60 पौधे बेचते थे, लेकिन जैसे ही प्रदूषण का सीजन नजदीक आता है, बिक्री दोगुनी हो जाती है, और अब हम हर दिन 100 से अधिक एयर-प्यूरिफाइंग पौधे बेचते हैं।”
उन्होंने कहा, “लोग अब इंडोर पौधों जैसे ऐरेका पाम, केंट पाम और चमेडोरे पाम को बहुत खरीद रहे हैं। मांग काफी बढ़ गई है।”
नर्सरी मालिकों का कहना है कि दिल्ली की वायु गुणवत्ता अकसर 'खराब' से 'बहुत खराब' के बीच रहने के कारण अब ग्राहक उन पौधों के बारे में सटीक जानकारी लेकर आते हैं, जिनसे उन्हें बंद जगह पर साफ हवा मिलने की उम्मीद होती है।
सबसे अधिक मांग वाले पौधों में स्नेक प्लांट, पीस लिली, ऐरेका पाम, मनी प्लांट, स्पाइडर प्लांट, एग्लोनिमा, रबर प्लांट और बॉस्टन फर्न आदि शामिल हैं।
ग्रीवेज नर्सरी के कर्मचारियों ने बताया कि प्रदूषण के स्तर में वृद्धि के बाद ऐसे पौधों की मांग में भी इजाफा हुआ है।
एक कर्मचारी ने कहा, “यह सप्ताह काफी व्यस्त रहा है लोग बहुत सारे पाम और इंडोर पौधे खरीद रहे हैं। हर साल इस मौसम में बिक्री में इस तरह का इजाफा होता है।”
विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ इनडोर और पारंपरिक पौधे बढ़ते प्रदूषण से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार ये पौधे हानिकारक गैसों को अवशोषित करके, ‘पार्टिकुलेट मैटर’ (पीएम) कणों को छानकर और वायु गुणवत्ता में सुधार कर प्रदूषण से निपटने में मदद करते हैं।
हंसराज कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय के वनस्पति विभाग के प्रोफेसर आनंद सोनकर ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “स्पाइडर प्लांट, पीस लिली और ऐरेका पाम जैसे पौधे प्राकृतिक एयर प्यूरिफायर हैं जो हानिकारक गैसों को अवशोषित करके प्रदूषण को कम करने में मदद करते हैं और ऑक्सीजन छोड़ते हैं।”
उन्होंने कहा कि ये पौधे अपने पत्तों और ‘स्टोमाटा’ के माध्यम से कार्बन डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड और ओजोन जैसे प्रदूषकों को अवशोषित करते हैं, जबकि उनके पत्ते हवा में उड़ने वाले धूल, धुंआ और अन्य कणों को भी पकड़ते हैं, जिससे वायु में पीएम कम होता है।
भाषा जोहेब