हवाई अड्डे पर नमाज पढ़ने का वीडियो वायरल: भाजपा ने कर्नाटक सरकार पर निशाना साधा
यासिर धीरज
- 10 Nov 2025, 08:27 PM
- Updated: 08:27 PM
बेंगलुरु, 10 नवंबर (भाषा) बेंगलुरु शहर के केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनल-2 पर मुसलमानों के एक समूह द्वारा कथित तौर पर नमाज पढ़ने का एक वीडियो प्रसारित होने के बाद राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। राज्य की मुख्य विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस घटना पर कड़ी आपत्ति जताते हुए राज्य सरकार से जवाबदेही की मांग की है।
वीडियो में सुरक्षाकर्मी पास ही खड़े दिखाई दे रहे हैं।
हवाई अड्डा प्राधिकारियों ने इस घटना पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।
भाजपा की कर्नाटक इकाई के प्रवक्ता विजय प्रसाद ने मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और मंत्री प्रियंक खरगे से सवाल किया कि क्या सार्वजनिक स्थान पर नमाज पढ़ने वालों ने राज्य सरकार द्वारा हाल में बनाए गए नियम के अनुसार इसकी पूर्व अनुमति ली थी।
उन्होंने रविवार देर रात सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘ बेंगलुरु अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के टी-2 टर्मिनल के अंदर इसकी अनुमति कैसे दी गई? माननीय मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और मंत्री प्रियंक खरगे, क्या आपने यह मंजूरी दी?’’
भाजपा प्रवक्ता ने सवाल किया, ‘‘क्या इन लोगों ने उच्च सुरक्षा वाले हवाई अड्डे के क्षेत्र में नमाज पढ़ने के लिए पूर्व अनुमति ली थी?’’
राज्य सरकार ने हाल में एक आदेश जारी कर सार्वजनिक स्थलों पर किसी भी कार्यक्रम के लिए संबंधित प्राधिकारी की अनुमति को अनिवार्य बनाया था।
भाजपा का आरोप है कि ये नियम राज्य में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की गतिविधियों को प्रतिबंधित करने के लिए बनाए गए हैं।
प्रसाद ने नियमों का हवाला देते हुए कहा, ‘‘ऐसा क्यों है कि जब आरएसएस संबंधित अधिकारियों से अनुमति लेकर पथ संचलन करता है तो सरकार उस पर आपत्ति जताती है, लेकिन प्रतिबंधित सार्वजनिक क्षेत्र में ऐसी गतिविधियों पर आंखें मूंद लेती है?’’
भाजपा प्रवक्ता ने सवाल किया कि क्या इतने संवेदनशील क्षेत्र में यह घटना सुरक्षा के लिहाज से गंभीर चिंता का विषय नहीं है।
इस बीच, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री एच. आंजनेय ने कहा कि नमाज पढ़ना लाठी लेकर चलने जैसा नहीं है।
यह स्पष्ट रूप से आरएसएस के पथ संचलन की ओर इशारा था।
कांग्रेस नेता ने हावेरी स्थित पार्टी कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘क्या नमाज नहीं पढ़ी जानी चाहिए? वे सिर्फ प्रार्थना कर रहे थे। उनसे (मुसलमानों से) समर्पण सीखनी चाहिए। एक मुसलमान जहां भी होता है मन की शांति के लिए नमाज पढ़ता है। जब समय (नमाज का) आता है तो वह अपनी चटाई निकाल लेता है और जहां भी होता है, नमाज पढ़ता है, चाहे वह बस स्टैंड हो या खेत।’’
उन्होंने कहा कि सामूहिक रूप से नमाज अदा करने में कुछ भी गलत नहीं है और मुसलमानों ने जो किया वह सही था।
आंजनेय ने कहा, ‘‘वे (मुस्लिम) माथे पर सिंदूर नहीं लगाते, पूजा नहीं करते...’’ आसपास कोई मस्जिद नहीं थी, इसलिए उन्होंने वहीं (हवाई अड्डे पर) नमाज अदा की।
उन्होंने लोगों से इस मुद्दे पर संकीर्ण मानसिकता त्यागने का आह्वान किया।
भाषा यासिर