आवक घटने, तेल संयंत्रों की मांग बढ़ने से सोयाबीन तिलहन में सुधार
राजेश राजेश अजय
- 10 Nov 2025, 08:18 PM
- Updated: 08:18 PM
नयी दिल्ली, 10 नवंबर (भाषा) कम हाजिर दाम होने के कारण किसानों द्वारा अपनी आवक घटाने के बीच तेल संयंत्रों की मांग बढ़ने के कारण स्थानीय बाजार में सोमवार को सोयाबीन तिलहन के दाम में सुधार देखने को मिला। सटोरिया गतिविधियों के कारण सरसों तेल-तिलहन तथा जाड़े में साबुत खाने की मांग बढ़ने से मूंगफली तेल-तिलहन कीमतों में भी सुधार आया। जबकि कमजोर कामकाज के बीच सोयाबीन तेल, कच्चे पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तथा बिनौला तेल के दाम स्थिर बने रहे।
मलेशिया एक्सचेंज में मामूली सुधार है जबकि शिकॉगो एक्सचेंज में सुधार चल रहा है।
सूत्रों ने कहा कि तेल संयत्रों की मांग बढ़ने के साथ-साथ न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से काफी नीचे हाजिर दाम पर किसानों द्वारा बिकवाली घटाने के कारण सोयाबीन तिलहन के दाम में सुधार आया। जबकि आयातकों द्वारा लागत से कम दाम पर बिकवाली करने की वजह से कारोबारी धारणा प्रभावित रहने के बीच सोयाबीन तेल के दाम अपरिवर्तित बने रहे। जाड़े में मांग घटने के बीच सीपीओ और पामोलीन के दाम भी स्थिर रहे। कारोबारी धारणा प्रभावित रहने के बीच बिनौला तेल के दाम भी स्थिर बने रहे।
सूत्रों ने कहा कि सरकार को सोयाबीन, सूरजमुखी और मूंगफली जैसे तिलहन फसलों के कमजोर हाजिर दाम पर गहराई से विचार करना होगा। सरकार हर वर्ष न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाती है दूसरी ओर किसानों की फसल के हाजिर दाम एमएसपी से काफी नीचे होते हैं। ऐसे में किसान अपनी फसल बेचने से कतराते नजर आते हैं। सरकार खरीद करती भी है तो वह किसानों की पूरी की पूरी उपज खरीद नहीं कर पाती है और अगर सरकार उसे बाद में नीचे दाम पर बेचे भी तो इससे बाजार धारणा और खराब होती है। जब तक देश के तेल-तिलहनों का बाजार नहीं बनाया जायेगा, हर साल एमएसपी बढ़ाने का अभ्यास निरर्थक साबित होगा। सरकार को तेल-तिलहन के मामले में एक ठोस नीति बनाने के साथ उत्पादन बढ़ाने के संदर्भ में विसंगतियों को दूर करने के लिए सख्त रुख अपनाना होगा।
सूत्रों ने कहा कि एक समय देश में सूरजमुखी का पर्याप्त उत्पादन होता था और इस मामले में हम आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहे थे। लेकिन विसंगत बाजार स्थितियों और नीतियों के कारण आज देश सूरजमुखी के लिए लगभग पूरी तरह आयात पर निर्भर हो चला है। अब मौजूदा समय में सूरजमुखी तेल का थोक दाम, सरसों, मूंगफली, सोयाबीन, पाम-पामोलीन से कहीं अधिक हो चला है तो इसकी महंगाई को रोकने का हमारे पास क्या विकल्प बचा रह गया है। मौजूदा समय में समीक्षकों और तेल की महंगाई पर चिंता करने वाले आलोचकों को क्यों खामोशी बरतते पाया जाता है जब हम महंगे दाम पर विदेशों से सूरजमुखी तेल खरीदते हैं?
उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में सूरजमुखी तेल का थोक दाम लगभग 150 रुपये किलो बैठता है जबकि सोयाबीन रिफाइंड का थोक भाव 120-122 रुपये किलो, सरसों का थोक दाम 146-148 रुपये किलो, मूंगफली 141 रुपये किलो है। वे समीक्षक जो कभी सूरजमुखी की महंगाई पर भारी चिंता व्यक्त करते थे, उनके पास इस प्रश्न का कोई उत्तर है कि विदेशों के महंगे दाम के हिसाब से हम क्यों सूरजमुखी तेल खरीदने को विवश हैं? सूरजमुखी जैसा हाल बाकी तेल-तिलहनों का न हो, इसके लिए सरकार को गंभीर प्रयास करने होंगे।
सूत्रों ने कहा कि सट्टेबाजी के कारण वैसे सरसों तेल-तिलहन में सुधार है पर महंगा होने के कारण सरसों तेल की लिवाली प्रभावित है। सरसों तिलहन के दाम ज्यादा बढ़ रहे हैं पर सरसों तेल के दाम में उतनी बढ़त नहीं है। जाड़े में साबुत खाने की मांग बढ़ने से मूंगफली तेल-तिलहन में भी शनिवार के दाम के मुकाबले सुधार है पर वास्तव में मूंगफली के हाजिर दाम एमएसपी से काफी नीचे हैं। प्लांट वालों की मांग से सोयाबीन तिलहन में भी सुधार है पर यह भी एमएसपी से काफी नीचे हाजिर दाम पर बिक रहा है। कपास के दाम भी एमएसपी से काफी नीचे हैं इस स्थिति के बीच बिनौला तेल के थोक दाम स्थिर बने रहे।
तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:
सरसों तिलहन - 7,150-7,200 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली - 6,000-6,375 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 14,100 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली रिफाइंड तेल - 2,300-2,600 रुपये प्रति टिन।
सरसों तेल दादरी- 14,900 रुपये प्रति क्विंटल।
सरसों पक्की घानी- 2,490-2,590 रुपये प्रति टिन।
सरसों कच्ची घानी- 2,490-2,625 रुपये प्रति टिन।
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,300 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,000 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 10,150 रुपये प्रति क्विंटल।
सीपीओ एक्स-कांडला- 11,325 रुपये प्रति क्विंटल।
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 12,400 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 13,150 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन एक्स- कांडला- 12,100 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।
सोयाबीन दाना - 4,600-4,650 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन लूज- 4,300-4,400 रुपये प्रति क्विंटल।
भाषा राजेश राजेश