धामी ने अधिकारियों को प्रधानमंत्री के सुझावों के अनुरूप ठोस कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए
दीप्ति नोमान
- 10 Nov 2025, 08:09 PM
- Updated: 08:09 PM
देहरादून, 10 नवंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा उत्तराखंड को 'दुनिया की आध्यात्मिक राजधानी' बनाने सहित आगामी 25 वर्षों के विकास के रोडमैप के लिए दिए गए सुझावों के एक दिन बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को अधिकारियों को उसके अनुरूप ठोस कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए ।
यहां रविवार को उत्तराखंड स्थापना के रजत जयंती समारोह के दौरान प्रधानमंत्री ने अध्यात्म, पर्यटन, योग व आयुर्वेद सहित अनेक क्षेत्रों में प्रदेश की अपार संभावनाओं का जिक्र करते हुए भविष्य में विकास के लिए कई सुझाव दिए थे।
इस संबंध में, मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए विचार उत्तराखंड के सर्वांगीण विकास का स्पष्ट मार्गदर्शन करते हैं । उन्होंने कहा कि राज्य की आत्मा अध्यात्म, पर्यटन और प्राकृतिक संपदा में निहित है और उत्तराखंड को 'दुनिया की आध्यात्मिक राजधानी' बनाया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि प्रधानमंत्री के सुझाव के अनुरूप राज्य के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में योग केंद्र, आयुर्वेद केंद्र, प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र और होम-स्टे को मिलाकर एक संपूर्ण पर्यटन एवं वेलनेस पैकेज तैयार किया जाए ।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा, सीमा पर स्थित प्रत्येक 'वाइब्रेंट विलेज' को छोटे पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जाए, जहां स्थानीय भोजन, संस्कृति और हस्तशिल्प को बढ़ावा दिया जा सके।
धामी ने राज्य के स्थानीय मेलों और लोक पर्वों को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए “एक जिला, एक मेला” अभियान शुरू करने के साथ ही पहाड़ी जिलों को 'हॉर्टिकल्चर हब' के रूप में विकसित करने और वहां ब्लूबेरी, कीवी, जड़ी-बूटियों और औषधीय पौधों की खेती को प्रोत्साहित करने की योजना बनाने को कहा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण, हस्तशिल्प और जैविक उत्पादों से जुड़े सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) को सशक्त बनाकर स्थानीय रोजगार के नए अवसर सृजित किए जाएं।
उन्होंने तीर्थाटन, इको-टूरिज्म, साहसिक पर्यटन और बारहमासी पर्यटन को समेकित विकास नीति के तहत आगे बढ़ाने तथा प्रदेश को ‘वेडिंग डेस्टिनेशन’ के रूप में विश्व स्तर पर स्थापित करने के लिए पांच-सात प्रमुख स्थलों को चिन्हित कर उन्हें विकसित करने की रूपरेखा बनाने को भी कहा ।
मुख्यमंत्री ने जीआई टैग प्राप्त उत्पादों और “हाउस ऑफ हिमालयाज” ब्रांड के तहत राज्य के उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचाने की ठोस रणनीति बनाने को भी कहा ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री का विज़न 2047 के ‘विकसित भारत’ के अनुरूप है, और उत्तराखंड इस दिशा में अग्रणी राज्य बनने की क्षमता रखता है।
उन्होंने अधिकारियों से कहा कि सभी विभाग आपसी समन्वय से विस्तृत रोडमैप और समयबद्ध कार्ययोजना तैयार करें, ताकि इन सुझावों को धरातल पर उतारा जा सके।
भाषा दीप्ति