जहांगीरपुरी, रोहिणी और शाहदरा दिल्ली के सबसे प्रदूषित इलाके : अध्ययन
धीरज दिलीप
- 10 Nov 2025, 07:22 PM
- Updated: 07:22 PM
नयी दिल्ली, 10 नवंबर (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी प्रदूषण की समस्या का सामना कर रही है, लेकिन शहर में भी जहांगीरपुरी, रोहिणी और शाहदरा इलाके सबसे प्रदूषित क्षेत्र हैं और अक्टूबर महीने में 23 दिन ऐसे रहे जब पीएम 2.5 के स्तर में वृद्धि देखी गई। यह खुलासा अति स्थानीय वायु गुणवत्ता विश्लेषण में हुआ है।
जलवायु-तकनीक स्टार्टअप, रेस्पिरर लिविंग साइंसेज ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और गूगल एयरव्यू+ के आंकड़ों का उपयोग करके एक महीने का अध्ययन किया।
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) और सीपीसीबी के आधिकारिक आंकड़ों ने अध्ययन के इन निष्कर्षों का समर्थन किया। इसके मुताबिक जहांगीरपुरी-बवाना-वजीरपुर गलियारे को शहर के सबसे प्रदूषित क्षेत्र के रूप में चिह्नित किया गया है, जिसमें औसत पीएम 2.5 का स्तर 140-146 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के बीच दर्ज किया गया। इसके बाद आनंद विहार और विवेक विहार गलियारा है, जहां पर पीएम2.5 का स्तर 133-135 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर था।
विश्लेषण से खुलासा हुआ है कि शहर का प्रदूषण शीर्ष पर इसके उत्तर-पश्चिम और पूर्वी गलियारों में केंद्रित है, क्योंकि इसी क्षेत्र में औद्योगिक और आवासीय साथ-साथ हैं।
रेस्पिरर लिविंग साइंसेज के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) रौनक सुतारिया ने बताया, ‘‘दिल्ली की प्रदूषण की कहानी अब सिर्फ शहर के केंद्र तक सीमित नहीं है। अति स्थानीय स्तर पर मानचित्रण से खुलासा हुआ है कि कैसे औद्योगिक समूह और आवासीय क्षेत्र एक ही वायु क्षेत्र साझा कर रहे हैं। इससे निपटने के लिए शहर और राज्य एजेंसियों के बीच समन्वित योजना की आवश्यकता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘उत्तरी और उत्तर-पूर्वी दिल्ली के ये परिवहन-प्रधान और औद्योगिक क्षेत्र छोटे उद्योगों के समूहों, निरंतर यातायात और शांत मौसम के दौरान खराब वायु फैलाव के कारण दीर्घकालिक प्रदूषण केंद्र बने हुए हैं।’’
इसके विपरीत, द्वारका, श्री अरबिंदो मार्ग और लोधी रोड में तुलनात्मक रूप से स्वच्छ हवा दर्ज की गई, जो वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) की ‘‘संतोषजनक’’ श्रेणी के करीब रही।
एक महीने तक चले अध्ययन में दिल्ली की हवा को तीन गुना तीन वर्ग किलोमीटर का ग्रिड बनाकर मानचित्रण किया गया, ताकि पारंपरिक निगरानी नेटवर्क के में नहीं स्पष्ट होने वाले प्रदूषण केंद्रों की पहचान की जा सके।
इस दौरान पाया गया कि जहांगीरपुरी में पीएम2.5 का स्तर 144.1 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर था, जो शहर के सबसे प्रदूषित क्षेत्र की सूची में सबसे ऊपर है, इसके बाद रोहिणी में 142 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर, शाहदरा में 134.8 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर, मंगोलपुरी औद्योगिक क्षेत्र 123.8 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और मदनपुर खादर 120.3 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर प्रदूषण दर्ज किया गया।
अध्ययन में कहा गया है कि इनमें से प्रत्येक स्थान पर पीएम 2.5 की सांद्रता राष्ट्रीय सुरक्षित सीमा 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से दोगुने से भी अधिक दर्ज की गई, जो जहरीली हवा के तीव्र, स्थानीयकृत संपर्क का संकेत है।
पीएम 2.5 का अभिप्राय हवा में मौजूद बेहद सूक्ष्म कण हैं, जो 2.5 माइक्रोमीटर चौड़े या उससे भी छोटे होते हैं। ये इतने सूक्ष्म होते हैं कि ये फेफड़ों के रास्ते रक्तप्रवाह में भी पहुंच सकते हैं।
भाषा धीरज