दक्षिण कोरिया के अपदस्थ नेता यून उत्तर कोरिया के ऊपर ड्रोन उड़ाने को लेकर किये गये अभ्यारोपित
एपी राजकुमार नरेश
- 10 Nov 2025, 05:44 PM
- Updated: 05:44 PM
सोल, 10 नवंबर (एपी) दक्षिण कोरिया के अपदस्थ रूढ़िवादी राष्ट्रपति यून सूक येओल के खिलाफ आपराधिक आरोप बढ़ गये हैं क्योंकि अभियोजकों ने सोमवार को आरोप लगाया कि उन्होंने तनाव बढ़ाने और मार्शल लॉ घोषित करने की अपनी योजना को उचित ठहराने के लिए उत्तर कोरिया के ऊपर ड्रोन उड़ाने का आदेश दिया था।
यून ने दक्षिण कोरिया के हालिया इतिहास में तब सबसे गंभीर राजनीतिक संकट पैदा कर दिया था जब उन्होंने तीन दिसंबर, 2024 को ‘मार्शल लॉ’ लगा दिया था और ‘नेशनल असेंबली’ को घेरने के लिए सेना भेज दी।
बाद में उन पर महाभियोग चलाया गया और उन्हें पद से हटा दिया गया। वह अब जेल में हैं तथा उन पर विद्रोह की साजिश रचने जैसे आरोपों में मुकदमा चल रहा है।
उनके उत्तराधिकारी और उदारवादी प्रतिद्वंद्वी राष्ट्रपति ली जे म्युंग ने एक विधेयक को मंजूरी दी, जिसके तहत यून के ‘मार्शल लॉ स्टंट’ तथा उनके, उनकी पत्नी और सहयोगियों से जुड़े अन्य आपराधिक आरोपों की स्वतंत्र जांच शुरू की गई।
यून पर नया आरोप उत्तर कोरिया के ऊपर ड्रोन उड़ाने का है। एक विशेष जांच दल के अनुसार, यून और उनके दो शीर्ष रक्षा अधिकारियों पर कथित ड्रोन उड़ानों के मामले में दुश्मन को लाभ पहुंचाने और सत्ता का दुरुपयोग करने का आरोप सोमवार को लगाया गया। यह घटना मार्शल लॉ की घोषणा से लगभग दो महीने पहले हुई थी।
उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया पर अक्टूबर 2024 में तीन बार उसकी राजधानी प्योंगयांग के ऊपर ड्रोन उड़ाने और दुष्प्रचार पत्रक गिराने का आरोप लगाया है। यून के रक्षा मंत्री किम योंग ह्यून ने आरंभ में इसका अस्पष्ट खंडन किया, लेकिन बाद में दक्षिण कोरिया की सेना ने कहा कि वह इस बात की पुष्टि नहीं कर सकती कि उत्तर कोरिया का दावा सच है या नहीं।
उत्तर कोरिया में दक्षिण कोरियाई टोही गतिविधियों की कोई भी सार्वजनिक पुष्टि बेहद असामान्य है।
उस समय तनाव तेज़ी से बढ़ गया था और उत्तर कोरिया ने बल प्रयोग की धमकी दी थी। लेकिन दोनों पक्षों ने कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की और तनाव धीरे-धीरे कम होता गया।
जब यून ने ‘मार्शल लॉ’ की घोषणा की, तो उन्होंने संक्षेप में "उत्तर कोरियाई कम्युनिस्ट ताकतों से ख़तरे" का ज़िक्र किया, लेकिन उदारवादी नियंत्रित संसद के साथ अपने संघर्षों पर ध्यान केंद्रित किया। उदारवादी नियंत्रित संसद ने उनके एजेंडे में बाधा डाली, शीर्ष अधिकारियों पर महाभियोग चलाया और उनकी सरकार के बजट विधेयक में कटौती की। यून ने ‘नेशनल असेंबली’ को "अपराधियों " और "देश-विरोधी ताकतों का अड्डा" का नाम दिया।
एपी राजकुमार