पंजाब विश्वविद्यालय प्रदर्शन : छात्रों ने बैरिकेड तोड़े, पुलिस ने हल्का लाठीचार्ज किया
अमित मनीषा
- 10 Nov 2025, 04:35 PM
- Updated: 04:35 PM
चंडीगढ़, 10 नवंबर (भाषा) पंजाब विश्वविद्यालय के छात्रों ने सीनेट चुनाव की घोषणा की मांग को लेकर सोमवार को परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। कुछ छात्रों ने बैरिकेड तोड़ दिए, प्रवेश द्वारों पर चढ़ गए और सुरक्षा कर्मियों के साथ धक्का-मुक्की की। सुरक्षा कर्मियों ने व्यवस्था बहाल करने के लिए हल्का लाठीचार्ज किया।
परिसर में प्रवेश करना चाह रहे कई छात्र पुलिसकर्मियों से बहस करते और "चंडीगढ़ पुलिस वापस जाओ" जैसे नारे लगाते दिखे।
छात्रों के कुछ समूहों ने परिसर में घुसने की कोशिश में पुलिसकर्मियों के साथ धक्का-मुक्की की और कुछ सफल भी हुए। कुछ छात्र परिसर में घुसने के लिए विश्वविद्यालय के गेट पर भी चढ़ गए।
'पंजाब विश्वविद्यालय बचाओ मोर्चा' के बैनर तले विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों के साथ किसान नेता भी शामिल हो गए, जिन्होंने चंडीगढ़-मोहाली सीमा पर लगाए गए पुलिस बैरिकेड तोड़ दिये।
सूत्रों के अनुसार, पंजाब विश्वविद्यालय (पीयू) अधिकारियों ने देश के उपराष्ट्रपति के अनुमोदन के लिए विस्तृत सीनेट चुनाव कार्यक्रम प्रस्तुत कर दिया है, जो विश्वविद्यालय के कुलाधिपति भी हैं।
छात्रों के विरोध प्रदर्शन और नेताओं की बढ़ती आलोचना के बीच शिक्षा मंत्रालय ने दोनों निकायों-सीनेट और सिंडिकेट- के पुनर्गठन और पुनर्संरचना को अधिसूचित करने वाले अपने 28 अक्टूबर के आदेश को सात नवंबर को वापस ले लिया।
इसके बावजूद छात्रों ने अपना आंदोलन समाप्त करने से इनकार कर दिया है और सोमवार को ‘‘विश्वविद्यालय बंद’’ का आह्वान किया है ताकि सरकार पर सीनेट चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा करने का दबाव बनाया जा सके, जो एक वर्ष से अधिक समय से नहीं हुए हैं।
विश्वविद्यालय परिसर और उसके आसपास भारी पुलिस बल तैनात किया गया है, विश्वविद्यालय के प्रवेश द्वारों पर बेरिकेड लगा दिए गए हैं और विभिन्न सड़कों पर जांच चौकियां स्थापित की गई हैं।
चंडीगढ़ की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) कंवरदीप कौर ने सुरक्षा व्यवस्था का निरीक्षण किया।
पंजाब विश्वविद्यालय कैंपस छात्र परिषद (पीयूसीएससी) उपाध्यक्ष अश्मीत सिंह ने दावा किया कि कई छात्रों को पंजाब विश्वविद्यालय में प्रवेश से वंचित किया जा रहा है।
छात्र नेता अभिषेक डागर ने कहा कि विरोध प्रदर्शन सीनेट चुनाव कार्यक्रम की घोषणा होने तक जारी रहेगा।
एक अन्य प्रदर्शनकारी छात्र ने कहा कि वे सीनेट चुनाव कराने के लिए केंद्र पर दबाव डालेंगे।
परिसर में विरोध प्रदर्शन के दौरान, छात्रों ने "छात्र एकता अमर रहे" लिखी तख्तियां पकड़ी हुई थीं।
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) से जुड़े कुछ किसानों ने चंडीगढ़ में प्रवेश नहीं करने देने पर पंजाब के मोहाली में फेज-6 के पास विरोध प्रदर्शन किया, जिससे सड़क पर यातायात जाम हो गया। बाद में, किसान बैरिकेड तोड़कर विश्वविद्यालय की ओर बढ़ने लगे।
किसान मजदूर संघर्ष समिति के नेता सरवन सिंह पंढेर, काका सिंह कोटरा और एम.एस. राय समेत एसकेएम (गैर-राजनीतिक) के नेता छात्रों के विरोध प्रदर्शन का समर्थन करने विश्वविद्यालय पहुंचने में कामयाब रहे।
चंडीगढ़-मोहाली सीमा पर दंगा-रोधी उपकरणों से लैस सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए थे। सीमा पर बैरिकेड लगाए गए थे और रेत से लदे ट्रक खड़े किए गए थे।
चंडीगढ़-मोहाली सीमा के पास कई जगहों पर यातायात धीमा हो गया और उसे वैकल्पिक मार्गों पर मोड़ दिया गया।
आम आदमी पार्टी (आप) सांसद मलविंदर कांग ने केंद्र की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि वह पंजाब विश्वविद्यालय पर "कब्जा" करना चाहता है। उन्होंने छात्रों को विरोध प्रदर्शन में भाग लेने से रोकने के लिए अधिकारियों की आलोचना की।
सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप), कांग्रेस, शिरोमणि अकाली दल और किसान संगठनों के कई नेताओं और कलाकारों ने प्रदर्शनकारी छात्रों को अपना समर्थन दिया है।
पंजाब के मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां, पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा, कांग्रेस सांसद धर्मवीर गांधी और अमर सिंह, कांग्रेस विधायक राणा गुरजीत सिंह और पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन कुमार बंसल ने रविवार को छात्रों को अपना समर्थन दिया।
केंद्र की अधिसूचना से पंजाब विश्वविद्यालय अधिनियम, 1947 में संशोधन किया गया है, जिसके तहत सर्वोच्च शासी निकाय सीनेट की सदस्य संख्या 91 से घटाकर 31 कर दी गई है तथा इसके कार्यकारी निकाय सिंडिकेट के लिए चुनाव की आवश्यकता समाप्त कर दी गई है।
भाषा अमित