सक्रिय पुलिसिंग, जनता से जुड़ाव और चुनाव आयोग की पहल से ऐतिहासिक मतदान संभव: डीजीपी
मनीषा
- 10 Nov 2025, 01:57 PM
- Updated: 01:57 PM
प्रमोद कुमार
पटना, दस नवंबर (भाषा) बिहार के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) विनय कुमार ने कहा कि विधानसभा चुनाव के पहले चरण में रिकॉर्ड तोड़ मतदान सक्रिय पुलिसिंग, जनता से बेहतर संवाद और चुनाव आयोग की पहल के कारण संभव हो पाया।
डीजीपी ने बताया कि संभावित असामाजिक तत्वों की पहले से पहचान, उनके क्षेत्रों की निगरानी, बलों की पर्याप्त तैनाती और त्वरित कार्रवाई ने न केवल पुलिस और जनता के बीच भरोसा बढ़ाया, बल्कि मतदाताओं में भी आत्मविश्वास जगाया।
बिहार ने विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 121 विधानसभा क्षेत्रों में 65 प्रतिशत से अधिक की ‘अब तक की सर्वाधिक’ वोटिंग दर्ज की थी।
‘पीटीआई भाषा’ से बातचीत में डीजीपी कुमार ने कहा, “सक्रिय पुलिसिंग, पुलिस और जनता के बीच बेहतर संबंध, राज्य सरकार द्वारा किए गए विकास कार्य और चुनाव आयोग की पहल ही इस ऐतिहासिक मतदान के प्रमुख कारण हैं।”
उन्होंने कहा कि छह नवंबर को पहले चरण के मतदान के दौरान कहीं भी हिंसा की कोई घटना नहीं हुई।
डीजीपी ने कहा “अब हम दूसरे चरण के मतदान के लिए पूरी तरह तैयार हैं। मंगलवार को होने वाले मतदान के लिए 122 विधानसभा क्षेत्रों में पर्याप्त संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं ताकि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव संपन्न हो सके।”
क्षेत्रों में भी कानून-व्यवस्था बनाए रखने और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं।
उन्होंने कहा, “पूरे राज्य में लगभग चार लाख सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं ताकि चुनाव शांतिपूर्ण, सुव्यवस्थित और हिंसा-मुक्त तरीके से संपन्न हो सके।”
दूसरे चरण के तहत 11 नवंबर को जिन जिलों में मतदान होना है, वे हैं—पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज। ये सभी जिले नेपाल की सीमा से सटे हुए हैं।
डीजीपी ने कहा, “नेपाल से सटे जिलों में कड़ी निगरानी की जा रही है। किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी। कानून-व्यवस्था संबंधी एजेंसियां यह सुनिश्चित कर रही हैं कि चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन हो।”
कुमार ने बताया कि बिहार में पहली बार किसी भी मतदान केंद्र पर सुरक्षाकर्मियों को हेलीकॉप्टर से नहीं उतारा गया।
उन्होंने कहा, “राज्य में, खासकर ग्रामीण इलाकों में सड़क ढांचा काफी सुधर गया है। इसलिए इस बार हमने तय किया कि चुनाव ड्यूटी पर लगे सुरक्षाकर्मी सड़क मार्ग से ही अपने मतदान केंद्रों तक जाएंगे, और वे सफलतापूर्वक अपने तैनाती स्थलों तक पहुंच रहे हैं।”
डीजीपी ने कहा कि बिहार में पहली बार किसी मतदान केंद्र को स्थानांतरित करने की आवश्यकता नहीं पड़ी है, क्योंकि राज्य में माओवादी गतिविधियों में “काफी गिरावट” आई है।
उन्होंने कहा, “संवेदनशील क्षेत्रों में मतदाताओं की पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है। बिहार पुलिस का त्वरित प्रतिक्रिया दल (क्यूआरटी), जिसमें आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) और विशेष कार्य बल (एसटीएफ) के कमांडो शामिल हैं, किसी भी आपात स्थिति, सुरक्षा उल्लंघन या अन्य गंभीर घटनाओं से निपटने के लिए सतर्क हैं।”
भाषा कैलाश