बिहार विधानसभा चुनाव के लिये रविवार की शाम को प्रचार का शोर थमा
रंजन
- 09 Nov 2025, 07:57 PM
- Updated: 07:57 PM
पटना, नौ नवम्बर (भाषा) बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण के लिए रविवार शाम प्रचार समाप्त हो गया, जिसके साथ ही राज्य में सत्ता की जंग के लिए प्रतिद्वंद्वियों के बीच लगभग एक महीने तक चले तीखे शब्दबाण और नर्वस मुकाबले पर विराम लग गया।
पहले चरण का मतदान छह नवम्बर को हुआ था, जिसमें रिकॉर्ड 65 प्रतिशत मतदाताओं ने मताधिकार का इस्तेमाला किया। दूसरे चरण के लिए मतदान 11 नवम्बर को होगा, जबकि मतगणना 14 नवम्बर को की जाएगी।
इस चरण में 122 सीटों पर मतदान होगा, जबकि पहले चरण में 121 विधानसभा क्षेत्रों में वोट डाले गए थे।
प्रचार के अंतिम दिन गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने अपने अभियानों को अंतिम रूप दिया।
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सीमांचल क्षेत्र के किशनगंज और पूर्णिया जिलों में रैलियां कीं। यह इलाका मुस्लिम आबादी वाला है और विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन के लिए अहम माना जाता है। गांधी ने कुल 15 जनसभाएं कीं।
उन्होंने कुछ माह पहले ‘वोटर अधिकार यात्रा’ निकाली थी, जिसमें उन्हें जनसमर्थन मिला, हालांकि ‘वोट चोरी’ के उनके आरोप चुनावी मुद्दा नहीं बन पाए।
गृह मंत्री अमित शाह ने सबसे व्यापक और सघन प्रचार अभियान चलाया। वे कई दिनों से बिहार में ही डेरा डाले हुए थे और और उन्होंने 37 सभाएं की।
शाह रविवार को सासाराम और अरवल में सभाएं कीं—ये दोनों इलाके भाजपा के लिए अपेक्षाकृत कमजोर माने जाते हैं और इसलिए शाह की विशेष निगाह में रहे।
पूर्व भाजपा अध्यक्ष और वर्तमान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने गृह राज्य उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे औरंगाबाद और कैमूर जिलों में रैलियां कीं।
यह चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सघन प्रचार के लिए भी याद रखा जाएगा। मोदी ने कुल 14 सभाएं और एक रोड शो किया।
इस बार कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने भी पहली बार बिहार में प्रचार किया। उन्होंने 10 रैलियां और एक रोड शो किया। खराब मौसम के कारण उन्हें एक सभा रद्द करनी पड़ी जब उनका हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर सका।
भाजपा के स्टार प्रचारकों में पार्टी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और शिवराज सिंह चौहान के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव और अभिनेता से राजनेता बने रवि किशन व मनोज तिवारी शामिल रहे।
अन्य राज्यों से आए नेताओं में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (शिवसेना) और आंध्र प्रदेश के मंत्री नारा लोकेश (तेदेपा) ने भी बिहार में राजग के लिए प्रचार किया।
इस बीच मुख्यमंत्री और जद(यू) के शीर्ष नेता नीतीश कुमार ने अपेक्षाकृत शांत लेकिन दृढ़ प्रचार अभियान चलाया। वे लगातार पांचवें कार्यकाल के लिए सत्ता में वापसी का लक्ष्य लेकर मैदान में हैं।
समस्तीपुर में प्रधानमंत्री मोदी के साथ मंच साझा करने के बाद नीतीश कुमार मोदी के किसी भी रैली या रोड शो में नजर नहीं आए, जिस पर विपक्ष ने आरोप लगाया कि गठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं है।
हालांकि, स्वास्थ्य को लेकर कयासों के बावजूद नीतीश कुमार ने अपनी सभाएं और रोड शो जारी रखे।
वहीं, उनके पूर्व उपमुख्यमंत्री और अब प्रतिद्वंद्वी तेजस्वी यादव ने ‘इंडिया’ गठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर पूरे जोश के साथ प्रचार किया।
जन सुराज पार्टी, जिसे इस चुनाव का ‘एक्स फैक्टर’ कहा जा रहा है, ने पूरी तरह अपने संस्थापक प्रशांत किशोर के नेतृत्व में पारंपरिक जनसंपर्क शैली के जरिए प्रचार किया। पेशेवर चुनाव रणनीतिकार के रूप में कई चर्चित अभियानों का प्रबंधन कर चुके किशोर ने इस बार अपने गृह राज्य में पसीना बहाते हुए ‘घर-घर संपर्क’ को प्राथमिकता दी।
भाषा कैलाश