जांच जारी है, सच्चाई जल्द सामने आएगी: बेटे की कंपनी से जुड़े जमीन सौदे पर अजित पवार ने कहा
धीरज पारुल
- 09 Nov 2025, 07:22 PM
- Updated: 07:22 PM
पुणे, नौ नवंबर (भाषा) महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने विवादास्पद भूमि सौदे में अपने बेटे का बचाव करते हुए रविवार को आश्चर्य जताया कि एक रुपये के लेन-देन के बिना कोई दस्तावेज कैसे पंजीकृत हो सकता है। उन्होंने आशंका जताई कि आरोप स्थानीय निकाय चुनावों की वजह से लगाए गए हैं।
अजित पवार ने दोहराया कि चल रही जांच से भूमि सौदे की सच्चाई जनता के सामने आ जाएगी।
पुणे के पॉश मुंधवा इलाके में 40 एकड़ जमीन की 300 करोड़ रुपये में एक कंपनी को बिक्री की गई, जिसमें अजित पवार के बेटे पार्थ पवार के पास सबसे अधिक हिस्सेदारी है। इस सौदे को लेकर अनियमितताओं और जरूरी मंज़ूरी नहीं होने के आरोप लगे हैं। विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया कि जमीन का बाजार मूल्य 1,800 करोड़ रुपये था।
पवार ने पुणे जिले के बारामती में संवाददाताओं से कहा, ‘‘इससे पहले भी मेरे खिलाफ 70,000 करोड़ रुपये की अनियमितताओं के आरोप लगे थे। तब से 15 से 16 साल हो गए हैं। जब भी चुनाव आते हैं, हमारे खिलाफ कई आरोप लगाए जाते हैं। हम पारदर्शी तरीके से काम करने की कोशिश करते हैं, लेकिन जैसे ही हम ऐसा करते हैं, लोग जमीन के सौदों को सामने लाकर आरोप लगाना शुरू कर देते हैं।’’
महाराष्ट्र में विभिन्न स्थानीय निकायों के चुनाव दो दिसंबर को प्रस्तावित हैं।
पवार ने कहा कि उन्होंने पिछले कुछ दिनों में विभिन्न मुद्दों पर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष ने कहा, ‘‘जांच शुरू हो गई है और सच्चाई जल्द ही जनता के सामने आ जाएगी। मुझे अब भी समझ नहीं आ रहा है कि एक रुपये के लेन-देन के बिना कोई दस्तावेज़ कैसे पंजीकृत हो सकता है? हमें एक महीने के अंदर पता चल जाएगा कि जिस व्यक्ति ने यह पंजीकरण किया है, उसने वास्तव में ऐसा क्यों किया।’’
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जांच समिति गठित की है।
राकांपा प्रमुख ने अधिकारियों से अपील की कि यदि उनके निकट सहयोगी या रिश्तेदार उनका नाम लेकर नियमों का उल्लंघन करने वाला कोई बयान देते हैं, तो उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए।
उन्होंने कहा, ‘‘यहां तक कि अगर मेरे करीबी कार्यकर्ता या रिश्तेदार मेरे नाम का इस्तेमाल करते हैं और कुछ कहते हैं, और यदि यह नियमों के अनुरूप नहीं है, तो संबंधित अधिकारियों को इस पर कार्रवाई करनी चाहिए।’’
अमाडिया एंटरप्राइजेज से जुड़े ज़मीन सौदे के संबंध में हस्ताक्षरकर्ताओं और विक्रेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। हालांकि, पुलिस ने पार्थ पवार को नामजद नहीं किया है, लेकिन फर्म में हिस्सेदार उनके रिश्तेदार के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
रजिस्ट्रार कार्यालय के महानिरीक्षक द्वारा दर्ज प्राथमिकी में नामजद आरोपियों में दिग्विजय पाटिल, शीतल तेजवानी (जिन्होंने पावर ऑफ अटॉर्नी के माध्यम से भूमि के 272 ‘मालिकों’ का प्रतिनिधित्व किया) और उप-रजिस्ट्रार आरबी तारू शामिल हैं, जिन पर कथित गबन और धोखाधड़ी का आरोप है।
आलोचना के बाद पवार ने घोषणा की थी कि पार्थ की कंपनी द्वारा निष्पादित बिक्री विलेख रद्द कर दिया गया है। अधिकारियों के अनुसार, कंपनी को लेनदेन रद्द कराने के लिए दोगुनी स्टांप ड्यूटी चुकानी होगी, जो 42 करोड़ रुपये के बराबर है।
पवार ने दावा किया था कि पार्थ को इस बात की जानकारी नहीं थी कि संस्था द्वारा खरीदी गई जमीन सरकार की है।
राकांपा प्रमुख ने रविवार को स्थानीय निकाय चुनावों की तैयारियों का जायजा भी लिया।
भाषा धीरज