जांच जारी है, सच्चाई जल्द सामने आएगी : बेटे की कंपनी से जुड़े जमीन सौदे पर अजित पवार ने कहा
प्रशांत दिलीप
- 09 Nov 2025, 05:40 PM
- Updated: 05:40 PM
पुणे, नौ नवंबर (भाषा) महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने रविवार को कहा कि पुणे में उनके बेटे की कंपनी को सरकारी जमीन की कथित अवैध बिक्री की जांच शुरू कर दी गई है और सच्चाई जल्द ही जनता के सामने आ जाएगी।
पुणे जिले के बारामती में पत्रकारों से बात करते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख ने यह भी कहा कि यदि उनके करीबी सहयोगी या रिश्तेदार उनका नाम लेकर कोई ऐसा बयान देते हैं जो नियमों का उल्लंघन करता है, तो अधिकारियों को उचित कार्रवाई करनी चाहिए।
पुणे के मुंधवा इलाके में 40 एकड़ जमीन 300 करोड़ रुपये में एक ऐसी कंपनी को बेचे जाने पर सवाल उठे हैं, जिसमें अजित पवार के बेटे पार्थ पवार भी साझेदार हैं। मामले में दो प्राथमिकी दर्ज की गई हैं, हालांकि उनमें पार्थ पवार का नाम नहीं है।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को कहा कि पुणे भूमि सौदा मामले में कार्रवाई कानून के अनुसार की जा रही है और किसी को बचाने का सवाल ही नहीं उठता।
ज़मीन सौदे के मुद्दे पर पूछे जाने पर अजित पवार ने रविवार को कहा, “पिछले कुछ दिनों से चल रहे विभिन्न मुद्दों पर मैंने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। जांच शुरू हो गई है और सच्चाई जल्द ही जनता के सामने आ जाएगी।”
राकांपा नेता ने कहा, “मुझे अब भी समझ नहीं आ रहा है कि एक रुपये के लेन-देन के बिना भी कोई दस्तावेज कैसे पंजीकृत हो सकता है? हमें एक महीने के भीतर पता चल जाएगा कि जिस व्यक्ति ने यह पंजीकरण किया है, उसने वास्तव में ऐसा क्यों किया।”
उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री फडणवीस ने जांच समिति नियुक्त की है।
उन्होंने कहा, “इससे पहले भी मेरे खिलाफ 70,000 करोड़ रुपये की अनियमितताओं के आरोप लगे थे, तब से 15 से 16 साल हो गए हैं। जब भी चुनाव होते हैं, हमारे खिलाफ कई आरोप लगाए जाते हैं। हम पारदर्शी तरीके से काम करने की कोशिश करते हैं, लेकिन जैसे ही हम ऐसा करते हैं, लोग बेतरतीब ढंग से हुए भूमि सौदों के खिलाफ आरोप लगाना शुरू कर देते हैं।”
उन्होंने कहा, “यहां तक कि अगर मेरे करीबी कार्यकर्ता या रिश्तेदार मेरे नाम का इस्तेमाल करते हैं और कुछ कहते हैं, तो यदि यह नियमों के अनुरूप नहीं है, तो संबंधित अधिकारियों को इस पर कार्रवाई करनी चाहिए।”
राज्य में विभिन्न स्थानीय निकायों के चुनाव दो दिसंबर को होने वाले हैं।
अमाडिया एंटरप्राइजेज को सरकारी जमीन की बिक्री का दस्तावेज जरूरी मंजूरी न मिलने के कारण सवालों के घेरे में आ गया है। विपक्षी नेताओं का आरोप है कि इसका बाजार मूल्य 1,800 करोड़ रुपये है और इसे सरकार की मंज़ूरी के बिना बेचा नहीं जा सकता था।
फडणवीस से जब प्रथम सूचना रिपोर्ट में पार्थ का नाम न होने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हस्ताक्षरकर्ताओं और विक्रेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है और जांच में दोषी पाए जाने वालों पर मामला दर्ज किया जाएगा।
भाषा प्रशांत