पाकिस्तान में 27वें संविधान संशोधन के खिलाफ विपक्ष ने देशव्यापी प्रदर्शन की घोषणा की
प्रशांत सिम्मी
- 09 Nov 2025, 03:47 PM
- Updated: 03:47 PM
(सज्जाद हुसैन)
इस्लामाबाद, नौ नवंबर (भाषा) पाकिस्तान की संसद प्रस्तावित 27वें संविधान संशोधन को पारित करने की तैयारी कर रही है, वहीं विपक्ष ने इस कदम की कड़ी आलोचना करते हुए कहा है कि यह “संविधान की नींव” हिला देगा।
विपक्ष ने इसके खिलाफ रविवार से देशव्यापी प्रदर्शन की घोषणा की है।
संशोधन में अनुच्छेद 243 में परिवर्तन का प्रस्ताव है, जिसके तहत “चेयरमैन ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी” (सीजेसीएससी) के पद को समाप्त कर “चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज” नामक नया पद शुरू करने का प्रस्ताव रखा गया है।
अन्य प्रस्तावों में संघीय संवैधानिक न्यायालय की स्थापना और उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति प्रक्रिया में संशोधन शामिल हैं।
इसका उद्देश्य उच्चतम न्यायालय की शक्तियों को कम करना भी है, जिसमें कुछ प्राधिकारों को प्रस्तावित संवैधानिक न्यायालय में स्थानांतरित करना तथा राष्ट्रपति को आजीवन आपराधिक कार्यवाही से मुक्ति प्रदान करना शामिल है।
कानून मंत्री आजम नजीर तरार ने शनिवार को ऊपरी सदन सीनेट में संशोधन पेश किया और सभापति यूसुफ रजा गिलानी ने इसे मतदान से पहले चर्चा के लिए सदन की समिति के पास भेज दिया।
समिति के अध्यक्ष फारूक नाइक ने मीडिया को बताया कि वे सदस्यों के बीच आम सहमति बनाकर कार्य पूरा करेंगे।
सरकार को आशा है कि सोमवार को मतदान होने पर उसे कम से कम 64 सीनेटर का दो-तिहाई बहुमत मिल जाएगा।
सीनेट के बाद, इसे ‘नेशनल असेंबली’ में पेश किया जाएगा, जहां इसे फिर से दो-तिहाई बहुमत से पारित होना होगा। अंतिम चरण में, इसे कानून बनने के लिए राष्ट्रपति की मंज़ूरी मिलनी जरूरी होगी।
बहुदलीय विपक्षी गठबंधन तहरीक-ए-तहाफुज आईन-ए-पाकिस्तान (टीटीएपी) ने संशोधन के खिलाफ देशव्यापी विरोध आंदोलन की घोषणा की है।
मजलिस वहदत-ए-मुस्लिमीन (एमडब्ल्यूएम) के प्रमुख अल्लामा राजा नासिर अब्बास ने एक बयान में कहा, “पाकिस्तान में लोकतांत्रिक संस्थाएं पंगु हो गई हैं...राष्ट्र को (प्रस्तावित) 27वें संशोधन के खिलाफ कदम उठाना चाहिए।”
एमडब्ल्यूएम, जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के साथ टीटीएपी का हिस्सा है। इस गठबंधन में पश्तूनख्वा मिल्ली अवामी पार्टी (पीकेएमएपी), बलूचिस्तान नेशनल पार्टी-मेंगल (बीएनपी-एम) और सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल (एसआईसी) भी शामिल हैं।
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