स्कोडा भारतीय बाजार में और वैश्विक मॉडल लाएगी, फिलहाल ईवी बाजार में उतरने का इरादा नहीं
अजय अजय
- 09 Nov 2025, 11:22 AM
- Updated: 11:22 AM
नयी दिल्ली, नौ नवंबर (भाषा) चेक कार विनिर्माता कंपनी स्कोडा भारतीय बाज़ार में अपने और वैश्विक ब्रांड लाने की योजना बना रही है। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि स्कोडा अपने विभिन्न प्रकार के ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करना चाहती है।
कंपनी, जो अभी भारत में सात लाख रुपये से लेकर 40 लाख रुपये तक की कीमत वाले उत्पाद बेचती है, की फिलहाल देश में इलेक्ट्रिक कार (ईवी) लाने की योजना नहीं है।
स्कोडा ऑटो इंडिया के ब्रांड निदेशक आशीष गुप्ता ने पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा, ‘‘अगले साल के लिए, मूल पोर्टफोलियो, यानी स्थानीय रूप से निर्मित कारें, वही रहेंगी। हालांकि, बाजार में उत्साह बढ़ाने के लिए, जैसा कि हमने इस साल ऑक्टेविया के साथ किया था, हम अगले साल भारत में कुछ और वैश्विक, प्रतिष्ठित कारें लाने की योजना बना रहे हैं।’’
हालांकि, उन्होंने उन मॉडल के नाम का खुलासा नहीं किया जिन्हें कंपनी अगले साल देश में आयात करने की योजना बना रही है।
स्कोडा वर्तमान में भारतीय बाजार में काइलैक, कुशाक और स्लाविया जैसे स्थानीय रूप से निर्मित मॉडल और ऑक्टेविया और कोडियाक जैसे आयातित मॉडल बेचती है।
जनवरी से अक्टूबर, 2025 के बीच कंपनी ने 61,607 वाहन बेचे हैं। यह साल अभी तक कंपनी के लिए काफी मजबूत रहा है। कंपनी का लक्ष्य घरेलू यात्री वाहन खंड में अपनी दो प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी बनाए रखना है।
कंपनी 2022 के 53,721 इकाई के अपने पिछले वार्षिक बिक्री रिकॉर्ड को पहले ही पार कर चुकी है।
गुप्ता ने कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) सुधारों से शुरू हुई बिक्री की गति नवंबर और दिसंबर में भी जारी रहने की संभावना है।
उन्होंने कहा, ‘‘(त्योहारों के मौसम के बाद) इसमें कितना बदलाव आएगा और क्या रुझान उभरेंगे? मुझे लगता है कि अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी, लेकिन मेरा मानना है कि यह गति जारी रहेगी।’’
कंपनी अगले साल और अधिक ट्रिम्स के साथ काइलैक श्रृंखला का विस्तार करने की योजना बना रही है, साथ ही कुशाक और स्लाविया को भी ‘अद्यतन’ रूप में पेश करेगी।
कंपनी की ईवी रणनीति के बारे में पूछे जाने पर, गुप्ता ने कहा, ‘‘दुनिया भर में हमारा ईवी पोर्टफोलियो बहुत बड़ा है। लेकिन मेरे नजरिये से, पिछले साल बाजार में बहुत सारी अनिश्चितताएं रही हैं... चाहे वह मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर चर्चा हो, ईवी नीति हो या कुछ और, एक स्थिर योजना बनाना बहुत चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है।’’
उन्होंने कहा कि भारत में प्रासंगिक बने रहने के लिए, भविष्य निश्चित रूप से इलेक्ट्रिक वाहनों का ही है।
उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया भर में हमने देखा है कि विद्युतीकरण की गति में कुछ देरी हो सकती है। लेकिन निश्चित रूप से, कोई भी विनिर्माता जो इस बाजार को लेकर गंभीर है, यह नहीं कह सकता कि हम ईवी में कदम नहीं रखेंगे। निश्चित रूप से, हम ईवी के लिए योजना बना रहे हैं।’’
हालांकि, उन्होंने इसका अधिक ब्योरा नहीं दिया।
भाषा अजय