पंजाब में केएलएफ से जुड़े दो लोग गिरफ्तार
वैभव नेत्रपाल
- 08 Nov 2025, 07:53 PM
- Updated: 07:53 PM
चंडीगढ़, आठ नवंबर (भाषा) आतंकवादी संगठन ‘खालिस्तान लिबरेशन फोर्स’ (केएलएफ) से कथित रूप से जुड़े अमृतसर के दो निवासियों को शनिवार को गिरफ्तार किया गया। पंजाब पुलिस ने यह जानकारी दी।
पुलिस के अनुसार, प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि वे ‘‘अपने विदेशी आकाओं के निर्देश पर काम कर रहे थे’’ और पंजाब में आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए उन्होंने सीमा पार से अवैध हथियार खरीदे थे।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान धारीवाल गांव के बिक्रमजीत सिंह और साईसरा कलां गांव के करणबीर सिंह के रूप में हुई है।
दोनों के पास से जो हथियार बरामद किए गए हैं, उनमें विदेश निर्मित .30 कैलिबर की एक पीएक्स5 पिस्तौल, .30 कैलिबर की एक पिस्तौल, .45 कैलिबर की विदेश निर्मित एक पिस्तौल, .32 कैलिबर की एक पिस्तौल और एक रिवॉल्वर तथा 20 कारतूस शामिल हैं।
अधिकारियों ने बताया कि दोनों कथित तौर पर अमृतसर के राजासांसी में मलकीत सिंह नामक व्यक्ति की हत्या में शामिल थे।
पुलिस के अनुसार, दो अज्ञात लोगों ने मलकीत सिंह पर उस समय गोली चलाई थी जब वह एक नवंबर को अपने पिता के साथ धारीवाल गांव में अपने खेतों में काम कर रहे थे। मलकीत सिंह की एक अस्पताल में मृत्यु हो गई थी।
पंजाब के पुलिस महानिदेशक गौरव यादव ने कहा कि बिक्रमजीत सिंह आतंकवादी संगठन खालिस्तान लिबरेशन फोर्स से जुड़ा हुआ है और उसका आपराधिक इतिहास है, तथा उसके खिलाफ विस्फोटक अधिनियम और शस्त्र अधिनियम के तहत मामले दर्ज हैं।
यादव ने कहा कि बिक्रमजीत 2018 में राजासांसी स्थित एक धार्मिक स्थल पर हुए ग्रेनेड हमले में भी शामिल था।
प्रारंभिक जांच से पता चला है कि अपने विदेशी आकाओं के निर्देश पर बिक्रमजीत ने पंजाब में सनसनीखेज अपराध करने के लिए सीमा पार से अवैध हथियार खरीदे थे।
पुलिस उपमहानिरीक्षक (सीमा रेंज) संदीप गोयल ने कहा कि प्रामाणिक जानकारी के आधार पर कार्रवाई करते हुए अमृतसर (ग्रामीण) के पुलिस दलों ने धारीवाल गांव में गुरद्वारा साहिब के पास से बिक्रमजीत को गिरफ्तार किया।
उन्होंने कहा कि बिक्रमजीत के खुलासे के आधार पर पुलिस ने कुकरांवाला के पास अड्डा से करणबीर को गिरफ्तार कर लिया।
गोयल ने दावा किया कि पंजाब पुलिस ने इन दोनों केएलएफ सदस्यों की गिरफ्तारी के साथ राज्य में सनसनीखेज अपराधों की कोशिश को नाकाम कर दिया है।
भाषा वैभव