नवंबर में वायु गुणवत्ता 2024 की तुलना में बेहतर, ग्रैप-3 में जाने से बचने के प्रयास जारी: डीपीसीसी
वैभव पवनेश
- 08 Nov 2025, 10:43 PM
- Updated: 10:43 PM
नयी दिल्ली, आठ नवंबर (भाषा) दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने शनिवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा किए गए समन्वित प्रयासों के स्पष्ट परिणाम दिखने लगे हैं।
उसने कहा कि इस साल नवंबर में अधिकतर दिनों में शहर की वायु गुणवत्ता पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में बेहतर रही।
अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली अब तक प्रदूषण के उस स्तर तक पहुंचने से बची हुई है जिसके कारण 2023 में लगभग इसी समय क्रमिक प्रतिक्रिया कार्य योजना (ग्रैप) के तीसरे चरण को लागू करना पड़ा था।
एक अधिकारी ने प्रेस वार्ता के दौरान कहा, ‘‘पिछले सात दिन में से छह दिन में पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में बेहतर वायु गुणवत्ता दर्ज की गई है। यह सभी विभागों द्वारा समय पर और समन्वित कार्रवाई के कारण संभव हुआ है।’’
डीपीसीसी अध्यक्ष संदीप कुमार और सदस्य सचिव संदीप मिश्रा की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में इस बात को रेखांकित किया गया कि पिछले सात दिन में से छह दिन दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 2024 में इसी अवधि में दर्ज संख्या से कम रहा।
प्रेस वार्ता के दौरान साझा किए गए आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 1 नवंबर को एक्यूआई 303 (2024 में 339), 3 नवंबर को 309 (2024 में 382), 4 नवंबर को 291 (2024 में 381), 5 नवंबर को 202 (2024 में 373), 6 नवंबर को 311 (2024 में 352) और 7 नवंबर को 322 (2024 में 377) था।
आंकड़ों में हेराफेरी की चिंताओं का समाधान करते हुए, अधिकारियों ने जोर देकर कहा कि वायु गुणवत्ता निगरानी पारदर्शी और सार्वजनिक रूप से सुलभ बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि सभी कार्रवाई आंकड़ों पर आधारित होती हैं और प्रभावशीलता सुनिश्चित करने के लिए नियमित रूप से समीक्षा की जाती है।
उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता और चल रहे प्रयासों की भी समीक्षा की, और पाया कि इस नवंबर में वायु प्रदूषण का स्तर पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में तुलनात्मक रूप से बेहतर रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि पिछले साल 13 नवंबर से ग्रैप चरण तीन के प्रतिबंध लागू किए गए थे, जबकि उसके विपरीत इस साल प्रदूषण नियंत्रण कार्रवाई सक्रियता से शुरू हो गई है।
ब्रीफिंग के दौरान, अधिकारियों ने बताया कि कई एजेंसियों को धूल और वाहनों से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने के साथ-साथ बायोमास जलाने और औद्योगिक उत्सर्जन के खिलाफ सख्त नियम लागू करने के निर्देश मिले हैं।
अधिकारी ने कहा, ‘‘सड़कों की मशीनों से सफाई और पानी के छिड़काव को तेज कर दिया गया है। विभिन्न नगर निकायों द्वारा वर्तमान में 100 से ज्यादा मशीनों का परिचालन किया जा रहा है। गड्ढों की मरम्मत की जा रही है, लैंडफिल स्थलों का प्रबंधन किया जा रहा है और कई जगहों पर एंटी-स्मॉग गन का इस्तेमाल किया जा रहा है।’’
परिवहन विभाग को प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों की और अधिक जांच करने के निर्देश दिए गए हैं और रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) को बायोमास जलाने को हतोत्साहित करने के लिए प्रोत्साहित किया गया है, खासकर जब तापमान गिरना शुरू हो गया है।
भाषा वैभव