मुंबई-पुणे भूमि सौदों पर सपकाल की ‘श्वेतपत्र’ की मांग, पूछा-पार्थ पर मामला दर्ज क्यों नहीं किया गया
अमित नेत्रपाल
- 08 Nov 2025, 05:56 PM
- Updated: 05:56 PM
मुंबई, आठ नवंबर (भाषा) महाराष्ट्र की कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने शनिवार को मांग की कि राज्य सरकार पुणे और मुंबई में भूमि लेनदेन पर एक ‘श्वेतपत्र’ जारी करे तथा विधानसभा के आगामी शीतकालीन सत्र के दौरान इस मुद्दे पर पूरे दिन की चर्चा कराए।
सपकाल ने एक संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि राज्य भर में जमीन के सौदों में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हो रही हैं और ‘‘जमीन घोटालों के ‘मास्टरमाइंड’ मंत्रालय से काम कर रहे हैं।’’
उन्होंने इन लेन-देन को ‘‘सामूहिक अपराध’’ करार दिया और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली महायुति सरकार पर इसमें शामिल लोगों को बचाने का आरोप लगाया।
सपकाल ने कहा, ‘‘महायुति सरकार पूरी तरह बेशर्म हो गई है। हर दिन एक नया घोटाला सामने आता है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती। सत्तारूढ़ पार्टी के नेता और उनके रिश्तेदार राज्य को लूट रहे हैं। मुंबई और पुणे में करोड़ों रुपये की जमीन कौड़ियों के भाव हड़प ली गई है।’’
पुणे भूमि मामले का हवाला देते हुए उन्होंने दावा किया कि उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बेटे पार्थ पवार ने 40 एकड़ ‘महार वतन’ जमीन 300 करोड़ रुपये में खरीदी, जबकि इसके लिए उन्होंने केवल 500 रुपये स्टांप शुल्क का भुगतान किया।
उन्होंने सवाल किया, ‘‘उस जमीन पर आईटी पार्क बनाने के प्रस्ताव को जल्दबाज़ी में मंजूरी दे दी गई और दस्तावेजों में फेरबदल किया गया। अब सरकार कह रही है कि सौदा रद्द कर दिया गया है। यह अपराध स्वीकारोक्ति है। अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई? पार्थ पवार का नाम प्राथमिकी से क्यों गायब है?’’
सपकाल ने आरोप लगाया कि पार्थ पवार की कंपनी ने पहले भी पुणे के बोपोडी इलाके में सरकारी कृषि डेयरी की जमीन पर जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल करके अतिक्रमण किया था।
कांग्रेस नेता ने जमीन खरीद में इस्तेमाल की गई धनराशि के स्रोत पर भी सवाल उठाया और दावा किया कि यह एक चीनी कारखाने के जरिए आई थी।
उन्होंने कहा, ‘‘यह पैसा किसने और कैसे मुहैया कराया? लोगों को जवाब मिलना चाहिए। सरकार द्वारा गठित जांच समिति सिर्फ दिखावा है।’’
अन्य कथित जमीनी अनियमितताओं का उल्लेख करते हुए सपकाल ने कहा कि केंद्रीय मंत्री मुरलीधर मोहोल ने पुणे में एक जैन बोर्डिंग ट्रस्ट की जमीन हड़प ली थी।
सपकाल ने कहा कि हालांकि बाद में सौदा रद्द कर दिया गया, लेकिन संबंधित चैरिटी कमिश्नर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।
मोहोल ने पुणे जैन ट्रस्ट भूमि सौदे में आरोपों से इनकार किया है।
सपकाल ने कहा, ‘‘पुणे के रिंग रोड और समृद्धि एक्सप्रेस-वे परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण में भारी अनियमितताएं हुई हैं। लोगों को पता होना चाहिए कि समृद्धि परियोजना से असल में किसे फायदा हुआ है। सरकार को ऐसे सभी भूमि लेनदेन पर एक श्वेतपत्र जारी करना चाहिए।’’
राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम’ के 150 साल पूरे होने पर भाजपा द्वारा आयोजित राष्ट्रव्यापी कार्यक्रमों पर, सपकाल ने सत्तारूढ़ दल पर इसे राजनीतिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल करने का आरोप लगाया।
सपकाल ने कहा, ‘‘आरएसएस ने अपनी शाखाओं में कभी ‘वंदे मातरम’ नहीं गाया। यह गीत स्वतंत्रता आंदोलन के बलिदान का इतिहास समेटे हुए है। इसका इस्तेमाल सांप्रदायिक या धार्मिक तनाव पैदा करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए। भाजपा का ‘वंदे मातरम’ के प्रति प्रेम भ्रामक और अवसरवादी है।’’
भाषा अमित