सिद्धरमैया का भाजपा पर ‘वोट चोरी’ का आरोप, कहा-प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्र एजेंसियों को नष्ट किया
पारुल नेत्रपाल
- 08 Nov 2025, 05:16 PM
- Updated: 05:16 PM
बेंगलुरु, आठ नवंबर (भाषा) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने शनिवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेन्द्र मोदी ने ‘‘देश में निर्वाचन आयोग सहित सभी स्वतंत्र संस्थाओं को केंद्र सरकार के अधीनस्थ के रूप में काम करने के लिए मजबूर कर नष्ट कर दिया है।’’
सिद्धरमैया ने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने खुद को ‘‘वोट चोरी में माहिर’’ साबित कर दिया है। उन्होंने पार्टी पर ऐसे तरीकों से केंद्र और कई राज्यों में सत्ता हथियाने का आरोप लगाया।
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि कांग्रेस ने अपने हस्ताक्षर अभियान के तहत कर्नाटक में ‘वोट चोरी’ के खिलाफ 1.12 करोड़ से अधिक हस्ताक्षर एकत्र किए हैं।
उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘हम भाजपा को झूठ बोलने में माहिर कहते हैं; वे सिर्फ झूठ बोलने में ही माहिर नहीं हैं, बल्कि वे झूठ की पूजा करते हैं। वे सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं हैं। उन्होंने साबित कर दिया है कि वे ‘वोट चोरी’ में भी विशेषज्ञ हैं। ‘वोट चोरी’ उनका पेशा बन गया है।’’
सिद्धरमैया ने आरोप लगाया, ‘‘भाजपा ने हाल के वर्षों में ‘वोट चोरी’ के जरिये लोकसभा और विधानसभा चुनाव जीते हैं तथा वह केंद्र व कई राज्यों में सत्ता में आई है।’’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने महाराष्ट्र, कर्नाटक और हरियाणा में (वोट चोरी के) सबूतों के साथ उन्हें (भाजपा को) बेनकाब कर दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हाल में हुए बिहार चुनाव की बात करें तो जिन लोगों ने पहले दिल्ली चुनावों में मतदान किया था, उन्होंने बिहार में भी वोट डाला। हमारे संविधान के अनुसार, एक व्यक्ति केवल एक ही वोट डाल सकता है। कई जगहों पर दो बार मतदान करना असंवैधानिक है। असंवैधानिक तरीकों से सत्ता हासिल करना लोकतंत्र और संविधान के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है।’’
सिद्धरमैया ने निर्वाचन आयोग पर निशाना साधते हुए कहा कि वह राहुल की ओर से लगाए गए ‘वोट चोरी’ के आरोपों की जांच करने में विफल रहा है। उन्होंने कहा कि आयोग लोकतांत्रिक प्रणाली में ‘‘गैर-जिम्मेदाराना’’ तरीके से बर्ताव कर रहा है और संविधान के अनुसार काम नहीं कर रहा है।
सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘इससे स्पष्ट है कि निर्वाचन आयोग केंद्र सरकार के प्रभाव में काम कर रहा है। न केवल अब, बल्कि नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद, उन्होंने (भाजपा ने) सीबीआई, ईडी, आयकर विभाग और निर्वाचन आयोग जैसी सभी स्वतंत्र एजेंसियों या निकायों को अपने अधीन काम करने के लिए मजबूर करके उन्हें नष्ट कर दिया है।’’
उन्होंने कहा कि ये सभी स्वतंत्र निकाय केंद्र सरकार के अधीनस्थ के रूप में काम कर रहे हैं, जो ‘‘लोकतंत्र के लिए हानिकारक’’ है।
सिद्धरमैया ने कहा कि लोगों का ध्यान आकर्षित करने और संविधान, लोकतंत्र तथा स्वतंत्र एजेंसियों एवं निकायों की रक्षा के लिए कांग्रेस ने ‘वोट चोरी’ के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान शुरू किया था।
उन्होंने बताया कि कर्नाटक में अब तक 1.12 करोड़ से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हासिल किए जा चुके हैं और यह सिलसिला जारी रहेगा।
सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘एकत्रित हस्ताक्षरों का पहला सेट संभवतः 10 नवंबर तक अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) को भेज दिया जाएगा, जो इसे राष्ट्रपति (द्रौपदी मुर्मू) और मुख्य चुनाव आयुक्त (ज्ञानेश कुमार) के पास भेजेगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा लोगों का ध्यान आकर्षित करने, उनमें जागरूकता पैदा करने और इस तरह संवैधानिक निकायों की रक्षा करने के लिए किया जा रहा है।’’
भाषा पारुल