पंजाब उपचुनाव: निर्वाचन आयोग ने तरनतारन की एसएसपी रवजोत कौर ग्रेवाल को निलंबित किया
संतोष सुभाष
- 08 Nov 2025, 08:34 PM
- Updated: 08:34 PM
चंडीगढ़, आठ नवंबर (भाषा) निर्वाचन आयोग ने 11 नवंबर को होने वाले तरनतारन विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव से महज तीन दिन पहले शनिवार को जिले की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) रवजोत कौर ग्रेवाल को निलंबित कर दिया।
वह सितंबर में तरनतारन के एसएसपी के रूप में तैनात की गई थीं।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि अमृतसर के पुलिस आयुक्त गुरप्रीत सिंह भुल्लर को तत्काल प्रभाव से तरनतारन के एसएसपी का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। हालांकि, ग्रेवाल के निलंबन का कोई कारण नहीं बताया गया है।
पिछले महीने, विपक्षी शिरोमणि अकाली दल (शिअद) अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने पंजाब के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के पास एसएसपी ग्रेवाल के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी थी।
बादल ने अपनी शिकायत में एसएसपी ग्रेवाल पर आरोप लगाया था कि उन्होंने तरनतारन उपचुनाव के लिए प्रचार करने से रोकने के लिए उनकी पार्टी के नेतृत्व और कार्यकर्ताओं के खिलाफ "झूठी" प्राथमिकी दर्ज करने के लिए पुलिस का इस्तेमाल किया।
उन्होंने निर्वाचन आयोग के इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि पुलिस बल का दुरुपयोग करके उपचुनाव को प्रभावित करने की आप की चाल नाकाम हो गई है।
पिछले महीने पंजाब के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को लिखे अपने पत्र में बादल ने आरोप लगाया था कि सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी अपने राजनीतिक लाभ के लिए स्थानीय पुलिस का दुरुपयोग कर रही है।
उन्होंने आरोप लगाया था कि चूंकि आप को यह एहसास हो गया है कि वह उपचुनाव ‘निष्पक्ष रूप से’ नहीं जीत सकती, इसलिए उसने एसएसपी को तरनतारन का अपना ‘वास्तविक’ प्रभारी बना दिया है।
बादल ने आरोप लगाया था, ‘‘एसएसपी अकाली सरपंचों और कार्यकर्ताओं को डराने और उन्हें चुनावी गतिविधियों में भाग लेने से रोकने के लिए उनके खिलाफ झूठे मामले दर्ज कर रही हैं।’’
शिअद ने दावा किया था कि उसके नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ राजनीति से प्रेरित प्राथमिकी दर्ज की गई हैं जो विपक्ष की चुनाव प्रचार गतिविधियों को ‘बाधित करने, कार्यकर्ताओं को चुप कराने और प्रताड़ित करने’ की जानबूझकर की गई साजिश का संकेत देती है।
पार्टी ने आरोप लगाया था कि शिअद उम्मीदवार सुखविंदर कौर रंधावा, उनके परिवार के सदस्यों और समर्थकों के खिलाफ सरकारी मशीनरी का ‘दुरुपयोग’ किया जा रहा है।
शिअद ने पंजाब के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को लिखा था, ‘‘तरनतारन में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कैसे कराए जा सकते हैं, जब एक राजनीतिक दल के खिलाफ पुलिस की शक्ति का इस्तेमाल उसके प्रचार अभियान को कमजोर करने के लिए किया जा रहा है।’’
विपक्षी दल ने अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं के खिलाफ पुलिस की ‘कार्रवाई’ के खिलाफ धरना भी दिया था।
बादल ने तब एसएसपी की आप के ‘पिछलग्गू’ की तरह काम करने के लिए निंदा की थी और उन्हें चेतावनी दी थी कि अगर उन्होंने अपनी सीमा लांघी और सत्तारूढ़ दल के ‘राजनीतिक एजेंट’ की तरह काम किया तो उन्हें जवाबदेह ठहराया जाएगा।
इस महीने फिर से शिअद ने निर्वाचन आयोग में एक और शिकायत दर्ज कराई, जिसमें आरोप लगाया गया कि शिअद उम्मीदवार रंधावा की बेटी कंचनप्रीत कौर का सादे कपड़ों में दो पुलिस अधिकारी पीछा कर रहे थे, जिन्हें बाद में पकड़ लिया गया।
शिकायत में शिअद ने कहा था कि यह घटना स्पष्ट रूप से उम्मीदवार और उनके परिवार को कथित तौर पर सरकारी मशीनरी के इशारे पर ‘डराने और धमकाने’ की कोशिश है।
शिअद ने कहा था, ‘‘इस तरह का आचरण न केवल चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता को कमजोर करता है, बल्कि आदर्श आचार संहिता का भी गंभीर उल्लंघन है, जिसके अनुसार पुलिस और प्रशासनिक मशीनरी को तटस्थ रहना चाहिए और राजनीतिक विरोधियों को प्रभावित या परेशान करने के लिए इसका इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।’’ पार्टी ने चुनाव प्रक्रिया में निष्पक्षता बनाए रखने के लिए एसएसपी के तबादले या प्रशासनिक कार्रवाई की मांग की थी।
बादल ने चुनाव पर्यवेक्षक को मामले की रिपोर्ट ‘पुरजोर’ तरीके से निर्वाचन आयोग को देने के लिए धन्यवाद दिया।
तरनतारन उपचुनाव के लिए मतदान 11 नवंबर को होगा और नतीजे 14 नवंबर को घोषित होंगे।
आम आदमी पार्टी विधायक कश्मीर सिंह सोहल के जून में निधन के बाद तरनतारन विधानसभा सीट खाली हो गई थी।
भाषा संतोष